अमेजन प्राइम वीडियो पर एक सीरीज आई है. नाम है दहाड़. सोनाक्षी सिन्हा, विजय वर्मा, सोहम शाह, गुलशन देवैया अहम किरदारों में है. रीमा कागती और जोया अख्तर ने इस सीरीज का निर्माण किया है. सीरीज के हर एपिसोड की लंबाई लगभग 50-55 मिनट है. कुल 8 एपिसोड हैं. शो के विलेन की बात की जानी जरूरी है. विजय वर्मा जब भी स्क्रीन पर आते हैं, छा जाते हैं. दहाड़ के अलावा और भी कई फिल्में और सीरीज हैं जो सीरियल किलर्स के जीवन पर बनी हैं.
सायनाइड मोहन
सायनाइड मोहन के किरदार में विजय वर्मा ने उसके कुटिल लहजे और एक्सप्रेशंस को अच्छे से उभारा है. साल 2005 से 2009 के दौरान उसने 20 महिलाओं की हत्या की. वो कर्नाटक के एक स्कूल में टीचर था. उसका असली नाम आनंद कुलल है. महिलाओं की हत्या के अपने तरीके की वजह से उसे सायनाइड मोहन के नाम से जाना जाता है. दहाड़ में विजय वर्मा ने सायनाइड मोहन का किरदार निभाया है.
ऑटो शंकर
80 के दशक में चेन्नई के खूंखार सीरियल किलर ऑटो शंकर पर भी फिल्म बन चुकी है. वह सेक्स एडिक्शन की वजह से राह चलती लड़कियों को किडनैप करता था और रेप के बाद बेरहमी से हत्या कर, उनकी डेडबॉडी जलाकर राख को समंदर में बहा देता था. लंबी तफ्तीश के बाद ऑटो शंकर पकड़ा गया और 1995 में सालेम जेल में गौरी शंकर उर्फ ऑटो शंकर को फांसी पर लटका दिया गया.
मैं और चार्ल्स
रणदीप हुड्डा की फिल्म 'मैं और चार्ल्स' सीरियल किलर चार्ल्स शोभराज के जीवन पर आधारित फिल्म है. शोभराज पूरी दुनिया में घूमता लोगों से दोस्ती करता और उन्हें मार डालता. शोभराज को 'बिकिनी किलर' भी कहा जाता है क्योंकि इसके द्वारा मारी गईं कुछ महिलाएं बिकिनी में मिली थीं. प्रवाल रमन के निर्देशन में बनी फिल्म ‘मैं और चार्ल्स’ 2015 में रिलीज हुई थी.
रमन राघव 2.0
मुंबई में 60 के दशक में साइको किलर रमन ने पूरे सिस्टम को टेंशन दे दी थी. वो रेलवे ट्रैक के किनारे रहने वाले लोगों की जान लेता था. गिरफ्तारी के समय पता चला कि उसे सिजोफ्रेनिया नामक बीमारी थी. राघव को सेशन कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई, जिसे 1969 में हाईकोर्ट ने उम्रकैद में बदल दिय. 1995 में किडनी फेल होने से उसकी मौत हो गई. इसी सीरियल किलर पर अनुराग कश्यप ने फिल्म बनाई रमन राघव, जिसमें रमन राघव की भूमिका नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने निभाई थी.