बॉलीवुड में अंडरवर्ल्ड पर बेस्ड कुछ ही फिल्में अच्छी बनी हैं. उनमें से एक है 'वंस अपॉन ए टाइम इन मुंबई' (Once Upon a Time in Mumbaai). इस फिल्म की रिलीज को 14 साल पूरे हो गए हैं. फिल्म के एक्टर्स की बात करें तों वन्स अपॉन ए टाइम इन मुंबई में अजय देवगन और कंगना रनौत लीड रोल में थे. इसके अलावा इमरान हाशमी, प्राची देसाई, रणदीप हुड्डा ने भी काम किया था. मिलन लुथरिया फिल्म के डायरेक्टर थे.
फिल्म बॉक्स ऑफिस पर हिट रही थी. एकता कपूर के बालाजी मोशन पिक्चर्स बैनर के तहत फिल्म का निर्माण किया गया था. यह फिल्म मुंबई के अंडरवर्ल्ड गैंगस्टर हाजी मस्तान और दाऊद इब्राहिम के जीवन पर आधारित है. फिल्म का सीक्वल 'वंस अपॉन ए टाइम इन मुंबई दोबारा!' साल 2013 में रिलीज हुआ था.
38 करोड़ के बजट में बनी 'वंस अपॉन ए टाइम इन मुंबई' ने वर्ल्डवाइड 85 करोड़ का कलेक्शन किया था. फिल्म में कुल 14 गाने थे, जिसे इरशाद कामिल, नीलेश मिश्रा और अमिताभ भट्टाचार्य ने लिखा था और प्रीतम ने कंपोज किया था.
आइए जानते हैं फिल्म की मेकिंग से जुड़े किस्से
यह फिल्म हाजी मस्तान और दाऊद इब्राहिम की कहानियों पर आधारित है, जो बॉम्बे के टॉप रैकेटियर माने जाते थे. दाऊद इब्राहिम से पहले बॉम्बे पर हाजी मस्तान का रूल चलता था.
एकता कपूर ने अजय देवगन को एक लग्जरी 1967 विंटेज कार गिफ्ट में दी थी जिसे उन्होंने फिल्म में चलाया भी था क्योंकि उन्हें यह कार बहुत पसंद थी.
रेहाना के रोल के लिए प्रियंका चोपड़ा और कैटरीना कैफ को कास्ट करने का विचार किया गया था. बाद में ये रोल कंगना रनौत ने किया. कंगना रनौत द्वारा निभाया रेहाना का रोल अभिनेत्री मधुबाला से प्रेरित थी, जिन पर हाजी मस्तान को क्रश था.
इरफ़ान खान ने साइन की थी फिल्म
इरफ़ान खान ने 2008 में फिल्म 'वंस अपॉन ए टाइम इन मुंबई' साइन की. बाद में उन्होंने फिल्म छोड़ दी और रणदीप हुडा को साइन किया गया. रणदीप फिल्म में ACP एंजल विलसन के रोल में थे. ये रोल तब के सिविल सर्वेंट Julio Ribeiro से प्रेरित था. फिल्म का नाम पहले 'वंस अपॉन ए टाइम इन बॉम्बे' रखा गया था, बाद में कुछ राजनीतिक दलों की आपत्ति के कारण टाइटल बदल दिया गया.
अजय देवगन और इमरान हाशमी को उनके रोल्स के लिए जमकर तारीफ मिली थी, लेकिन असली विनर रणदीप हुड्डा थे, जिन्हें आखिरकार अपने डेब्यू के कई सालों बाद इस फिल्म से सफलता मिली. अजय देवगन के रोल के लिए संजय दत्त को साइन किया गया था लेकिन उन्होंने फिल्म छोड़ दी.
फिल्म के आखिर में दिखाया गया कि वरदराजन मुदलियार और हाजी मस्तान मिर्जा एक-दूसरे के दुश्मन बन गए लेकिन 1988 में चेन्नई में वरदराजन का मौत तक दोनों दोस्त थे. मस्तान ने मुदलियार के शव को मुंबई लाने के लिए एक चार्टर्ड प्लेन भी भेजा था क्योंकि मुलादलियार मुंबई को अपना असली घर मानते थे और चाहते थे कि उनका अंतिम संस्कार वही हो.