तुम मुझे यूं भुला ना पाओगे, हां तुम मुझे यूं भुला ना पाओगे... जब कभी भी सुनोगे गीत मेरे, संग-संग तुम भी गुनगुनाओगे. ये गीत और लता मंगेशकर का हम सभी के बीच न होना एक जैसा एहसास करा रहे हैं. उनके निधन से आज सभी लोग दुखी हैं. 92 साल की उम्र में कोरोना-निमोनिया होने के बाद भी 29 दिनों तक अस्पताल में जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ने वालीं स्वर कोकिला को आज पूरा देश याद कर रहा है.
इस बीच उनका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया जा रहा है. यह वीडियो है साल 2001 एक का, जब लता दीदी को देश का सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ (Bharat Ratna Award) मिला था. वह 61 साल की उम्र में गाने के लिए नेशनल अवॉर्ड जीतने वाली वे एकमात्र गायिका रहीं. उनकी आवाज में कुछ तो बात थी जो सुनने वाला केवल उन्हें ही सुनता रह जाता था.
तीन बार राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित हैं लता
यह वीडियो एक बार फिर से जैसे ही सोशल मीडिया पर दिखा लोगों ने इसे खूब शेयर किया. खास केवल 2001 ही नहीं बल्कि और भी कई साल हैं जो लता दीदी की जिंदगी में पुरस्कारों को जोड़ते गए. संगीत की दुनिया की शान लता मंगेशकर को तीन बार राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका था. ये सम्मान उन्हें 1972, 1975 और 1990 में दिया गया था. इसके बाद 1958, 1962, 1965, 1969, 1993 और 1994 में उन्हें फिल्म फेयर पुरस्कार भी मिला. गायिकी के दम पर लता जी 1969 में पद्म भूषण पुरस्कार लेने में भी सफल रहीं.
1989 में लता दीदी को दादा साहब फाल्के पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया. 1993 में उन्हें फिल्म फेयर का लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार मिला. 1999 में उन्हें पद्म विभूषण भी मिला और 2001 में उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' से नवाजा गया.
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