#39YearsOfGhulami: मिथुन की वो फिल्म जिसके आगे फेल हो गए थे बड़े-बड़े सुपरस्टार, जानिए गुलामी की मेकिंग से जुड़े रोचक किस्से

धर्मेंद्र और मिथुन चक्रवर्ती स्टारर 'गुलामी' (Ghulami) को रिलीज हुए आज 39 साल हो गए हैं. ये फिल्म 28 जून 1985 में रिलीज हुई थी. 'गुलामी' साल 1985 की चौथी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बनी थी. ये एक एक्शन ड्रामा फिल्म थी.

39 Years Of Ghulami
अपूर्वा राय
  • नई दिल्ली,
  • 28 जून 2024,
  • अपडेटेड 1:44 PM IST
  • 'गुलामी' को रिलीज हुए 39 साल पूरे
  • धर्मेंद्र और कुलभूषण खरबंदा को इस फिल्म के लिए खूब तारीफ मिली.

धर्मेंद्र और मिथुन चक्रवर्ती स्टारर 'गुलामी' (Ghulami) को रिलीज हुए आज 39 साल हो गए हैं. ये फिल्म 28 जून 1985 में रिलीज हुई थी. 'गुलामी' साल 1985 की चौथी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बनी थी. ये एक एक्शन ड्रामा फिल्म थी. इस फिल्म को जेपी दत्ता ने डायरेक्ट किया था और यह उनके डायरेक्शन में वाली पहली फिल्म भी थी. फिल्म में धर्मेंद्र और मिथुन चक्रवर्ती के अलावा मजहर खान, कुलभूषण खरबंदा, रजा मुराद, रीना रॉय, स्मिता पाटिल, अनीता राज, नसीरुद्दीन शाह और ओम शिवपुरी भी अहम किरकारों में नजर आए थे.

1985 में मिथुन की दो सुपरहिट फिल्में रिलीज हुई
साल 1985 में बॉक्स ऑफिस पर मिथुन दा की ऐसी आंधी चली कि बड़े से बड़े सुपरस्टार भी इस आंधी की चपेट में आ गए थे. इसी साल मिथुन की एक और फिल्म रिलीज हुई थी 'प्यार झुकता नहीं'. ये साल की तीसरे सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म थी.

धर्मेंद्र की जगह विनोद खन्ना को किया गया था कास्ट
विनोद खन्ना को 1980 में इस फिल्म के लिए साइन किया गया था. कलाकार थे विनोद खन्ना, रीना रॉय, स्मिता पाटिल. फिरोज खान ने महूरत शॉट दिया. बाद में विनोद खन्ना के रिटायर होने के कारण उनकी जगह धर्मेंद्र ने ले ली. इसके बाद 1984 में फिल्म दोबारा शुरू की गई.

धर्मेंद्र द्वारा निभाया गया नायक का किरदार सर छोटू राम जैसे कई भारतीय नेताओं पर आधारित था, जिन्होंने भारत में सामाजिक और आर्थिक उत्पीड़न के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी. फिल्म की शूटिंग राजस्थान में हुई थी.

धर्मेंद्र और मिथुन ने फ्री में की थी फिल्म
फिल्म के निर्माण के दौरान हबीब नाडियाडवाला ने अपने पिता को खो दिया था. उन्होंने जेपी दत्ता को राजस्थान शेड्यूल के लिए 3 लाख रुपये दिए. कम बजट के कारण धर्मेंद्र मुफ्त में काम करने के लिए तैयार हो गए. यह सुनकर बाकी कलाकारों ने भी फ्री में ही काम किया.

यह जाने-माने निर्देशक, जेपी दत्ता की निर्देशन की पहली फिल्म थी. 'बदले की आग' 1982 के बाद यह दूसरी फिल्म थी जिसमें स्मिता पर धर्मेंद्र का दिल आया था. उन्हें दोनों फिल्मों में वो नहीं मिलीं, क्योंकि दोनों फिल्मों में उन्हें रीना रॉय से प्यार करते दिखाया गया है.

धर्मेंद्र और कुलभूषण खरबंदा को इस फिल्म के लिए खूब तारीफ मिली. यह फिल्म 1986 में फिल्मफेयर पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए नामांकित हुई थी लेकिन राज कपूर की फिल्म राम तेरी गंगा मैली से हार गई.

तीनों गाने हुए थे सुपरहिट
इस फिल्म में केवल 3 गाने हैं लेकिन सभी गाने हिट थे और आज भी लोकप्रिय हैं. फिल्म के सभी गाने गुलजार ने लिखे और लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल ने कंपोज किए थे. इस फिल्म में मिथुन का डायलॉग कोई शक काफी लोकप्रिय हुआ था. जिहाले-ए-मिस्किन गाने के लिए पहले कल्पना अय्यर को साइन किया गया था, लेकिन निजी कारणों की वजह से उन्हें ये गाना छोड़ना पड़ा. उनकी जगह हुमा खान ने ली.

फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त सफलता हासिल की थी. यह फिल्म महाराजा रंजीत सिंह चौधरी पर आधारित थी. ''गुलामी'' किसानों और अत्याचारी जमींदारों के बीच संघर्ष के बारे में है.

 

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