Delhi chunav 2025: दिल्ली विधानसभा (Delhi Assembly) की कुल 70 सीटों पर 5 फरवरी को चुनाव होने के बाद 8 फरवरी 2025 को चुनाव के परिणाम घोषित किए जाएंगे. इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में 699 उम्मीदवार मैदान में हैं.भारतीय जनता पार्टी (BJP), सत्तारुढ़ आम आदमी पार्टी (AAP) में इस बार मुख्य लड़ाई है. कांग्रेस (Congress) भी सरकार बनाने का दावा कर रही है. आज हम आपको बता रहे हैं कि दिल्ली में पहली बार कब चुनाव हुआ था और अभी तक किस-किस पार्टी की सरकार बन चुकी है.
जब दिल्ली को मिला पूर्ण विधानसभा का दर्जा
देश की आजादी के बाद दिल्ली में पहला विधानसभा चुनाव साल 1952 में हुआ था. उस समय विधानसभा की कुल 70 नहीं बल्कि 48 सीटें थी. उस समय भाजपा का गठन नहीं हुआ था. कांग्रेस छाई हुई थी. कांग्रेस ने पहले चुनाव में 48 में से 36 सीटों पर जीत दर्ज की थी. चौधरी ब्रह्म प्रकाश दिल्ली के पहले सीएम बने थे. हालांकि 1956 से 1993 तक दिल्ली की विधानसभा को भंग कर इसे केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया और विधानसभा भंग कर दी गई. इसके बाद साल 1992 में दिल्ली को पूर्ण विधानसभा का दर्जा दिया गया. इसके बाद यहां पर पहली बार 1993 में विधानसभा चुनाव कराया गया. कुल 70 सीटों पर चुनाव हुआ था.
विधानसभा चुनाव 1993 में बीजेपी का खिला कमल
दिल्ली को पूर्ण विधानसभा का दर्जा मिलने के बाद से लेकर साल 2024 तक सात विधानसभा चुनाव हुए हैं. इनमें से एक बार बीजेपी, तीन बार कांग्रेस और तीन बार आम आदमी पार्टी सत्ता पर काबिज रही है. 1993 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी का कमल खिला था. भाजपा कुल 70 विधानसभा सीटों में से 49 सीटों पर जीत दर्ज करने में सफल रही थी. कांग्रेस को 14 सीटों पर संतोष करना पड़ा था. चार सीटों पर जनता दल और तीन सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीत दर्ज करने में सफल हुए थे. इस जीत के बाद बीजेपी ने मदन लाल खुराना को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाया था. हवाला कांड में नाम आने के बाद खुराना को 26 फरवरी 1996 को सीएम पद छोड़ना पड़ा. खुराना की जगह नए सीएम साहेब सिंह वर्मा बने. हालांकि बीजेपी ने साहेब सिंह वर्मा को भी मुख्यमंत्री पद से हटाकर 12 अक्टूबर 1998 को सुषमा स्वराज को सीएम बना दिया.
विधानसभा चुनाव 1998 में दिल्ली की सत्ता पर शीला दीक्षित हुईं काबिज
बीजेपी सुषमा स्वराज के नेतृत्व में दिल्ली विधानसभा 1998 में चुनाव मैदान में उतरी, लेकिन सुषमा कांग्रेस की वापसी को रोक नहीं सकीं. इस चुनाव में कांग्रेस ने शीला दीक्षित को मुख्यमंत्री का उम्मीदवार बनाया था. वह कांग्रेस की उम्मीदों पर खरी उतरीं. इस चुनाव में कांग्रेस ने 52 सीटें जीतकर भारी बहुमत हासिल किया और शीला दीक्षित मुख्यमंत्री बनीं. इस चुनाव में बीजेपी को 15 सीटों पर ही जीत मिल सकी. तीन सीटों पर अन्य ने कब्जा जमाया था.
विधानसभा चुनाव 2003 में भी कांग्रेस ने मारी बाजी
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2003 में भी कांग्रेस ने बाजी मारी. इस चुनाव में बीजेपी ने शीला दीक्षित को रोकने के लिए मदन लाल खुराना पर दांव लगाया था. हालांकि खुराना बीजेपी की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे. इस चुनाव में कुल 70 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस को 47 सीटों पर जीत मिली थी. बीजेपी 20 सीटें जीत सकी थी. तीन सीटों पर अन्य ने बाजी मारी थी. इस तरह से एक बार फिर दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित बनने में कामयाब रहीं.
विधानसभा चुनाव 2008 में कांग्रेस ने लगाई जीत की हैट्रिक
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2008 में कांग्रेस ने जीत की हैट्रिक लगा दी. कांग्रेस ने इस चुनाव को भी शीला दीक्षित के नेतृत्व में लड़ा था. शीला दीक्षित बीजेपी नेता विजय कुमार मल्होत्रा पर भारी पड़ीं. इस चुनाव में कांग्रेस 43 सीटों पर जीत दर्ज करने में सफल रही थी. भारतीय जनता पार्टी को 23 सीटों पर संतोष करना पड़ा था. तीन सीटें अन्य के खाते में गईं थीं. इस तरह शीला दीक्षित तीसरी दिल्ली की सीएम बनीं.
विधानसभा चुनाव 2013 में आप का उदय
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2013 में अन्ना हजारे के आंदोलन से निकली आम आदमी पार्टी ने कमाल कर दिया था. इस चुनाव में आप के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस का चुनावी गणित बिगाड़ दिया था. इस चुनाव में बीजेपी 31 सीटों पर जीत दर्ज कर सकी थी तो वहीं आप ने 28 सीटों पर बाजी मारी थी. कांग्रेस को सिर्फ 8 सीटों पर संतोष करना पड़ा था. किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था. आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के बाहरी समर्थन से सरकार बनाई थी. अरविंद केजरीवाल सीएम बने थे. केजरीवाल ने लोकपाल बिल पास नहीं होने पर 49 दिनों के बाद ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया.
विधानसभा चुनाव 2015 में केजरीवाल की पार्टी ने दर्ज की प्रचंड जीत
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2015 में केजरीवाल की पार्टी आप ने प्रचंड जीत दर्ज की थी. इस चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 70 सीटों में से 67 पर जीत दर्ज कर इतिहास रच दिया था. बीजेपी सिर्फ तीन सीट जीत सकी थी. इस चुनाव में कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला था. इसके बाद अरविंद केजरीवाल ने दूसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.
विधानसभा चुनाव 2020 में आप की हैट्रिक
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में आम आदमी पार्टी ने जीत की हैट्रिक लगाई थी. इस चुनाव में 70 सीटों में से 62 सीटों पर आप को जीत मिली थी. बीजेपी को 8 सीटें मिली थी. इस चुनाव में भी कांग्रेस का खाता नहीं खुला था. अब 2025 के चुनाव में देखना है कि किस पार्टी की सरकार बनती है.