5 हज़ार घंटे की रिसर्च, 700 पीड़ितों का इंटरव्यू... 4 साल में ऐसे बनी 'द कश्मीर फाइल्स'

डायरेक्टर विवेक रंजन अग्निहोत्री की फिल्म 'कश्मीर फाइल्स' को दर्शकों का प्यार लगातार मिल रहा है. फिल्म को रिलीज हुए महज़ 3 दिन हुए हैं लेकिन फिल्म ने अपना पूरा बजट वसूल कर लिया है. फिल्म अब प्रॉफिट के हाईवे पर दौड़ लगा रही है. इस फिल्म ने फिलहाल ऐसे कई सेट स्टैंडर्ड को तोड़ा है, जो किसी फिल्म को लेकर माने जाते हैं, जैसे अमूमन किसी फिल्म की चर्चा उसमें काम करने वाले बड़े-बड़े सितारों के नाम पर होती है या फिर फिल्म रिलीज के पहले फिल्म का कोई गाना हिट हो जाता है.

The Kashmir Files (Photo: ZeeStudios_/Twitter)
मनीष चौरसिया
  • नई दिल्ली,
  • 14 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 5:26 PM IST
  • रिसर्च में लगे 5 हजार घंटे
  • दिल्ली में रखी गई प्रेस कॉन्फ्रेंस

डायरेक्टर विवेक रंजन अग्निहोत्री की फिल्म 'कश्मीर फाइल्स' को दर्शकों का प्यार लगातार मिल रहा है. फिल्म को रिलीज हुए महज़ 3 दिन हुए हैं लेकिन फिल्म ने अपना पूरा बजट वसूल कर लिया है. फिल्म अब प्रॉफिट के हाईवे पर दौड़ लगा रही है. इस फिल्म ने फिलहाल ऐसे कई सेट स्टैंडर्ड को तोड़ा है, जो किसी फिल्म को लेकर माने जाते हैं, जैसे अमूमन किसी फिल्म की चर्चा उसमें काम करने वाले बड़े-बड़े सितारों के नाम पर होती है या फिर फिल्म रिलीज के पहले फिल्म का कोई गाना हिट हो जाता है. लेकिन 'द कश्मीर फाइल्स' के साथ सबसे खास बात ये है कि इस फिल्म को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा किसी बड़े सितारे की नहीं बल्कि फिल्म डायरेक्टर विवेक रंजन अग्निहोत्री की हो रही है. हालांकि इस फिल्म में अनुपम खेर, मिथुन चक्रवर्ती और दर्शन कुमार जैसे बड़े अभिनेताओं ने भी काम किया है. इसकी एक वजह यह भी है कि इस फिल्म के प्रमोशन की पूरी जिम्मेदारी डायरेक्टर विवेक रंजन ने अपने कंधों पर ले रखी है. 

दिल्ली में रखी गई प्रेस कॉन्फ्रेंस
आज दिल्ली में फिल्म को लेकर पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई. अमूमन ऐसी फिल्म को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस मुंबई में होती है और फिल्म की रिलीज के पहले होती है लेकिन विवेक रंजन अग्निहोत्री ने अपनी फिल्म की पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस फिल्म रिलीज होने के 3 दिन बाद आज दिल्ली में की. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस को करने का मुख्य मकसद था कि विवेक रंजन अग्निहोत्री ये बताना चाहते थे कि फिल्म को बनाने में कितनी मेहनत की गई, किन-किन बारीकियों का ख्याल रखा गया और फैक्ट के लिहाज से, रियलिटी के लिहाज से यह फिल्म कितनी सटीक है.

रिसर्च में लगे 5 हजार घंटे
विवेक रंजन अग्निहोत्री बताते हैं कि इस फिल्म को बनाने में 5000 घंटे की रिसर्च की गई और 15 हजार पेज के डॉक्यूमेंट इकट्ठा किए गए. लगभग डेढ़ घंटे की प्रेस कॉन्फ्रेंस में विवेक अग्निहोत्री ने 20 मिनट का एक वीडियो भी दिखाया इस वीडियो में उन कश्मीरी पंडितों का इंटरव्यू था जो असल में उन दिनों कश्मीर में ही मौजूद थे. विवेक बताते हैं कि वह और उनकी पत्नी पल्लवी जोशी ने असली पीड़ित कश्मीरी पंडितों से मिलने के लिए दुनिया भर के कई देशों और भारत के कई शहरों के चक्कर लगाए और लगभग 700 से ज्यादा पीड़ित कश्मीरी पंडितों का इंटरव्यू रिकॉर्ड किया. इस फिल्म को बनाने में 4 साल का लंबा वक्त लगा. 20 मिनट के इस वीडियो में कई जगह पीड़ितों से बात करते-करते विवेक और पल्लवी जोशी अपने आंसू पोछते हुए दिखाई पड़ते हैं.

कई लोग फिल्म बनाने को नहीं थे तैयार
विवेक बताते हैं कि कश्मीरी पंडितों का ये दर्द तो है ही कि उन्हें उनके घर से निकाल दिया गया लेकिन सबसे बड़ा दर्द ये है कि उस वक्त के पॉलिटिकल सिस्टम की हालत ये थी कि कश्मीरी पंडितों के साथ असल में क्या हुआ इस बारे में अधिकतर लोगों को ठीक-ठीक जानकारी ही नहीं लगने दी गई. सरकारों ने इस त्रासदी को छुपाने की भरपूर कोशिश की. विवेक बताते हैं कि पीड़ित कश्मीरी पंडितों ने कई बार बॉलीवुड के कई बड़े-बड़े लोगों से रिक्वेस्ट की कि इस मुद्दे पर फिल्म बनाई जाए लेकिन हर बार उन्हें निराशा हाथ लगी. 

पत्नी ने दी हिम्मत- विवेक 
2018 में जब उनके पास फिल्म को लेकर आईडिया आया तो उन्होंने भी इसके लिए हामी भरने में एक से डेढ़ महीने लिए. विवेक कहते हैं यह डिसीजन लेना आसान नहीं था, आपको कई तरह के खतरे होते हैं. आतंकवादियों से भी आप को खतरा हो सकता है और जब आतंकवादी हमला करते हैं तो कोई भी पुलिस या आर्मी आपको बचाने नहीं आती. हालांकि मेरी पत्नी पल्लवी जोशी ने मुझे हिम्मत दी और हमने तय किया कि हम एक क्रिएटिव सोल्जर की तरह इस फिल्म को बनाएंगे.फिलहाल 'द कश्मीर फाइल्स' को दर्शकों का प्यार खूब मिल रहा है. विवेक रंजन अग्निहोत्री ने यह भी घोषणा की है कि जल्द ही इस पर एक वेब सीरीज़ बनाई जाएगी.


 

 

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