उत्तर प्रदेश में 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव में बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन किया है. एनडीए गठबंधन के पक्ष में 7 सीटें हैं. जबकि समाजवादी पार्टी को सिर्फ 2 सीटों पर जीत मिली है. इस बार यूपी उपचुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जादू चला है. सूबे में बीजेपी को किसी सीट पर 31 साल बाद तो किसी सीट पर 33 साल बाद जीत नसीब हुई है. इस उपचुनाव नें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खूब प्रचार किया था और चुनाव की पूरी जिम्मेदारी अपने कंधों पर उठाई थी.
योगी आदित्यनाथ का चला जादू-
बीजेपी ने कुंदरकी और कटेहरी विधानसभा सीट पर दशकों बाद जीत का स्वाद चखा है. कुंदरकी सीट पर बीजेपी का कमल रामवीर सिंह ने खिलाया है. जबकि कटेहरी सीट पर धर्मराज निषाद ने बीजेपी को जीत दिलाई है. इन सीटों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जमकर प्रचार किया था. कटेहरी में बीजेपी को 33 साल बाद और कुंदरकी में 31 साल बाद पार्टी को जीत मिली है. कुंदरकी में तो 65 फीसदी मुस्लिम आबादी है. लेकिन इस बार मुसलमानों ने भी खूब बीजेपी के पक्ष में खूब वोटिंग की है.
कटेहरी में 33 साल बाद खिला कमल-
उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर की कटेहरी विधानसभा सीट पर 33 साल बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) को जीत मिली है. बीजेपी के धर्मराज निषाद समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार शोभावती वर्मा पर भारी पड़े हैं. आखिरी बार इस सीट पर साल 1991 में बीजेपी को जीत मिली थी. उस समय बीजेपी के अनिल तिवारी ने जीत हासिल की थी. उस जीत के बाद अनिल तिवारी को मंत्री भी बनाया गया था. अनिल तिवारी ने बीएसपी के रामदेव वर्मा को करीब 7 हजार वोटों से हराया था.
हालांकि साल 1993 में रामदेव वर्मा ने बीजेपी के अनिल तिवारी को 40 हजार वोटों से हराया था. साल 2022 विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने इस सीट को सहयोगी दल निषाद पार्टी को दे दिया था. इसके बावजूद एनडीए को जीत नहीं मिली थी.
कुंदरकी में 31 साल बाद योगी ने दिलाई जीत-
कुंदरकी विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी को 31 साल बाद जीत मिली है. बीजेपी के रामवीर सिंह समाजवादी पार्टी के मोहम्मद रिजवान पर भारी पड़े हैं. रामवीर सिंह 1 लाख 30 हजार से ज्यादा वोटों से आगे हैं. जबकि मोहम्मद रिजवान को सिर्फ 20 हजार के करीब वोट मिला है.
इस सीट पर मुस्लिम आबादी 65 फीसदी है और इस उपचुनाव में 58 फीसदी वोटिंग हुई थी. इस उपचुनाव बीजेपी उम्मीदवार की मु्स्लिम टोपी लगाकर दरगाह पर जाने की तस्वीर खूब चर्चा में रही थी. अब नतीजों में उसका फायदा बीजेपी उम्मीदवार रामवीर सिंह को होता हुआ दिखाई दिया है.
बीजेपी को कुंदरकी सीट पर आखिरी बार साल 1993 में जीत हासिल हुई थी. बीजेपी के चंद्रविजय सिंह ने जीत हासिल की थी. उसके बाद से बीजेपी कभी भी इस सीट पर जीत दर्ज नहीं कर पाई थी.
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