Maharashtra Siyasi Kisse: जब Uddhav Thackeray ने BJP के साथ जाने से किया इंकार तो…PM Modi ने Sharad Pawar को दिया साथ में सरकार बनाने का ऑफर…पढ़िए महाराष्ट्र का ये सियासी किस्सा

2019 में महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा सीटें बीजेपी को मिलीं लेकिन शिवसेना (Shiv Sena) ने काम बिगाड़ दिया. शिवसेना ने साथ सरकार बनाने की एक शर्त रख दी. पीएम मोदी (PM Narendra Modi) ने एनसीपी चीफ शरद पवार (Sharad Pawar) को महाराष्ट्र में बीजेपी के साथ सरकार बनाने का ऑफर दिया.

PM Narendra Modi & Sharad Pawar (Photo Credit: Getty Images)
ऋषभ देव
  • नई दिल्ली,
  • 09 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 10:51 PM IST
  • 2019 में शिवसेना ने बीजेपी से सीएम की शर्त रख दी
  • बीजेपी और शिवसेना दूसरे ऑप्शन देखने लगी
  • शरद पवार महाराष्ट्र की राजनीति के केन्द्र में आ गए

तारीख 20 नवंबर 2019. राज्यसभा (Rajya Sabha) में पार्लियामेंट सेशन चल रहा है. एनसीपी सुप्रीमो सबसे आगे की लाइन में बैठे हैं. शिवसेना के सांसद संजय राउत पीछे के लाइन में बैठे हैं. महाराष्ट्र में सरकार बनाने की जद्दोजहद चल रही है. पहली बार कांग्रेस (Congress) और शिवेसना (Shiv Sena) सरकार बनाने के लिए एक टेबल पर नज़र आ रहे हैं.

सेशन के बाद सरकार पवार कुछ फाइल उठाते हैं और प्रधानमंत्री के ऑफिस की तरफ़ चल पड़ते हैं. शरद पवार पीएम मोदी से मिलते हैं. पीएम मोदी मीटिंग में अमित शाह और निर्मला सीतारमण को भी बुलाते हैं. प्रधानमंत्री नेरन्द्र मोदी शरद पवार से महाराष्ट्र में साथ मिलकर सरकार बनाने की बात करते हैं. 

इस बैठक के बाद अटकलें लगाई जाती हैं कि बीजेपी और एनसीपी साथ मिलकर सरकार बनाने की बात करते हैं. इस बैठक के ठीक दो दिन बाद देवेन्द्र फडणवीस महाराष्ट्र के सीएम की शपथ लेते हैं और एनसीपी के अजीत पवार डिप्टी सीएम बनते हैं.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और शरद पवार के बीच क्या बात हुई थी? आइए महाराष्ट्र की सियासत के इस क़िस्से पर नज़र डालते हैं.

NDA सबसे बड़ी पार्टी
महाराष्ट्र में 2019 में विधानसभा चुनाव हुए. लोकसभा और विधानसभा चुनाव में शिवेसना और बीजेपी ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा. विधानसभा चुनाव में बीजेपी को सबसे ज़्यादा 105 सीटें मिलीं. शिवसेना दूसरे नंबर की पार्टी रही. शिवसेना ने 56 सीटें जीतीं. आदित्य ठाकरे पहली बार विधानसभा चुनाव लड़े और जीते.

इस चुनाव में एनसीपी को काफ़ी फ़ायदा हुआ. एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिलीं. एनडीए गठबंधन आराम से सरकार बना सकती थी. देवेन्द्र फडणवीस फिर से मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे थे लेकिन इस बार उद्धव ठाकरे दूसरे मूड में थे. उद्धव ठाकरे ने साफ़-साफ कह दिया कि इस बार महाराष्ट्र में शिवसेना का मुख्यमंत्री होगा.

एनडीए में टूट
उद्धव ठाकरे ने कहा कि लोकसभा चुनाव में साथ आने से पहले अमित शाह ने पावर और ज़िम्मेदारी की 50-50 की बात की थी. यानी अगर सरकार आती है तो ढाई साल मुख्यमंत्री शिवसेना का रहेगा और ढाई साल मुख्यमंत्री बीजेपी का रहेगा. उद्धव ठाकरे की इस बात को देवेन्द्र फडणवीस ने ठुकरा दिया. देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं हुई थी.

महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना की सरकार बनाने को लेकर काफ़ी बात हुई थी. दोनों पार्टियों के नेता कई बार साथ मिले. बीजेपी ने अलग-अलग ऑफ़र से उद्धव को मनाने की कोशिश की लेकिन वो टस से मस नहीं हुए. इसी बीच अंदरखाने शिवेसना और एनसीपी के बीच बात शुरू हो गई. एनसीपी ने कांग्रेस को भी सरकार में शामिल होने के लिए मना लिया. 

