Milkipur By Election Result: यूपी (UP) की बहुचर्चित मिल्कीपुर विधासभा सीट (Milkipur Assembly seat) के उपचुनाव (Bypoll) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने बाजी मार ली है. इस जीत के साथ ही भाजपा ने लोकसभा चुनाव में अयोध्या (Ayodhya) में मिली हार का बदला अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) से ले लिया है. आइए मिल्कीपुर में भाजपा का कमल खिलाने वाले उम्मीदवार चंद्रभानु पासवान के बारे में जानते हैं.
दर्ज की बड़ी जीत
अयोध्या जिले की मिल्कीपुर सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी उम्मीदवार चंद्रभानु पासवान ने सपा प्रत्याशी अजीत प्रसाद को 61,639 मतों के अंतर से हरा दिया. चंद्रभानु पासवान को 1 लाख 45 हजार 893 मत मिले जबकि अजीत प्रसाद को 84 हजार 254 वोट से संतोष करना पड़ा. इस तरह चंद्रभानु पासवान बड़ी जीत दर्ज करने में सफल रहे.
आपको मालूम हो कि मिल्कीपुर विधानसभा सीट सपा नेता अवधेश प्रसाद के पिछले साल लोकसभा चुनाव में फैजाबाद सीट से निर्वाचित होने के बाद रिक्त हुई थी. मिल्कीपुर सीट पर जीत हासिल करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया था. खुद कई जनसभाएं की थी. अब जनता ने इस सीट पर बीजेपी उम्मीदवार को जीत दिलाकर राज्य की योगी और केंद्र की मोदी सरकार पर भरोसा जताया है. उधर, सपा मुखिया अखिलेश यादव ने हार स्वीकार कर ली है लेकिन उन्होंने अयोध्या पुलिस-प्रशासन पर चुनाव में धांधली का आरोप लगाया है.
कौन हैं चंद्रभानु पासवान
चंद्रभानु पासवान का जन्म 3 अप्रैल 1986 को हुआ था. वह रुदौली के परसौली गांव के निवासी हैं. वह पासी समाज से आते हैं. चंद्रभानु पासवान पेशे से वकील हैं. इनकी शौक्षिक योग्यता की बात करें तो इन्होंने बीकॉम, एमकॉम और एलएलबी किया हुआ है. चंद्रभानु पासवान ने लखनऊ विश्व विद्यालय से बीकाम व एलएलबी की पढ़ाई की है.वह पेशे से अधिवक्ता होने के साथ कपड़े और पेपर के कारोबारी है.
इनका कारोबार अयोध्या के रुदौली से लेकर गुजरात के अहमदाबाद और सूरत तक फैला हुआ है. चंद्रभानु पासवान वर्तमान समय में भाजपा की जिला कार्यसमिति के सदस्य हैं. वह रुदौली से दो बार जिला पंचायत सदस्य रहे हैं. अभी उनकी पत्नी कंचन पासवान जिला पंचायत सदस्य हैं. उनके पिता बाबा रामलखन दास ग्राम प्रधान हैं. रामलखन दास भाजपा के टिकट से सभासद पद के लिए मीराबाई वार्ड से मैदान में उतरे थे. हालांकि, उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
पहले ही चुनाव में मारी बाजी
आपको मालूम हो कि चंद्रभानु पासवान मिल्कीपुर सीट से चुनाव लड़ने से पहले कोई चुनाव नहीं लड़ा था. अपने पहले ही चुनाव में उन्होंने बाजी मार ली है. चंद्रभानु पिछले दो वर्षों से मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय थे. इसके कारण वह मिल्कीपुर उपचुनाव में प्रमुख दावेदारों में भी शामिल थे. इस सीट से बीजेपी की ओर से टिकट पाने वाले प्रमुख उम्मीदवारों में पूर्व विधायक गोरखनाथ, पूर्व विधायक रामू प्रियदर्शी, जिला महामंत्री राधेश्याम त्यागी, उपपरिवहन आयुक्त सुरेंद्र कुमार सहित कई और शामिल थे, लेकिन चंद्रभानु ने बाजी मार ली. चंद्रभानु पासवान को पूर्व सांसद लल्लू सिंह का करीबी माना जाता है.
सपा ने जीत के लिए नहीं छोड़ी थी कोई कोर कसर
मिल्कीपुर सीट पर जीत दर्ज करने के लिए सपा ने भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ी थी. सपा प्रमुख अखिलेश यादव, उनकी पत्नी व सांसद डिंपल यादव समेत कई तमाम बड़े नेताओं ने अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद के समर्थन में रैली और जनसभाएं की थीं. इसके बावजूद अजीत प्रसाद को जीत नसीब नहीं हुई. बीजेपी उम्मीदवार चंद्रभानु पासवान की जीत लोकसभा चुनाव में फैजाबाद/अयोध्या सीट पर बीजेपी को मिली हार के बदले के तौर पर देखी जा रही है. लोकसभा चुनाव 2024 में सपा नेता अवधेश प्रसाद ने बीजेपी के लल्लू सिंह को हरा दिया था.