Maharashtra Siyasi Kisse: जब Indira Gandhi ने CM शरद पवार को दिल्ली बुलाया...फिर 48 घंटे के भीतर महाराष्ट्र में पीडीएफ सरकार को कर दिया बर्खास्त, पढ़िए ये किस्सा

Maharashtra Siyasi Kisse: शरद पवार (Sharad Pawar) सबसे कम उम्र में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने थे. शरद पवार की सरकार को इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) ने बर्खास्त किया था. उससे पहले दोनों की दिल्ली में बैठक हुई थी.

Indira Gandhi & Sharad Pawar (Photo Credit: India Today)
ऋषभ देव
  • नई दिल्ली,
  • 02 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 10:08 PM IST
  • शरद पवार सबसे कम उम्र के महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने
  • प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी शरद पवार की सरकार को बर्खास्त कर दिया
  • 1980 में महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया

Maharashtra Siyasi Kisse: शरदचन्द्र पवार. ये शख्स कई दशकों से महाराष्ट्र की सियासत की धुरी बना हुआ है. आज भी शरद पवार का कद उतना ही बड़ा है जितना 80 और 90 के दशक में हुआ करता था.

शरद पवार 38 साल की उम्र में महाराष्ट्र के सबसे कम उम्र में मुख्यमंत्री बने थे. उस समय शरद पवार के इंदिरा गांधी को अपना पावर गेम दिखा दिया था. ठीक दो साल बाद इंदिरा गांधी ने शरद पवार को भी पावर गेम दिखाया. 

इंदिरा गांधी ने शरद पवार की सरकार को बर्खास्त कर दिया. उससे कुछ घंटों पहले दिल्ली में इंदिरा गांधी और शरद पवार की एक मीटिंग हुई थी. इस बैठक के बाद ही इंदिरा गांधी ने महाराष्ट्र की सरकार को बर्खास्त करने का फैसला किया. 

आखिर इंदिरा गांधी और शरद पवार की उस बैठक में क्या हुआ था? आइए महाराष्ट्र के इस किस्से पर नजर डालते हैं.

महाराष्ट्र में कांग्रेसी सरकार
साल 1978 में कांग्रेस एक बार फिर से कांग्रेस दो धड़ों में बंट गई. कांग्रेस (I) यानी कांग्रेस इंदिरा और कांग्रेस (S) यानी कांग्रेस शंकरराव. शरद पवार और वसंत दादा पाटिल कांग्रेस (S) के साथ हो गए. 

1978 में महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव हुए. जनता पार्टी को सबसे ज्यादा 99 सीटें मिलीं. राज्य में जनता पार्टी न बन पाए. इसके लिए कांग्रेस के दोनों दलों ने मिलकर सरकार बनाई. वसंत दादा पाटिल (Vasantdada Patil) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने.

शरद पवार की बगावत
1978 में कांग्रेस सरकार में फूट दिखनी शुरू हो गई. कांग्रेस (I) से अलग होकर सरकार बनाने के लिए शरद पवार ने बगावत का रास्ता चुना. शरद पवार समेत कई नेता जनता पार्टी के नेता चन्द्रशेखर से मिले. जनता पार्टी ने समर्थन देने का वादा कर दिया.

इंदिरा गांधी को इसकी भनक लग गई. उन्होंने यशवंतराव चव्हाण से इस बगावत को रोकने के लिए कहा. यशवंतराव चव्हाण (Yashwantrao Chavan) ने बगावत को रोकने की कोशिश की लेकिन कामयाब नहीं हो पाए.

1978 में विधानसभा का सेशन चल रहा था. इसी दौरान कांग्रेस (S) के 38 विधायक सरकार से अलग हो गए. सरकार अल्पमत में आ गई. मुख्यमंत्री वसंत दादा पाटिल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. महाराष्ट्र में जनता पार्टी के समर्थन से नई सरकार बनी. शरद पवार पहली बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने.

राष्ट्रपति का बुलावा
1980 तक आते-आते देश की राजनीति बदल चुकी थी. पहले मोरारजी देसाई और फिर चरण सिंह कुछ दिनों के लिए देश के प्रधानमंत्री बने.  साल 1980 में देश भर में आम चुनाव हो गए. इंदिरा गांधी की सत्ता में वापसी हुई.

इंदिरा गांधी ने जनता पार्टी के शासन वाली 9 राज्यों की सरकार को बर्खास्त कर दिया. उस समय शरद पवार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे. नागपुर में विधानसभा का शीतकालीन सत्र चल रहा था. सेशन खत्म होने से दो दिन पहले गृह मंत्री ज्ञानी जैल सिंह ने फोन कर शरद पवार को दिल्ली बुलाया.

इंदिरा गांधी से मीटिंग
15 फरवरी 1980 को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री शरद पवार दिल्ली पहुंचे. दिल्ली पहुंचते ही उनको गृह मंत्री ऑफिस आने को कहा गया. ज्ञानी जैल सिंह ने शरद पवार को बताया कि प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उनको बुलाया है. इस बैठक का जिक्र शरद पवार ने अपनी आत्मकथा 'अपनी शर्तों पर' में किया है.

इसके बाद शरद पवार और गृह मंत्री जैल सिंह प्रधानमंत्री रेसींडेंस 24, विलिंगटन क्रेसेंट पहुंचे. ज्ञानी जैल सिंह शरद पवार को प्रधानमंत्री आवास पर छोड़कर चले गए. कुछ देर बाद पीएम इंदिरा गांधी कमरे में आईं. शरद पवार ने इंदिरा गांधी को सत्ता में वापसी की बधाई दी.

शरद पवार की सरकार का अंत
इस मीटिंग में इंदिरा गांधी ने अपने तेवर दिखाए और शरद पवार शांत रहे. इंदिरा गांधी ने शरद पवार को संजय गांधी के साथ मिलकर काम करने के लिए कहा.  इंदिरा गांधी ने शरद पवार से कहा- मुझे तुम्हारी काबिलियत पर पूरा भरोसा है. शरद पवार ने जवाब दिया कि यदि ऐसा है तो फिर आप मेरा समर्थन क्यों नहीं करतीं? इसके जवाब में इंदिरा गांधी हंस दी.

ऐसी ही कुछ बातों के साथ मीटिंग खत्म हो गई. इसके बाद शरद पवार वापस मुंबई चले गए. 17 फरवरी 1980 को शरद पवार गोरेगांव के आरे कॉलोनी गेस्ट हाउस में अपने कुछ दोस्तों के साथ थे. थोड़ी देर बाद मुख्यमंत्री आवास आ गए.

रात के 12 बजे महाराष्ट्र के मुख्य सचिव एल एस लूला मुख्यमंत्री आवास पहुंचे. उन्होंने मुख्यमंत्री शरद पवार को केन्द्र सरकार की तरफ से आए एक नोटिफिकेशन को पढ़कर सुनाया. इंदिरा गांधी ने मीटिंग के 48 घंटे के भीतर शरद पवार की सरकार गिरा दी.

शरद पवार ने उसी रात को मुख्यमंत्री आवास खाली कर दिया. इस तरह से इंदिरा गांधी ने महाराष्ट्र की पीडीएफ सरकार को बर्खास्त कर दिया. महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया. बाद में महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव हो गए. कांग्रेस (I) सत्ता में आई और शरद पवार को विपक्ष में बैठना पड़ा.

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