67 Years Of Mother India: चॉल से उठाकर महबूब खान ने बच्चे को बना दिया था स्टार, इस वजह से नरगिस का 'बेटा' नहीं बनना चाहते थे दिलीप कुमार

मदर इंडिया फिल्म उस दौर के समाज की हकीकत को बयां करती फिल्म है. जिसे देखकर आज भी दर्शकों की आखें नम हो जाती हैं. फिल्म की पूरी कहानी एक किसान परिवार और एक खून चूसने वाले जमींदार के आस-पास घूमती है.

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gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 25 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 6:41 PM IST

महबूब खान की फिल्म 'मदर इंडिया' की रिलीज को 67 साल पूरे हो गए हैं. मदर इंडिया 25 अक्टूबर 1957 को रिलीज हुई थी. फिल्म में नरगिस, सुनील दत्त, राज कुमार, राजेंद्र कुमार जैसे स्टार्स नजर आए थे. हैरानी की बात यह है कि हमउम्र होने के बावजूद इस फिल्म में नरगिस ने सुनील दत्त और राजेंद्र कुमार की मां का रोल निभाया था. इस खास मौके पर आइए जानते हैं इस फिल्म से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें.

मदर इंडिया फिल्म उस दौर के समाज की हकीकत को बयां करती फिल्म है. जिसे देखकर आज भी दर्शकों की आखें नम हो जाती हैं. फिल्म की पूरी कहानी एक किसान परिवार और एक खून चूसने वाले जमींदार के आस-पास घूमती है. लाला गरीब परिवार को कर्ज के जाल में फंसा कर रखता है और ब्याज के बोझ तले उनका शोषण करता है. इस  फिल्म में गांव, किसान, खेत, साहूकार, अकाल जैसे बड़े मुद्दे को उठाया गया था. आज भी लोग इस फिल्म से खुद को कनेक्ट कर पाते हैं.

सबसे ज्यादा अवॉर्ड किया था अपने नाम
'मदर इंडिया' भारत में  बनी उस समय की सबसे महंगी फिल्म थी. फिल्म का बजट 60 लाख था और कलेक्शन के मामले में इसने रिकॉर्ड तोड़ दिया था. उस वक्त इस फिल्म ने 8 करोड़ से ज्यादा की कमाई की थी. हैरानी की बात ये कि उस साल फिल्मफेयर अवॉर्ड में भी मदर इंदिया की बल्ले-बल्ले थी. बेस्ट फिल्म, बेस्ट डायरेक्टर, बेस्ट एक्ट्रेस, बेस्ट सिनेमेटोग्राफी, बेस्ट साउड डिजाइन की कैटेगरी में सारे अवॉर्ड मदर इंडिया के नाम हुआ.

ऑस्कर अवॉर्ड्स में जाने वाली भारत की पहली फिल्म
'मदर इंडिया' भारत की तरफ से ऑस्कर अवॉर्ड्स में जाने वाली पहली फिल्म थी. फिल्म मदर इंडिया ने बॉलीवुड को पूरी दुनिया में पहचान दिलाई थी. इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर भी काफी पसंद किया गया था. हालांकि ये इटली की फिल्म 'नाइट्स ऑफ कैबिरिया' से पिछड़ गई थी.

मदर इंडिया के सेट पर नरगिस को हुआ था सुनील दत्त से प्यार
सुनील दत्त ने आग के सीन के दौरान नरगिस को बचाया था. इस फिल्म में नरगिस को भीषण आग के अंदर फंसा हुआ दिखाया गया था जबकि सुनील दत्त कूदकर उन्हें बचाते हैं. लेकिन आग बेकाबू हो गई, जिससे नरगिस फंस गईं. सुनील दत्त ने तुरंत एक कंबल उठाया और अंदर कूद गए और कंबल को अपने चारों ओर लपेटकर दोनों बाहर भागे. इससे सुनील दत्त भी जल गए, तभी से नरगिस को सुनील दत्त से प्यार हो गया. एक साल के अंदर दोनों ने शादी भी कर ली थी.

चॉल में रहता था बिरजू का किरदार निभाना वाला चाइल्ड एक्टर
इस फिल्म में युवा बिरजू का किरदार निभाना वाला चाइल्ड एक्टर साजिद खान, बॉम्बे (अब मुंबई) की मलिन बस्तियों का एक गरीब बच्चा था. महबूब खान ने भीड़ में एक बच्चे को आत्मविश्वास और कुछ हद तक अहंकारी रवैये के साथ खड़ा देखा. जिसके बाद उन्होंने उसे फिल्म में कास्ट कर लिया. इस बच्चे का काम लोगों को खूब पसंद आया था.

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इस फिल्म के गानों को लोग आज भी बेहद पसंद करते हैं. इस फिल्म का एक गाना "दुख भरे दिन" की धुन असम केलोक गीत "घन बोरोखुन पिसोल माटी" से ली गई है. मदर इंडिया के पूरे फिल्म की शूटिंग महबूब स्टूडियो और महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और गुजरात के कुछ गांवों में की गई थी.

दिलीप कुमार ने बेटे नरगिस का बेटा बनने से किया था इनकार
शुरुआत में महबूब खान चाहते थे कि फिल्म में दिलीप कुमार राधा (नरगिस) के दो बेटों में से एक की भूमिका निभाएं. दिलीप कुमार ने इसके लिए इनकार कर दिया क्योंकि उन्हें लगा कि मेला (1948) और बाबुल (1950) जैसी पिछली फिल्मों में नरगिस के साथ रोमांस करने के बाद इसमें बेटा का रोल सही नहीं होगा.
 

 

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