होली से पहले ही रंगमय हुआ हाथरस, चुनावी माहौल में इस रंग की है सबसे ज्यादा डिमांड

इस फैक्ट्री में बनाए जाने वाले रंग इसलिए भी मशहूर हैं क्योंकि ये 100% प्राकृतिक तरीके से बनाए जाते हैं. यहां पर सबसे पहले फूलों को रात भर पानी में भिगोकर रख दिया जाता है, उसके बाद अगले दिन उसे स्टार्च के साथ आरओ (RO) का पानी मिलाकर मिक्सिंग मशीन में मिक्स किया जाता है.

प्राकृतिक तरीके से बनाए जाते हैं रंग
तेजश्री पुरंदरे
  • हाथरस ,
  • 08 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 3:13 PM IST
  • विदेशों से भी है भारी डिमांड
  • प्राकृतिक तरीके से बनाए जाते हैं रंग

उत्तर प्रदेश के हाथरस को रंगों का शहर भी कहा जाता है. देश में बिकने वाले होली के रंगों का सप्लाई भी यहीं से होती है. उत्तर प्रदेश में लगभग 50 ऐसी फैक्ट्रियां हैं जहां पर रंग बनाने का काम किया जाता है. मार्च का महीना आते ही होली के लिए बिकने वाले रंगों का कारोबार बहुत तेज हो जाता है. लेकिन इस बार मार्च के महीने में दो बार यह रंग सबसे ज्यादा बिकने वाले हैं. पहला 17 मार्च यानी होली वाले दिन जब सभी रंग बिकेंगे और दूसरी बार 10 मार्च को, जब उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा के चुनावों के परिणामों की घोषणा की जाएगी.  लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि उससे पहले ही रंगों की बिक्री शुरू हो चुकी है.

कौन-सा रंग बिक रहा है सबसे ज्यादा?

फैक्ट्री के मालिक कृष्णा बताते हैं कि उनके यहां इस बार सबसे ज्यादा भगवा रंग बिक रहा है. कृष्णा कहते हैं कि चुनाव के परिणामों से पहले ही इस बार भगवा रंग बहुत डिमांड में है. बीते कुछ सालों में पहले वायलेट यानी बहुजन समाजवादी पार्टी के रंग की बहुत डिमांड हुआ करती थी, लेकिन इस बार भगवा रंग बहुत तेजी से बिक रहा है. भगवा के अलावा लाल रंग की डिमांड में तो है लेकिन वायलेट यानी बीएसपी का कलर सबसे ज्यादा बिक रहा है. 

प्राकृतिक तरीके से बनाए जाते हैं रंग

प्राकृतिक तरीके से बनाए जाते हैं रंग 

दरअसल, इस फैक्ट्री में बनाए जाने वाले रंग इसलिए भी मशहूर हैं क्योंकि ये 100% प्राकृतिक तरीके से बनाए जाते हैं. यहां पर सबसे पहले फूलों को रात भर पानी में भिगोकर रख दिया जाता है, उसके बाद अगले दिन उसे स्टार्च के साथ आरओ (RO) का पानी मिलाकर मिक्सिंग मशीन में मिक्स किया जाता है. मिश्रण एक जैसा होने के बाद उसे सुखाने के लिए दूसरी बड़ी मशीन में डाला जाता है. जहां पर सूखकर कलर पूरी तरह से तैयार हो जाता है. 

विदेशों से भी है भारी डिमांड 

कृष्णा बताते हैं कि इस फैक्ट्री में 1 दिन में 10 टन कलर तैयार किया जाता है. बता दें, इन हर्बल और ऑर्गेनिक रंगों को देश ही नहीं बल्कि बाहर के देशों में भी लोग खूब पसंद कर रहे हैं. यह रंग ऑनलाइन खरीदारों के लिए भी उपलब्ध है.

फैक्ट्री में 1 दिन में 10 टन कलर तैयार किया जाता है

क्या है रंगों के बिकने का चुनावी कनेक्शन 

फैक्ट्री के मालिक कृष्णा बताते हैं कि हाथरस में तो इस बार भगवा रंग ही चढ़ने वाला है. वे कहते हैं कि हाथरस तो क्या बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनेगी और 10 मार्च के दिन भगवा रंग ही अपनी छटा बिखेरेगा. उनका मानना है कि योगीराज में जमीनी स्तर पर बहुत काम किया गया है इसलिए एक बार फिर से उन्हीं की सरकार बननी चाहिए. 

 

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