Aaradhya Bachchan की हेल्थ को लेकर फर्जी खबरों पर अदालत सख्त, यूट्यूब से कहा- इसे कैसे बर्दाश्त कर सकते हैं?

आराध्या बच्चन ने उन यूट्यूब चैनलों के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिन्होंने उनकी मौत और गंभीर बीमारी के बारे में फर्जी खबरें पोस्ट की थीं.

Bachchan Family
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 20 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 4:53 PM IST

दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को यूट्यूब चैनलों को अमिताभ बच्चन की पोती और अभिषेक और ऐश्वर्या बच्चन की बेटी आराध्या के स्वास्थ्य से जुड़ी 'फर्ज़ी खबरें' प्रसारित करने पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने कहा, "हर बच्चा सम्मान का हकदार है. आप ऐसा प्लैटफॉर्म दे रहे हैं जिस पर भ्रामक जानकारी प्रसारित हो रही है. ऐसी चीजों को कैसे बर्दाश्त किया जा सकता है?''

आराध्या की सेहत को लेकर फर्जी खबरें

दरअसल आराध्या बच्चन ने उन यूट्यूब चैनलों के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिन्होंने उनकी मौत और गंभीर बीमारी के बारे में फर्जी खबरें पोस्ट की थीं. ये मुकदमा अभिषेक बच्चन द्वारा आराध्या के पिता के रूप में दायर किया गया है. दिल्ली हाईकोर्ट ने उन सभी वीडियो और ऐसी किसी भी कंटेंट को अपलोड करने से रोक लगा दी है जो गोपनीयता का उल्लंघन करती है और आराध्या बच्चन के बारे में झूठी खबर देती है. अदालत ने गूगल/यूट्यूब को उल्लंघन करने वालों का विवरण जैसे संपर्क नंबर, ईमेल आईडी आदि देने का भी निर्देश दिया है.

हर बच्चे को सम्मान का अधिकार

इस पर बात करते हुए आराध्या के वकील अमित नाइक ने कहा कि, "यह 3 मामलों पर एक ऐतिहासिक फैसला है - निषेधाज्ञा जो एक बच्चे की निजता को बरकरार रखती है, एक बच्चे के बारे में झूठी और फर्जी खबरें फैलाने के खिलाफ जो एक बच्चे के लिए हानिकारक है और मानहानि के खिलाफ है. बच्चों के साथ समानता का व्यवहार किया जाना चाहिए - चाहे सेलिब्रिटी बच्चे हों या अन्य. आराध्या के वकील ने कहा, यूट्यूब चैनलों पर प्रसारित वीडियो बिल्कुल झूठे हैं. यूट्यूब पर ऐसे वीडियो दर्शकों का ध्यान आकर्षित करने और दर्शकों की संख्या और चैनल की सदस्यता बढ़ाने के इरादे से अपलोड किए गए हैं.

कोर्ट ने गूगल और यूट्यूब चैनलों से लिखित में जवाब मांगा 

अदालत ने कहा है कि ऐसी फर्जी खबरों पर जीरो टॉलरेंस की नीति होनी चाहिए जो एक बच्चे के लिए हानिकारक है. कोर्ट ने गूगल और यूट्यूब चैनलों से लिखित में जवाब मांगा है. कोर्ट ने याचिका में पक्षकार बनाए गए गूगल और सभी यूट्यूब प्लेटफॉर्म को समन जारी किया है. यह अपनी तरह का पहला आदेश है जो किसी सेलिब्रिटी के बच्चे के अधिकारों की रक्षा करता है.

आपको पहले भी नोटिस दिया गया था

कोर्ट ने यूट्यूब से कहा कि आप अपने कंटेंट के जरिए जनता को गलत जानकारी दे रहे हैं. क्या आप लोगों को मुफ्त में अपलोड करने की अनुमति दे रहे हैं. यह मानहानि का मामला नहीं है, नोटिस में आपको बताया गया था कि आपके प्लेटफॉर्म पर भ्रामक जानकारी प्रसारित हो रही है.

 

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