आमिर खान के बेटे जुनैद खान ओटीटी प्लेटफॉर्म पर अपनी फिल्म 'महाराज' के साथ डेब्यू करने जा रहे हैं. लेकिन उनके इस डेब्यू से पहले ही बीच में अड़चन आ गई है. जुनैद की फिल्म 'महाराज' 2021 में शूटिंग पूरी होने के बाद 14 जून 2024 को नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ होने जा रही है.
फिल्म के रिलीज़ होने से पहले ही फिल्म मेकर्स को नोटिस पहुंच चुका है. जिसमें कहा गया है कि फिल्म का प्रीमियर करने से पहले फिल्म उन्हें दिखाई जाए. आइए बताते है कि किसने जताई है आपत्ति और आखिर क्यों?
प्रीमियर से पहले हमें दिखाएं फिल्म
विश्व हिंदू परिषद की और से फिल्म के मेकर्स को यह नोटिस भेजा गया है. विश्व हिंदू परिषद के बजरंग दल ने फिल्म के रिलीज़ होने से पहले आपत्ति जताई है. उन्होंने यह आपत्ति धर्म को लेकर जताई है. जिसकी वजह है कि फिल्म का प्लॉट एक धार्मिक गुरू के इर्द गिर्द घूमता है.
उनका कहना है कि यह फिल्म एक धार्मिक लीडर के ऊपर आधारित है. इसलिए हम यह देखना चाहते है कि फिल्म को गलत तरीक से तो पेश नहीं किया गया है. साथ ही फिल्म में हिंदू देवी-देवताओं का अपमान नहीं होना चाहिए. अगर ऐसा होता है तो हम आंदोलन करेंगे. साथ ही कानूनी कार्रवाई भी करेंगे. बजरंग दल ने इस मामले में यश राज फिल्म्स, फिल्म के प्रोड्यूसर और नेटफ्लिक्स को नोटिस भेजा है.
क्या है फिल्म का प्लॉट?
फिल्म 'महराज' की कहानी एक सच्ची घटना पर आधारित है. यह घटना वर्ष 1862 में घटित हुई थी. फिल्म जिस कहानी पर आधारित है वह है 'महाराज लाइबल केस'. लेकिन क्या है केस और क्यों आया यह केस चर्चा में?
यह केस एक प्रमुख धार्म गुरू और एक गुजराती पत्रकार के बीच का है. पत्रकार का नाम करसनदास मुलजी है, जिनका किरदार फिल्म में जुनैद खान निभा रहे हैं. वहीं धार्म गुरू का किरदार जयदीप अहलावत निभा रहे हैं.
क्या है केस में खास?
केस के अनुसार धर्म गुरू के खिलाफ करसनदास, सत्यप्रकाश अखबार में एक लेख लिखते हैं. जिसमें वह बताते हैं कि धर्म गुरू अपनी महिला भक्तों का यौन शोषण करते हैं. जिसके बाद दोनों के बीच कानूनी लड़ाई लड़ी जाती है. फिल्म में इसी केस को और लड़ाई को दिखाया गया है.
हालांकि फिलहाल फिल्म के डायरेक्टर, प्रोड्यूसर या एक्टर की तरफ से मामले में कोई ऑफिशियल स्टेटमेंट नहीं आया है.