हिमाचल प्रदेश की सभी 68 विधानसभा सीटों पर शनिवार को मतदान हुआ. मतदान सुबह 8 बजे से शुरू हुआ जो शाम पांच बजे तक चला. चुनाव आयोग ने कहा 75% वोटिंग हुई है. वोटों की गिनती 8 दिसंबर को होगी. बीते 10 नवंबर को सभी पार्टियों ने चुनावी रैलियां और प्रचार करना बंद कर दिया था. गौरतलब है कि लगभग 44 सीटें 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की झोली में आई थी, जबकि कांग्रेस सिर्फ 21 सीटों पर सिमट कर रह गई थी.
मतदाताओं को अपने मतदाता फोटो पहचान पत्र (EPIC) ले जाने और मतदान केंद्र पर दिखाने की आवश्यकता है. वे अपनी फोटोयुक्त मतदाता पर्ची के अलावा एक पहचान पत्र भी रख सकते हैं.
चुनाव आयोग के अनुसार, प्रदेशभर में कुल 55,92,828 मतदाता, जिनमें 27,37,845 महिलाएं, 28,54,945 पुरुष और 38 थर्ड जेंडर हैं, 412 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे. जिनमें से 24 महिला उम्मीदवार हैं.
इन पार्टियों के बीच होगा राजनीतिक
हिमाचल में पिछले कई चुनावों से भाजपा और कांग्रेस के बीच वैकल्पिक सत्ता देखने को मिली है. जहां भाजपा ने राज्य और केंद्र सरकारों के प्रदर्शन और राज्य के लिए अपने विजन के आधार पर सत्ता में लौटने का भरोसा जताया है, वहीं कांग्रेस को उम्मीद है कि उसके कुछ चुनावी वादे मतदाताओं के बीच एक प्रमुख आकर्षण होंगे.
आम आदमी पार्टी (आप) को भी राज्य में अपनी छाप छोड़ने की उम्मीद है और वह सभी 68 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. इन तीनों दलों के अलावा बहुजन समाज पार्टी (बसपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) और राष्ट्रीय देवभूमि पार्टी (आरडीपी) जैसी पार्टियां मैदान में हैं.
हिमाचल चुनाव के स्टार प्रचारक
भाजपा चुनाव के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी प्रमुख जगत प्रकाश नड्डा और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जैसे स्टार प्रचारकों को लेकर आई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हिमाचल में जमकर प्रचार किया. वहीं कांग्रेस की तरफ से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत पार्टी के अन्य शीर्ष नेताओं के साथ कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा भी मैदान में उतरीं. आज का चुनाव जेपी नड्डा के लिए भी बहुत मायने रखता है क्योंकि हिमाचल प्रदेश उनका मूल राज्य है.
क्या है मतदान केंद्रों की संख्या?
चुनाव आयोग के अनुसार, मतदान के लिए कुल 7,881 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. कांगड़ा जिले में सबसे अधिक 1,625 मतदान केंद्र हैं, जबकि लाहौल-स्पीति जिले में सबसे कम 92 हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में 7,235 मतदान केंद्र और शहरी क्षेत्रों में 646 मतदान केंद्र हैं. इसके अलावा, तीन सहायक मतदान केंद्र सिद्धबारी (धर्मशाला), बड़ा भंगल (बैजनाथ) और ढिल्लों (कसौली) में भी स्थापित किए जाएंगे.
चुनावी रण में हैं ये उम्मीदवार?
प्रमुख निर्वाचन क्षेत्रों में सिराज शामिल हैं, जहां से हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर फिर से चुनाव लड़ रहे हैं. कांग्रेस ने चेतराम ठाकुर को उतारा है जो पिछली बार भी इस सीट से चुनाव लड़े थे. वहीं महिंदर राणा माकपा उम्मीदवार हैं.
कांग्रेस विधायक दल के नेता मुकेश अग्निहोत्री ऊना जिले के हरोली विधानसभा क्षेत्र से अपना पांचवां चुनाव लड़ रहे हैं. बीजेपी ने उनके खिलाफ प्रदेश प्रवक्ता राम कुमार को खड़ा किया है.
