इंडिया टुडे कॉन्क्लेव मुंबई (India Today Conclave Mumbai) के मंच से बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता सैफ अली खान (Saif Ali Khan) ने अपने फिल्मी करियर से लेकर पॉलिटिक्स तक पर खुलकर बात की. सैफ ने बताया कि जब मैंने करियर की शुरुआत करने का सोचा था तो मैं थोड़ा खोया-खोया सा था लेकिन फिर खुद को संभाला और एक्टिंग डेब्यू किया. मैंने अपनी पहली फिल्म साल 1992 में की थी.
उन्होंने बताया कि मां को देखकर मुझे हमेशा से ही एक्टिंग करने का शौक रहा और सच कहूं तो ये सबसे शानदार करियर है, जो मैंने खुद के लिए चुना. उन्होंने कहा कि हालांकि उनके पिता ने उनकी पढ़ाई पर बहुत खर्च किया. काफी सारे ऑप्शन्स मुझे दिए, जहां मैं अपने करियर बना सकूं, लेकिन मैंने एक्टिंग को चुना. मेरे पापा ने मुझे कहा था कि मैं तुम्हें पॉकेट मनी दे रहा हूं लेकिन तुम बिगड़ना मत. मेरे लिए कभी ऑप्शन नहीं रहा कि मैं कुछ काम नहीं करूंगा और पापा-मम्मी के पैसों पर जियूंगा. मैंने अच्छी पढ़ाई की है तो करियर बनाने के लिए ही की है.
मुझे कभी पेरेंट्स ने नहीं कहा कि मैं एक्टिंग ही करूंगा
जब सैफ से पूछा गया कि आपके खून में एक्टिंग रही है. इसपर अभिनेता ने कहा कि मुझे कभी पेरेंट्स ने नहीं कहा कि मैं एक्टिंग ही करूंगा. मैंने खुद एक्टिंग अपने अंदर डाली. मम्मी को मैं सेट पर देखता था तो सोचता था कि मैं यही करूंगा, क्योंकि मुझे मूवी सेट्स काफी मैजिकल लगते थे. मैं यदि एक्टर नहीं होता तो खुद को आर्ट में अपना करियर बनाता. सैफ ने कहा कि स्क्रीन पर जो मैजिक आप क्रिएट करते हैं, उसका अहसास अलग ही होता है. ये एक ऐसा क्राफ्ट है, जिसमें आप सिर्फ सीखते ही रहते हो.
मेरे परिवार ने कभी पैपराजी को पैसे नहीं दिए
पैपराजी से सैफ का अच्छा कनेक्शन है. इस पर सैफ ने कहा- उस दिन हम पार्टी से लौट रहे थे और कम से कम 25 कैमरे हमपर थे. तो मुझे थोड़ा गुस्सा आ गया. तब मैंने कहा था कि एक काम करिए आप हमारे बेडरूम में आ जाइए. पैपराजी के साथ मेरा सिम्बायोटिक रिश्ता है. कई बार मैं कुर्ता पायजामा में होता हूं, बेटा साथ होता है तो मैं नहीं पसंद करता कि वो मेरी फोटो लें. पर जब अच्छी तरह ड्रेसअप किया होता है तो लगता है, हां फोटो ली जाए. पर मुझे ये बात अच्छी नहीं लगती जब वो मेरे बच्चों के पीछे जाते हैं. मेरे परिवार ने कभी पैपराजी को पैसे नहीं दिए, जहां हमने बोला हो कि आओ और फोटो क्लिक करो. वो लोग खुद आते हैं फोटो लेने के लिए.
मैं हमेशा से ही निभाना चाहता था निगेटिव किरदार
जब सैफ से पूछा गया कि आप ने फिल्मों में हीरो की जगह निगेटिव किरदार ज्यादा अच्छे निभाए हैं. इसपर सैफ अली खान ने कहा कि मैं हमेशा से ही निगेटिव किरदार निभाना चाहता था. मैं अपने प्रोफेशन में क्रिएटिव होना चाहता था. पैसे कमाना चाहता था, वो भी हार्ड वर्क से. अबतक मैंने मायथोलॉजिकल रोल अदा नहीं किया है. मैंने 'रावण' का रोल अदा किया, लेकिन और बेहतर रोल अदा करना चाहता हूं. जब इस एक्टर से पूछा गया कि क्या राजनेता नहीं बनना चाहते तो इस पर सैफ ने कहा-मुझे राजनेता नहीं बनना. अभी अभिनेता ही ठीक हूं. यदि मुझे अपनी राय किसी मुद्दे पर रखनी होगी तो मैं राजनेता बनूंगा और फिर बोलूंगा. लेकिन अभी तो मैं पॉलिटीशियन नहीं बनना चाहता हूं.
मेरे चारों ही बच्चे सुलझे हुए हैं
सैफ ने कहा- दोनों बच्चे एक्टर्स बनना चाहते हैं. तैमूर स्कूल में प्ले करता है. जहांगीर जबसे पैदा हुआ है, वो परफॉर्म करता रहता है. उसके एक्स्प्रेशन्स अलग रहते हैं. मैं और करीना, दोनों बच्चों को सपोर्ट करते हैं, फिर वो चाहे कुछ भी बनना चाहें. सारा और इब्राहिम भी सैफ से फिल्म के अलावा अन्य मुद्दों पर सलाह लेते हैं. सैफ ने बताया कि वो बचपन से ही काफी नॉटी रहे हैं. सैफ ने कहा- मेरे बच्चे लेकिन मेरी तरह नहीं. मैं उनसे कहता रहता हूं कि तुम लोग और बहुत ज्यादा हो जो तुम दिखाते हो. खुद को पहचानो. चारों ही बच्चे सुलझे हुए हैं.