जिंदगी में आप जो कुछ भी सोच कर चलते हैं, जिंदगी आपको अक्सर ही उससे कुछ अलग करके देती है. जब भी आपके मन का नहीं होता तो लोग कहते हैं कोई नहीं कुछ बेहतर होगा. आज की कहानी भी एक ऐसे ही शख्स की है. अलग आप सोच रहे हैं कि हम आपको कोई लाइफ-चेंजिंग, दिल दहला देने वाली या भावुक कहानी बताने वाले हैं तो नहीं क्योंकि आज की कहानी आज के जमाने के एक कुल ऑथर की है. जिनका नाम है दुर्जोय दत्ता.
मैनेजमेंट में की थी पढ़ाई
7 फरवरी 1987 को गुजरात के मेहसाणा में जन्मे दुर्जोय दिल्ली में पले-बढ़े हैं. पीतमपुरा के एक स्कूल से पढ़ाई करने के बाद उन्होंने इंजीनियरिंग करने की सोची. दिल्ली के टेक्नोलॉजिकल इंस्टीट्यूट से इंजीनियरिंग करने के बाद उन्होंने मैनेजमेंट की पढ़ाई की. गुड़गांव के मैनेजमेंट डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट के मैनेजमेंट की पढ़ाई की और फिर जर्मनी चले गए. वहां उन्होंने फ्रैंकफर्ट स्कूल ऑफ फाइनेंस एंड मैनेजमेंट से पोस्ट-ग्रेजुएशन किया और मार्केटिंग और फाइनेंस में पढ़ाई की.
नौकरी छोड़ शुरू किया लिखना
दुर्जोय वैसे तो मैनेजमेंट की पढ़ाई कर रहे थे, पर कहीं ना कहीं उनमें एक लेखक जन्म ले रहा था. जब वो समाज की दिक्कतों के देखते तो लिखते थे. जर्मनी में कॉलेज के आखिरी साल में उन्होंने लिखना शुरू किया. लेकिन क्योंकि उन्होंने पढ़ाई मैनेजमेंट की कि थी, तो नौकरी करना जरूरी था. उन्होंने अमेरिकन एक्सप्रेस में मार्केटिंग एनालिस्ट की नौकरी की, लेकिन दुर्जोय को वो करने में मजा नहीं आ रहा था. हालांकि इन सालों में उन्होंने कई सारी किताबें लिखी. उसके बाद साल 2011 में वो नौकरी छोड़ फुल टाइम राइटर बन गए.
2008 में लिखी थी पहली नोवेल
दुर्जोय दत्ता की पहली नोवेल ऑफ कोर्स आई लव यू! को सृष्टि पब्लिशर्स ने 2008 में रिलीज किया था. उस वक्त दुर्जोय कॉलेज में थे. अगस्त 2009 में, उनकी दूसरी नोवेल नाउ दैट यू आर रिच! पब्लिश हुई. उसके बाद साल 2010 की गर्मियों में, उनकी तीसरी नोवेल शी ब्रोक अप, आई डिड नॉट! रिलीज़ हुई. उनकी चौथा उपन्यास 2010 की सर्दियों में जब वो यूरोप में चार महीने के लिए थे तब रिलीज हुई. उस किताब का नाम था ओह यस, आई एम सिंगल! था, जो दुर्जोय के जीवन से बहुत में मेल खाती थी. एमडीआई, गुड़गांव से स्नातक होने के बाद, उन्होंने ग्रेपवाइन इंडिया पब्लिशर्स की सह-स्थापना की. उसके बाद उन्होंने अपनी पाँचवी नोवेल यू वेयर माई क्रश!, सितंबर 2011 में पब्लिश हुई. इस तरह करके दुर्जोय न जाने कितनी किताबें लिखीं.
किताबों के जरिए उठाते हैं सामाजिक मुद्दे
किताबें लिखने के अलावा दुर्जोय एक मोटिवेशनल स्पीकर भी हैं, और सीरियलों के लिए कहानियां भी लिख चुके हैं. सड्डा हक और एक वीर की अरदास...वीरा जैसे सीरियलों के लिए वो कहानी लिख चुके हैं. दुर्जोय अक्सर ही अपनी किताबों में सामाजिक मुद्दे उठाते हैं. जिसमें ड्रग अब्यूज और आज कल की लव स्टोरी के बारे में बात करते हैं. दुर्जोय अपनी किताबों के नायक को अक्सर ही अपनी जिंदगी से जोड़ कर लिखते हैं.