सुभाष घई (Subhash Ghai) ने अपने करियर में कई सुपरहिट फिल्में बनाईं. इनमें से एक फिल्म है कर्मा. कर्मा (Karma) की रिलीज को आज 38 साल पूरे हो गए हैं. कर्मा 8 अगस्त 1986 को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी. 26.5 मिलियन के बजट में बनी फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त सफलता हासिल की थी. ये फिल्म आज भी स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के मौके पर टीवी पर दिखाई जाती है.
मल्टीस्टारर फिल्म थी कर्मा
इस फिल्म में दिलीप कुमार, नूतन, नसीरुद्दीन शाह, जैकी श्रॉफ, अनिल कपूर, पूनम ढिल्लों, श्रीदेवी और अनुपम खेर जैसे कलाकारों ने काम किया था. पहली बार दिलीप कुमार और नूतन ने साथ काम किया था. फिल्म के गाने भी सुपरहिट हुए थे.
चलिए जानते हैं फिल्म की मेकिंग से जुड़े किस्से
डॉ. डैंग के रोल के लिए सुभाष घई अमरीश पुरी को लेना चाहते थे लेकिन फिल्म निर्माता ने उनकी जगह अनुपम खेर को चुना. इसके पीछे की वजह बताते हुए सुभाष घई ने कहा था कि अमरीश पुरी को पहले भी स्क्रीन पर कई बार मारा जा चुका था, ऐसे में लोग उन्हें दोबारा मरते हुए देखने में दिलचस्पी नहीं लेते.
नसीरुद्दीन शाह और सुभाष घई में हो गई थी टकराव
नसीरुद्दीन शाह और दिलीप कुमार के बीच कन्फ्रंट का सीन असल में अलग-अलग शूट किया गया था. नसीर ने दिलीप कुमार के स्टैंड-इन को अपनी लाइन्स दीं, जबकि दिलीप कुमार ने नसीर के स्टैंड-इन को अपनी लाइन्स दीं. नसीरुद्दीन शाह इस फैसले से सुभाष घई से बहुत नाराज थे, उनका मानना था कि निर्देशक ने महान अभिनेता दिलीप कुमार के साथ सिर्फ एक सीन देकर उन्हें धोखा दिया है, और उन्होंने सुभाष घई के साथ फिर कभी काम नहीं करने की कसम खाई थी.
सुभाष घई इस फिल्म के लिए रजनीकांत को चाहते थे. उन्होंने सिर्फ उनके लिए रोल लिखा था लेकिन अनिल कपूर और बोनी कपूर ने घई को नसीरुद्दीन शाह को साइन करने के लिए राजी किया. उन्हें लगा कि फिल्म में नसीर के होने से प्रोजेक्ट अच्छा बिजनेस करेगा.
फिल्म में राणा विष्णु प्रताप (दिलीप कुमार) जिस बड़ी जेल के इंचार्ज होते हैं, वो जेल खास तौर पर इस फिल्म के लिए बनाई गई थी.
श्रीदेवी ने खाई मल्टीस्टारर फिल्में न करने की कसम
श्रीदेवी को ये फिल्म करने का अफसोस रहा. उन्हें लगा कि फिल्म में उनका रोल कुछ खास नहीं था. इस फिल्म के बाद उन्होंने फैसला किया कि वह अब मल्टीस्टारर फिल्में नहीं करेंगी. डिंपल कपाड़िया भी ये फिल्म करने वाली थीं लेकिन कम फीस मिलने की वजह से बात नहीं बनी.
कर्मा उस वक्त रिलीज हुई जब वीडियो पाइरेसी चरम पर थी लेकिन इस फिल्म ने दर्शकों को सिनेमाघरों में आने को मजबूर कर दिया. फिल्म के देशभक्ति गाने लोगों के बीच काफी मशहूर हुए थे.
फिल्म निर्माण के दौरान नसीरुद्दीन शाह को डायरेक्टर से कई समस्याएं थीं और उन्हें लगता था कि फिल्म अच्छी नहीं है, बाद में उन्होंने बताया कि उनके ड्राइवर ने थिएटर में ये फिल्म 4 बार देखी थी.
क्या थी फिल्म की कहानी
बीएसओ एक ब्रिटिश ग्रुप है जो भारत पर अपना कंट्रोल चाहता है. जब सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर विश्व प्रताप सिंह वहां के नेता डॉ. माइकल डांग को गिरफ्तार करते हैं तो जेल में विस्फोट कर दिया जाता है. डांग विश्व प्रताप के दो बेटों और उनकी बहू सहित बड़ी संख्या में कैदियों की हत्या कर देता है और भाग निकलता है. विश्व प्रताप माइकल डांग और उसके ग्रुप को खत्म करना चाहता है, इसके लिए वो जेल में बंद तीन कैदियों को अपने मिशन में शामिल करता है. जल्द ही विश्व प्रताप को एहसास होता कि इन कैदियों को उनके मिशन में दिलचस्पी नहीं है क्योंकि उन्होंने अपना खुद का एजेंडा तैयार किया है.