Aashram 3 Review: बॉबी देओल की दमदार एक्टिंग के बाद भी निराश करती है Aashram 3 की कहानी

Aashram 3 Review in hindi: आश्रम 3 की कहानी में कुछ भी नया नहीं है, अगर आपने इसके पहले के दो सीजन देखें हैं तो तीसरा सीजन आपको निराश कर सकता है. बॉबी देओल की बेहतरीन एक्टिंग के बाद भी कहानी की रफ्तार जरूर खटकती है.

Aashram 3 Review
अपूर्वा राय
  • नई दिल्ली,
  • 03 जून 2022,
  • अपडेटेड 10:09 PM IST
  • निराश करती है आश्रम 3 की कहानी
  • बॉबी देओल का अभिनय बेहतरीन
  • तीसरे सीजन में आश्रम 4 की झलक

वेब सीरीज: आश्रम 3 
ओटीटी: एमएक्स प्लेयर
कलाकार: बॉबी देओल, चंदन रॉय सान्याल, ईशा गुप्ता, दर्शन कुमार, अदिति पोहनकर, त्रिधा चौधरी
निर्देशक: प्रकाश झा
रेटिंग: 2/5

प्रकाश झा की सुपरहिट सीरीज आश्रम का तीसरा सीजन एमएक्स प्लेयर पर रिलीज हो चुका है. आश्रम के पहले दो सीजन हिट रहे हैं. आश्रम में बॉबी देओल ने बाबा निराला का किरदार निभाया है. इस सीरीज ने बॉबी देओल के डूबती नैया को पार लगा दिया. क्या तीसरे सीजन में भी बॉबी देओल अपना जादू बरकरार रख पाते हैं? इसका जवाब है- हां. आश्रम 3 में बॉबी देओल की परफोर्मेंस आपका दिल जीतेगी. या यूं कहें कि उन्होंने ही तीसरे सीजन को अपने दम पर चलाया है. इस सीरीज का जितनी बेसब्री से इंतजार किया गया था उस लिहाज से तीसरा सीजन बहुत कमजोर है. आश्रम 3 में करीब 45-45 मिनट के 10 एपिसोड हैं. अपने 6 घंटे इस सीरीज को देने के बाद आप कहीं न कहीं खुद को ठगा हुआ महसूस करते हैं.

चलिए पहले आश्रम 3 की कहानी जान लेते हैं

बाबा निराला कौन है और उसका लोगों पर क्या प्रभाव है. धर्म और आस्था की आड़ में वह क्या कारनामे करता है, यह सब तो आपने पहले और दूसरे सीजन में देखा ही है. इस सीजन में भी बाबा निराला अपने कुकर्मों को छुपाने की कोशिश में लगा है. इस बार बाबा निराला नई जगह से अपना रसूख बढ़ा रहा है. सत्ता की बागडोर उसके हाथ में है. राज्य के मुख्यमंत्री उसकी कठपुतली मात्र हैं. इस सीरीज की शुरुआत पम्मी पहलवान से होती है, जो बाबा को बेनकाब करने के लिए आश्रम के अभेद्य सुरक्षा कवच को तोड़ निकल पड़ती है. इस आघात से घायल बाबा निराला बौखला जाता है. वह हर कीमत पर पम्मी को पाना चाहता है. शुरुआत के पांच एपिसोड सिर्फ पम्मी को ढूढ़ने में खत्म कर दिए गए हैं. पांचवें एपिसोड में ईशा गुप्ता यानी सोनिया की एंट्री होती है, जिसका काम है बाबा की इमेज वैल्यू बढ़ाना. ईशा गुप्ता और बॉबी देओल के बीच कुछ मिनटों के बोल्ड सीन भी हैं. कुल मिलाकर तीसरे सीजन में एक साथ कई लोगों की कहानी चलती है लेकिन परिणाम तक कोई कहानी नहीं पहुंचती. शुरुआत से सात एपिसोड इतने बोरिंग हैं की दर्शक ऊब सकते हैं, आठवें एपिसोड में थोड़ा रोमांच आता है लेकिन तब तक आप बोर हो चुके होते हैं. आखिरी के एपिसोड में मॉन्टी से मनुष्य और मनुष्य से भगवान बने बाबा निराला की स्टोरी के साथ थोड़ा बहुत ट्विस्ट है जिसके लिए आप आश्रम 3 देख सकते हैं.

भोपा स्वामी के किरदार में चंदन रॉय सान्याल का काम बढ़िया
बाबा के हाव भाव में बॉबी देओल एक बार फिर कमाल दिखा रहे हैं. वो जब बोलते हैं तो सबकुछ ठहर जाता है. कई जगह बॉबी देओल आंखों से अभिनय करते दिखाई देते हैं. जो काफी प्रभावशाली लगता है. बॉबी देओल ने बाबा के किरदार की हर छोटी बड़ी बारीकी को पकड़ा है. चंदन रॉय सान्याल भोपा स्वामी के किरदार में एकदम परफेक्ट हैं. हालांकि कई जगह वह बॉबी देओल से भी स्क्रीन टाइम चुरा ले जाते हैं. पम्मी उर्फ अदिति पोहनकर का काम भी अच्छा है. 

बॉबी के फैन हैं तो देख सकते हैं तीसरा सीजन

सबसे आखिर में आता है ये सवाल की 10 एपिसोड वाली इस सीरीज को देखें या न देखें. जवाब है- अगर बॉबी देओल के फैन हैं तो आप आश्रम 3 देख सकते हैं. भव्य सेट, शानदार कैमरा वर्क के बावजूद प्रकाश झा इस सीरीज से लोगों को बांधने में असफल साबित होते हैं. प्रकाश झा ने कहानी में ईशा गुप्ता के किरदार के जरिए ट्विस्ट लाने की कोशिश तो की लेकिन यह नाकाम रही. हालांकि आश्रम के चौथे सीजन में क्या होने वाला है, इसकी झलक आपको आखिर में मिल जाएगी लेकिन इसके लिए करना होगा एक साल का इंतजार.

 

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