Gujarat Elections 2022: भाजपा ने गुजरात विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए झोंकी ताकत, जानिए किन-किन सीटों पर है विशेष नजर

गुजरात विधानसभा की 182 सीटों में से 89 पर पहले चरण में चुनाव हो चुका है.दूसरे चरण में 5 दिसंबर को बची हुईं 93 सीटों पर वोटिंग होनी है. गुजरात में किसी भी दल को सरकार बनाने के लिए 92 सीटों की जरूरत है. मतदान से पहले भाजपा ने जीत के लिए पूरी ताकत झोंक दी है.

गुजरात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का किया गया स्वागत.
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 03 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 1:11 PM IST
  • 5 दिसंबर 2022 को बची हुईं 93 सीटों पर होनी है वोटिंग 
  • पीएम मोदी ने सूरत की एक दर्जन सीटों पर प्रचार के आखरी दौर में जोरदार रोड शो किया

गुजरात विधानसभा की 182 सीटों में से 89 पर पहले चरण में चुनाव हो चुका है.दूसरे चरण में 5 दिसंबर को बची हुईं 93 सीटों पर वोटिंग होनी है.साल 2017 के विधानसभा चुनाव में इन 93 में से बीजेपी को 51 जबकि कांग्रेस को 39 सीटों पर जीत मिली थी. दूसरे चरण में कुल 833 प्रत्याशियों की किस्मत दांव पर हैं.गुजरात में किसी भी दल को सरकार बनाने के लिए 92 सीटों पर जरूरत है. मतदान से पहले भाजपा ने जीत के लिए पूरी ताकत झोंक दी है.बृहस्पतिवार और शुक्रवार को पीएम मोदी ने मैराथन रोड शो किए. गुजरात की सत्ता पर फिर काबिज होने के लिए भाजपा को प्रथम चरण में दक्षिण गुजरात में अपनी उपलब्धि को बरकरार रखने के साथ सौराष्ट्र में नंबर सुधारने की दरकार है. 2012 के चुनाव की तुलना में भाजपा को 2017 में सौराष्ट्र व दक्षिण गुजरात में 15 सीट कम हासिल हुई थी, यही कारण है कि इस बार पीएम मोदी ने सूरत की एक दर्जन सीटों पर प्रचार के आखरी दौर में जोरदार रोड शो किया. भाजपा पिछले एक साल से गुजरात चुनाव की तैयारियां कर रही है. पार्टी ने सबसे पहले प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के पद पर सांसद सी आर पाटिल को बैठाया ताकि अपेक्षित चुनाव परिणाम हासिल किया जा सके. पाटिल माइक्रो मैनेजमेंट एवं पेज प्रमुख एवं पेज समिति के जनक माने जाते हैं. पाटिल ने नवसारी से लोकसभा चुनाव रिकार्ड 6 लाख 89,668 मतों से जीता था जो 2019 के लोकसभा चुनावे में एक रिकार्ड है.

दूसरे चरण की वीवीआईपी सीटें

घाटलोदिया विधानसभा सीट: घाटलोदिया सीट बीजेपी के दबदबे वाली सीट मानी जाती है. पिछली दो बार से यहां से सीएम कैंडिडेट ने ही जीत दर्ज की है. 2012 के चुनाव में आनंदीबेन पटेल यहां से चुनाव जीती थीं, तो वहीं 2017 में भूपेंद्र पटेल विजयी हो चुके हैं. इस इलाके को पीटादार वोटर्स का इलाका माना जाता है और कहा जाता है कि यहां से बीजेपी किसी को भी उतारे उसकी जीत पक्की है.

मणिनगर : गुजरात चुनाव में मणिनगर विधानसभा सबसे चर्चित सीट है. यह बीते 28 सालों से बीजेपी का गढ़ रहा है. खुद सीएम रहते हुए नरेंद्र मोदी  यहां से लगातार तीन चुनाव जीते हैं. 2017 के चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी के बाद भाजपा के पटेल सुरेशभाई धनजीभाई (सुरेश पटेल) ने यहां से 75,199 वोटों के बड़े अंतराल से जीत दर्ज की थी. इस बार भाजपा ने अमूलभाई भट्ट को मैदान में उतारा है, तो कांग्रेस से सीएम राजपूत मैदान में हैं. वहीं आम आदमी पार्टी ने विपुलभाई पटेल को चुनावी समर में उतारा है. 

वीरमगाम : वीरमगाम विधानसभा सीट पर पिछली बार विधानसभा चुनाव में चर्चा में रहे पाटीदार आंदोलन के युवा नेता हार्दिक पटेल चुनावी मैदान में हैं. बीजेपी ने उन्हें मैदान में उतारा है और उनपर 10 साल बाद बीजेपी को ये सीट दिलाने की चुनौती है. कांग्रेस ने मौजूदा विधायक लाखाभाई भारवाड़ पर भरोसा जताया है. आम आदमी पार्टी की ओर से मैदान में अमरसिंह ठाकोर हैं. यहां सबसे ज्यादा ठाकोर समुदाय के मतदाता हैं.

गोधरा : गोधरा सीट अहम और सबसे चर्चित सीटों में से एक है. दो बार से लगातार जीतती आ रही कांग्रेस से ये सीट 2017 के विधानसभा चुनाव नें बीजेपी के चंद्रसिंह कनकसिंह राउलजी ने झटक ली थी. इस बार गोधरा विधानसभा सीट पर बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी तीनों ही दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है. बीजेपी ने अपने सीट‍िंग एमएलए चंद्रसिंह कनकसिंह राउलजी को मैदान में उतारा है. कांग्रेस ने रश्मिता दुष्यंत चौहान तो वहीं आम आदमी पार्टी ने राजेश पटेल राजू पर भरोसा जताया है. गोधरा सीट पर करीब 72 हजार मुस्लिम मतदाता है, जो निर्णायक भूमिका निभाते हैं.

दानीलिम्डा : गुजरात की दानीलिम्डा विधानसभा सीट उन सीटों में से हैं, जहां से आजतक बीजेपी का खाता नहीं खुल सका है. बीजेपी इस बार यहां से हर हाल में जीत चाहती है, तो वहीं कांग्रेस को हैट्रीक की उम्मीद है.दानीलिम्डा अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट है. बीजेपी ने नरेशभाई व्यास को मैदान में उतारा है.

क्या रहा है 2012 और 2017 का परिणाम
गुजरात में भाजपा ने 2017 के विधानसभा चुनाव में मत प्रतिशत के लिहाज से सुधार किया था, भाजपा को 2012 में 47.85 प्रतिशत मत मिले थे. जबकि पिछले चुनाव में पार्टी 49.05 फीसदी मत हासिल करके भी पिछड़ गई थी. 2012 के चुनाव में भाजपा को 115 सीट हासिल हुईं थी. जबकि 2017 में ये 99 सीट रह गई थी. उधर कांग्रेस ने 2012 में 38.93 की परफोर्मेंस को 2017 में सुधारकर 41.44 मत प्रतिशत हासिल कर 3 दशक में रिकार्ड 77 सीटें जीत ली थी.


 

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