गोविंदा (Govinda) और रवीना टंडन (Raveena Tandon) की फिल्म 'अंखियों से गोली मारे' (Akhiyon Se Goli Maare) आज ही के दिन 22 साल पहले रिलीज हुई थी. ये वो समय था जब कॉमेडी फिल्में गोल्ड होती थीं और गोविंदा का मैजिक लोगों के सिर चढ़कर बोलता था. 'अंखियों से गोली मारे' का निर्देशन हरमेश मल्होत्रा (Harmesh Malhotra) ने किया था. फिल्म नें गोविंदा और रवीना के अलावा कादर खान, शक्ति कपूर, शरत सक्सेना जैसे कलाकार भी थे.
चलिए जानते हैं फिल्म की मेकिंग से जुड़े किस्से...
'अंखियों से गोली मारे' 1998 में ही पूरी हो गई थी लेकिन किन्ही कारणों से इसमें 4 साल की देरी हुई और आखिरकार 2002 में रिलीज हुई.
'दूल्हे राजा' की सफलता के बाद गोविंदा और हरमेश मल्होत्रा ने इस फिल्म में साथ काम किया लेकिन दूल्हे राजा का मैजिक इसमें काम नहीं आया और ये फिल्म फ्लॉप हो गई.
गाना "लड़का मुड़ मुड़ के" वल्लाह क्या बात हैं के "तेरे मेरे इक जिंदरी" और तीसरी कसम के "चलत मुसाफिर" से लिया गया था.
फिल्म का टाइटल 1998 की फिल्म 'दूल्हे राजा' के के गाने 'अंखियों से गोली मारे' से लिया गया था, 'दूल्हे राजा' की स्टारकास्ट भी यही थी.
'काट डालेगा, फाड़ डालेगा, खुरदेले करेले, वटक ले' जैसे डायलॉग्स ने लोगों को हंसने पर मजबूर कर दिया था.
फिल्म में 8 गाने थे. गोविंदा को कॉमिक रोल में बेस्ट परफॉर्मेंस के लिए फिल्मफेयर का नॉमिनेशन मिला था.
फिल्म का नेट कलेक्शन 3 करोड़ रुपये था. कलेक्शन के मामले में ये उस साल की 37 सबसे कम कलेक्शन करने वाली फिल्म थी.
क्या थी फिल्म की कहानी
भंगारी दादा की कोशिश है कि उसकी बेटी किरण की शादी एक गैंगस्टर से हो. वह गैंगस्टर शक्ति दादा को जो इस समय लंबी जेल की सजा काट रहा है, अपने दामाद के रूप में चुनता है लेकिन किरण पहले से ही राज ओबेरॉय से प्यार करती है, जो एक अमीर परिवार से है और उसका किसी गैंगस्टर से कोई संबंध नहीं है. अपने पिता को इंप्रेस करने के लिए किरण राज को एक नकली गैंगस्टर बनने पर मजबूर करती है. गोविंदा की पंच लाइन और कादर खान की एक्टिंग आपको पेट पकड़कर हंसने पर मजबूर कर देगी.