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के पूर्व प्रमुख सुखविंदर सिंह सुक्खू, जिन्हें मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में देखा जा रहा है, नादौन से चुनाव लड़ रहे हैं. बीजेपी ने विजय अग्निहोत्री को मैदान में उतारा है.
हिमाचल की पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता आशा कुमारी डलहौजी से चुनाव लड़ रही हैं. उनका मुकाबला बीजेपी के डीएस ठाकुर और आप के मनीष सरीन से है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कौल सिंह ठाकुर एक बार फिर अपनी पारंपरिक सीट दारंग से भाजपा के पूरन चंद ठाकुर और आप उम्मीदवार सुनीता ठाकुर के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह शिमला ग्रामीण से दोबारा चुनाव लड़ रहे हैं. इस सीट से बीजेपी ने रवि मेहता को उतारा है.
शिमला शहरी में कांग्रेस के हरीश जनार्थ का मुकाबला भाजपा के 'चायवाला' उम्मीदवार संजय सूद से है. आप के चमन राकेश अजता और माकपा के टिकेंद्र सिंह पवार भी मैदान में हैं.
नूरपुर में बीजेपी ने एक नए उम्मीदवार रणवीर सिंह को मैदान में उतारा है, जो कांग्रेस के अजय महाजन और आप की मनीषा कुमारी के खिलाफ लड़ रहे हैं.
फतेहपुर से हाल ही में हुए उपचुनाव में जीत हासिल करने वाली भवानी पठानिया का मुकाबला भाजपा के मंत्री और प्रत्याशी राकेश पठानिया से है. आप ने हिमाचल के पूर्व मंत्री राजन सुशांत को मैदान में उतारा है.
नगरोटा में कांग्रेस प्रत्याशी आरएस बाली का मुकाबला भाजपा प्रत्याशी अरुण कुमार मेहरा और आप प्रत्याशी उमाकांत डोगरा से है.
हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार सुलह से जगदीश साफिया और आप उम्मीदवार रविंदर सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं.
सुजानपुर में, कांग्रेस ने फिर से राजिंदर सिंह राणा को मैदान में उतारा है, जिन्होंने 2017 के चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को हराया था. इस सीट से बीजेपी ने रंजीत सिंह और आप ने अनिल राणा को मैदान में उतारा है.
भरमौर से भाजपा के डॉ जनक राज का मुकाबला कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ठाकुर सिंह भरमौरी से है. आप ने प्रकाश चंद भारद्वाज को मैदान में उतारा है.
जुब्बल कोटखाई में कांग्रेस ने मौजूदा विधायक रोहित ठाकुर को मैदान में उतारा है. उनका मुकाबला बीजेपी के चेतन सिंह बरागटा से है. माकपा ने विशाल शांगता को मैदान में उतारा है और श्रीकांत चौहान आप के उम्मीदवार हैं.
पूर्व कांग्रेस समाकपा के राकेश सिंघा, भाजपा के अजय श्याम और आप के अत्तर सिंह के खिलाफ पार्टी प्रमुख कुलदीप राठौड़ चुनाव मैदान में हैं.
मंत्री सुरेश भारद्वाज को शिमला से कसुम्पटी स्थानांतरित किया गया. कांग्रेस प्रत्याशी अनिरुद्ध सिंह और माकपा प्रत्याशी कुलदीप सिंह तंवर भी मैदान में हैं.
इस बीच, हिमाचल प्रदेश में स्वतंत्र और निष्पक्ष विधानसभा चुनाव कराने के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) की 67 कंपनियां जिनमें 6,700 कर्मचारी और 15 केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) कंपनियां शामिल हैं, को तैनात किया गया है. इसके अलावा 50 हजार सरकारी कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी पर लगाया गया है. राज्य भर में 25,000 से अधिक पुलिस अधिकारी भी तैनात हैं.
राष्ट्रीय आपदा राहत बल (NDRF) और राज्य आपदा राहत बल (SDRF) के 800 जवानों को भी तैनात किया गया है. 2017 में, बीजेपी ने हिमाचल चुनावों में कुल 68 सीटों में से 44 सीटों पर जीत हासिल की, जबकि कांग्रेस सिर्फ 21 सीटें हासिल करने में सफल रही.