Pran Death Anniversary: हीरो से ज्यादा फीस लेता था Bollywood का यह विलेन, रील नहीं रियल लाइफ में भी इनसे डरती थीं एक्ट्रेस

प्राण कृष्ण सिकंद (12 फरवरी 1920 - 12 जुलाई 2013) एक भारतीय अभिनेता थे. जिन्हें 1940 से 1990 के दशक तक भारतीय सिनेमा के इतिहास में सबसे महान खलनायक और हिंदी सिनेमा में चरित्र अभिनेता के रूप में जाना जाता था. वह भारतीय सिनेमा के इतिहास में सबसे सफल और सम्मानित दिग्गज अभिनेताओं में से एक रहे हैं.

Pran (Photo: Twitter)
निशा डागर तंवर
  • नई दिल्ली ,
  • 12 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 2:45 PM IST
  • प्राण बॉलीवुड के सबसे चहेते और प्यारे विलेन थे
  • रील नहीं रियल लाइफ में था प्राण का डर 

दिवंगत अभिनेता प्राण कृष्ण सिकंद को 1950 और 1960 के दशक में बॉलीवुड फिल्मों में निगेटिव रोल्स करने के लिए जाना जाता है. अपने करियर में, उन्होंने 350 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया. कहते हैं कि प्राण बॉलीवुड के सबसे चहेते और प्यारे विलेन थे. 

एक समय था जब फिल्में हीरो-हीरोइन नहीं बल्कि विलेन के नाम पर चलती थीं और वह विलेन होते थे प्राण. 12 फरवरी 1920 को जन्में प्राण ने कई दशकों तक हिंदी सिनेमा पर राज किया. हालांकि, उन्होंने फिल्मों में अपनी शुरूआत बतौर हीरो ही की थी. लेकिन उन्हें डांस करना पसंद नहीं था इसलिए विलेन के रोल करने लगे. 

लेकिन विलेन के रूप में उन्होंने वह छाप छोड़ी कि आज भी लोगों के दिल में उनके किरदार बसे हैं. साल 2013 में 12 जुलाई को उन्होंने अपनी आखिरी सांस ली और अपने पीछे छोड़ गए ढेरों किरदार और अपनी बेशकीमती विरासत. 

हीरो से ज्यादा फीस लेते थे प्राण 
प्राण एक ऐसे खलनायक के रूप में मशहूर हुए, जो अपनी हर भूमिका में एक नया रूप और अनुभव लेकर आए. चाहे वह आंखों में गहरा काजल लगाना हो या किसी किरदार का सिगरेट पीते हुए स्टाइल से डायलॉग बोलना. उनके बारे में सबकुछ पिक्चर परफेक्ट था. उनका अभिनय ऐसा होता था कि लोग उनके किरदार से नफरत करने लगते थे.

अपने शुरुआती करियर में, 50 और 60 के दशक में, प्राण ने ज़िद्दी (1948), बिराज बहू (1953), देवदास (1955) और मधुमती (1958) जैसी लोकप्रिय फिल्मों में काम किया. अक्सर यह कहा जाता है कि प्राण और हास्य अभिनेता जॉनी वॉकर और महमूद, बॉलीवुड में केवल तीन चरित्र कलाकार थे जिनके लिए किरदार विशेष रूप से लिखे जाते थे. बॉक्स ऑफिस पर प्राण का इतना दबदबा था कि उन्हें अक्सर हीरो से ज्यादा फीस दी जाती थी. 

रील नहीं रियल लाइफ में था प्राण का डर 
प्राण अपने हर किरदार को इस तरह निभाते थे कि लोग उसे असल समझने लगते थे. उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था कि खलनायक के रूप में वह इतने प्रभावशाली था कि वास्तविक जीवन में लोग उनसे डरते थे. एक बार वह दिल्ली में चाय के लिए किसी के घर गए, तो उनकी छोटी बहन को उनकी नज़रों से दूर रखा गया. 

बाद में उनके दोस्त ने उन्हें फोन करके कहा कि उनकी बहन ने उनसे लड़ाई की है कि वह कैसे एक बुरे आदमी के घर ला सकते हैं. प्राण का कहना था कि 50 के दशक के बाद लोगों ने अपने बच्चों का नाम प्राण रखना बंद कर दिया था, जैसे लोग अपने बच्चों का नाम रावण नहीं रखते. 

अरुणा इरानी ने सुनाया किस्सा 
आम लोग ही नहीं सिनेमा से जुड़े लोग भी प्राण से डरते थे. खासकर कि अभिनेत्रियां. कपिल शर्मा शो में एक्ट्रेस अरुणा इरानी ने बताया था कि एक बार उन्हें काम के सिलसिले में हांग कॉन्ग जाना पड़ा और वहां से वह प्राण के साथ फ्लाइट में आई और उन्हें कोलकाता में बीच में एक होटल में रुकना पड़ा. 

इस दौरान अरुणा बहुत डरी हुई थीं क्योंकि प्राण फिल्मों में निगेटिव किरदारों के लिए फेमस थे. उन्हें लगने लगा कि प्राण कहीं उनके साथ कुछ गलत तो नहीं कर देंगे. हालांकि, रात के खाने के बाद जब वे वापस होटल के कमरे में जा रहे थे, तो प्राण ने अरुणा को अच्छी तरह सोने और कमरे का दरवाजा बंद करने के लिए कहा. 

तब अरुणा को एहसास हुआ कि वह उनके बारे में कितनी गलत थीं और उनके जाने के बाद वह खूब रोईं. शायद इसलिए ही प्राण को 'जेंटलमैन विलेन' भी कहा जाता है. 

 

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