शिवसेना के नए साथी
सरकार बनाने में सबसे बड़ी भूमिका शरद पवार निभा रहे थे. शरद पवार एक तरफ़ शिवसेना से बात कर रहे थे. वहीं दूसरी तरफ़ कांग्रेस से भी बात कर रहे थे. प्रियम गांधी मोडी अपनी किताब ट्रेडिंग पावर में बताती हैं कि शरद पवार बीजेपी से भी सरकार बनाने को लेकर संपर्क में थे लेकिन बाद में उन्होंने वो इरादा छोड़ दिया. इसको घटना को लेकर किताब में एक क़िस्सा भी दिया गया है.

18 नवंबर 2019 की दोपहर का समय था. देवेन्द्र फडणवीस अजीत पवार को फ़ोन पर मैसेज भेजते हैं, ऐसा लग रहा की पवार साहेब बीजेपी-एनसीपी डील से पीछे हट रहे हैं. अजीत पवार जवाब देते हैं, ये बिल्कुल सही है. उनको लगता है कि अगर वो सेना को सपोर्ट करते हैं तो पावर उनके हाथ में रहेगी. इसके बाद फडणवीस पूछते हैं, आप किस तरफ़ हैं. अजीत पवार बोले, मैं अब भी बीजेपी के साथ हूं.

मीटिंग में क्या हुआ?
15 नवंबर को शरद पवार ने पीएम मोदी से मिलने का अपॉइनमेंट मांगा. शरद पवार को पीएम मोदी से मिलने का समय 20 नवंबर को मिला. 20 नवंबर को राज्यसभा के सेशन के बाद शरद पवार पीएमओ ऑफिस की तरफ़ चल पड़ा. इस घटनाक्रम का ज़िक्र कमलेश सुथार की 36 डेज में दिया गया है. कमलेश सुथार लिखते हैं, शरद पवार ने बताया कि उनकी पीएम मोदी के साथ मीटिंग किसानों की समस्या को लेकर है.

शरद पवार पीएमओ ऑफिस पहुंचते हैं. शरद पवार तीन पेज का मेमोरेंडेम पीएम मोदी के सामने रखते हैं. महाराष्ट्र में बेमौसम बारिश से किसानों को काफ़ी नुक़सान हुआ है. इसको लेकर शरद पवार राहत पैकेज की बात करते हैं. इस मीटिंग में पीएम मोदी गृह मंत्री अमित शाह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भी बुलाते हैं.

पीएम मोदी का ऑफर
किसानों की समस्या डिस्कस होने के बाद पीएम मोदी शरद पवार एक ऑफ़र रखते हैं. पीएम मोदी कहते हैं, कई चीजों पर हमारी सोच एक जैसी है. हम विकास, उद्योग और कृषि को लेकर एक-जैसा सोचते हैं. हमें साथ मिलकर काम करना चाहिए. प्रियम गांधी मोडी अपनी किताब ट्रेडिंग पावर में लिखती हैं, पीएम मोदी कहते हैं कि पवार साहेब, अगर हम महाराष्ट्र में साथ मिलकर काम करते हैं तो ये बहुत अच्छा होगा.

36 डेज़ में कमलेश सुथार बताते हैं कि पीएम मोदी शरद पवार को एनसीपी-बीजेपी की सरकार बनाने की बात करते हैं. सरकार में एनसीपी को डिप्टी सीएम की पोस्ट देने का वादा करते हैं. इसके अलावा शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले को पीएम मोदी की कैबिनेट में पोर्टफोलिया भी दिया जाएगा. शरद पवार बड़े ध्यान से पीएम मोदी की बात सुनते हैं.

ऑफर रिजेक्ट
शरद पवार पीएम मोदी के इस ऑफ़र को रिजेक्ट कर देते हैं. शरद पवार पीएम मोदी से कहते हैं, आपके साथ काम करने में मुझे ख़ुशी होगी. हमारे पर्सनल रिश्ते अच्छे हैं लेकिन परिस्थिति ऐसी है कि इस बार आपकी पार्टी के साथ काम नहीं कर पाऊंगा. शरद पवार पीएम मोदी को बताते हैं कि वो कांग्रेस और शिवेसना के साथ सरकार बना रहे हैं.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शरद पवार को गुड लक कहते हैं. मीटिंग से निकलकर शरद पवार ने मीडिया को बताया कि इस बैठक का कोई पॉलिटिकल एजेंडा नहीं है. बाद में शरद पवार एक इंटरव्यू में बताया कि पीएम मोदी ने उनसे बीजेपी को सपोर्ट करने की बात कही थी. देवेन्द्र फडणवीस ने इस शरद पवार के इस दावे को झूठा बताया था.

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