#30YearsofKrantiveer: नाना पाटेकर ने एक ही टेक में दिया था क्लाइमेक्स का पूरा सीन, 'क्रांतिवीर' की जगह 'मसीहा' रखना चाहते थे फिल्म का टाइटल

नाना पाटेकर (Nana Patekar) की फिल्म क्रांतिवीर (Krantiveer) को रिलीज हुए आज 30 साल पूरे हो गए हैं. 22 जुलाई 1994 को रिलीज हुई 'क्रांतिवीर' में नाना पाटेकर के अलावा डिंपल कपाड़िया, अतुल अग्निहोत्री, ममता कुलकर्णी, डैनी डेंजोंगप्पा, परेश रावल जैसे बड़े सितारों ने काम किया था.

Krantiveer
अपूर्वा राय
  • नई दिल्ली,
  • 22 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 2:32 PM IST
  • 22 जुलाई 1994 को रिलीज हुई थी 'क्रांतिवीर'
  • नाना पाटेकर के रोल को मिली थी खूब तारीफ

मशहूर अभिनेता नाना पाटेकर (Nana Patekar) की फिल्म क्रांतिवीर (Krantiveer) को रिलीज हुए 30 साल पूरे हो गए हैं. 22 जुलाई 1994 को रिलीज हुई 'क्रांतिवीर' में नाना पाटेकर के अलावा डिंपल कपाड़िया, अतुल अग्निहोत्री, ममता कुलकर्णी, डैनी डेंजोंगप्पा, परेश रावल जैसे बड़े सितारों ने काम किया था.

क्रांतिवीर फिल्म का डायलॉग- "कलम वाली बाई, आ गए मेरी खून का तमाशा देखने, ये मुसलमान का खून ये हिंदू का खून, बता इसमें मुसलमान का कौन-सा और हिंदू का कौन-सा बता.." आज भी खूब सुना और बोला जाता है. 

चलिए जानते हैं क्रांतिवीर की मेकिंग से जुड़े किस्से
नाना पाटेकर की लास्ट स्पीच बिल्कुल अचानक बोली गई थी, संवाद नहीं लिखे गए थे. इस फिल्म ने नाना पाटेकर को जबरदस्त प्रशंसा दिलाई थी. आपको जानकर हैरानी होगी कि क्लाइमैक्स का पूरा सीन नाना पाटेकर ने एक ही टेक में दिया था.

कुछ डिस्ट्रीब्यूटर्स फिल्म से पीछे हटना चाहते थे क्योंकि नाना पाटेकर मेनस्ट्रीम फिल्म में लीड रोल कर रहे थे. फिल्म के डायरेक्टर मेहुल कुमार ने डिस्ट्रीब्यूटर्स को भरोसा दिलाया कि अगर फिल्म नहीं चली तो वे इसका नुकसान उठाएंगे. ट्रायल शो के दौरान डिस्ट्रीब्यूटर्स फिल्म में कितना भी पैसा डालने को तैयार हो गए थे.

असल जिंदगी में नाना पाटेकर परेश रावल से उम्र में बड़े हैं लेकिन इस फिल्म में परेश ने नाना पाटेकर से कहीं ज्यादा उम्र के शख्स का किरदार निभाया था.

डिंपल कपाड़िया का रोल पहले श्रीदेवी को जबकि ममता कुलकर्णी का रोल काजोल को ऑफर किया गया था, लेकिन दोनों ही एक्ट्रेस ने फिल्म करने से मना कर दिया. डिंपल उस दौर में काफी रोमांटिक फिल्में कर रही थी, ऐसे में वो भी इस तरह का रोल करने से घबरा रही थीं.

ममता कुलकर्णी ने आंख मूंदकर फिल्म स्वीकार कर ली क्योंकि वह मेहुल कुमार के प्रति वफादार थीं. मेहुल ने उनसे वादा किया था कि उनका रोल 'तिरंगा' से बेहतर होगा लेकिन आखिर में उन्हें लगा कि फिल्म में उनके लिए कुछ था ही नहीं.

निर्माता फिल्म का टाइटल "मसीहा" रखना चाहते थे लेकिन टाइटल के राइट्स सुनील दत्त के पास थे.

1993 में तिरंगा की शूटिंग के दौरान ही मेहुल कुमार ने तय कर लिया था कि वह नाना पाटेकर की लीड रोल वाली एक फिल्म बनाना चाहते हैं. इस फिल्म के लिए नाना पाटेकर को 15 लाख रुपए बतौर फीस दिए गए थे.

डिस्ट्रीब्यूटर्स को यह यकीन नहीं था कि नाना पाटेकर एक बहुत बड़े स्टार थे, इसलिए ब्रिटिश कोलंबिया, कनाडा में फिल्म को रिलीज नहीं किया गया.

नाना पाटेकर का किरदार फिल्म के डायरेक्टर निर्माता-निर्देशक मेहुल कुमार के एक दोस्त से प्रेरित था. 

डैनी डेंजोंगप्पा को जब इस फिल्म की स्क्रिप्ट सुनाई गई तो वह सुनकर खुश हो गए, लेकिन कहने लगे कि पूरी फिल्म में काला ही कपड़ा पहनने को मिलेगा.  

क्रांतिवीर फिल्म की कुल लागत 1 करोड़ 20 लाख रुपए थी. पूरी फिल्म 6 महीने में बनकर तैयार हो गई थी. फिल्म ने करीब 3 करोड़ रुपए का कलेक्शन किया था.

क्या थी फिल्म की कहानी
क्रांतिवीर हर मामले में 90 के दशक की एक बेहतरीन फिल्म है. जुआ खेलने के चलते प्रताप तिलक (नाना पाटेकर) की मां दुर्गा देवी (फरीदा जलाल) उसे घर से भगा देती है. मुंबई आकर प्रताप लक्ष्मीदास (परेश रावल) के बेटे अतुल (अतुल अग्निहोत्री) को समुद्र में डूबने से बचाता है, तब प्रताप को लक्ष्मीदास अपने घर में जगह देते है.

छोटी उम्र से हाशिये पर रहने के कारण प्रताप उस भ्रष्टाचार, अनुचित व्यवहार और आपराधिकता से परिचित हैं जो गरीबों को राजनेताओं और अमीरों से सहन करना पड़ता है. चतुर सिंह (डैनी डेन्जोंगपा) और योगराज (टीनू आनंद) बस्ती की जगह पर एक रिसॉर्ट बनाना चाहते हैं. वे दोनों मिलकर बस्ती जलवा देते हैं और लक्ष्मीदास की हत्या करवा देते हैं. फिल्म में डिंपल कपाड़िया मेघा दीक्षित नाम के पत्रकार के किरदार में हैं.

 

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