FilmyFriday Smita Patil: एक्ट्रेस जिसकी आंखें करती थी बातें...एक्ट्रेस बनने से पहले न्यूज रीडर थीं स्मिता, 31 साल की उम्र में दुनिया को कह दिया था अलविदा, मौत के बाद रिलीज हुईं 14 फिल्में

स्मिता पाटिल अपने किरदार में इतनी रम जाती थीं कि वो आधी बातें आंखों से ही कह जाती थीं. ये भारतीय सिनेमा की उन अभिनेत्रियों में शुमार हैं, जो साधारण रूप रंग और बेहतरीन अभिनय के लिए जानी जाती हैं. लीक से हटकर जब भी किरदारों की बात होती थी तो सबसे पहले इन्हीं का जिक्र होता था.

gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 13 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 4:01 PM IST

बॉलीवुड में कई ऐसी एक्ट्रेसेज हैं जिन्होंने सिनेमा जगत में अपनी अलग पहचान बनाई है. स्मिता पाटिल बॉलीवुड की अब तक की सबसे प्रतिभाशाली और खूबसूरत प्रतिभाओं में से एक थीं. स्मिता पाटिल उन एक्ट्रेसेस में रही हैं, जो अपनी आंखों से अदाकारी करती थीं. स्मिता ने अपने करियर में कई सुपरहिट फिल्में दी हैं. उन्होंने रोमांटिक रोल्स के साथ कई गंभीर किरदार भी निभाए हैं. स्मिता ने महज 31 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया था.

दूरदर्शन में थीं एंकर
स्मिता पाटिल का जन्म 17 अक्तूबर, 1955 को हुआ था. उन्होंने मराठी माध्यम के स्कूल से पढ़ाई की थी. पढ़ाई पूरी करने के बाद वो बंबई दूरदर्शन पर मराठी में समाचार पढ़ने लगीं. मैथिली राव ने स्मिता पाटिल की जीवनी ‘स्मिता पाटिल अ ब्रीफ़ इनकैनडिसेंस’ में इस पर चर्चा की है. उन्होंने बताया कि स्मिता की एक दोस्त ज्योत्सना किरपेकर बंबई दूरदर्शन पर समाचार पढ़ा करती थीं. उनके पति दीपक किरपेकर एक फोटोग्राफर थे और वो अक्सर स्मिता की तस्वीरें खींचा करते थे. एक बार वो उनकी तस्वीरें लेकर ज्योत्स्ना से मिलने दूरदर्शन केंद्र गए. गेट में घुसने से पहले वो उन तस्वीरों को जमीन पर रखकर व्यवस्थित कर रहे थे. तभी वहां से बंबई दूरदर्शन के निदेशक पी वी कृष्मामूर्ति गुज़रे. उन तस्वीरों को देख कर उन्होंने पूछा कि ये किसकी तस्वीरें हैं? जब दीपक ने उन्हें स्मिता के बारे में बताया तो उन्होंने कहा कि वो उनसे मिलना चाहते हैं. दीपक ने स्मिता को इस बारे में बताया लेकिन वो कृष्णमूर्ति से मिलने के लिए राजी नहीं हुईं.

दीपक ने किसी तरह उन्हें मना लिया. जब स्मिता वहां ऑडिशन में पहुंची तो उनके अपनी पसंद की कोई चीज सुनाने के लिए कहा गया तो उन्होंने बांग्लादेश का राष्ट्र गान ‘आमार शोनार बांगला’ सुनाया.'' स्मिता को उस समय चुन लिया गया और वो बंबई दूरदर्शन पर मराठी में समाचार पढ़ने लगीं. उस जमाने में ब्लैक एंड वाइट टेलिविजन हुआ करता था. उस दौर में स्मिता ने अपनी बड़ी बिंदी, बैठी हुई आवाज और हैंडलूम वाली साड़ियां पहनकर समाचार पढ़ना शुरू किया और सभी का ध्यान खींचा.

कैसे मिली पहली फिल्म 
श्याम बेनेगल ने पहली बार स्मिता को टेलिविजन पर ही देखा था और उनके मन में उन्हें अपनी फिल्म में लेने का मन बनाया. उन्होंने स्मिता को अपनी फिल्म 'चरणदास चोर' के लिए साइन कर लिया. 1975 में इस फिल्म की रिलीज के साथ ही स्मिता ने बॉलीवुड डेब्यू किया और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा. स्मिता पाटिल को 'मिर्च मसाला','गमन', 'आक्रोश', 'भूमिका', 'चक्र', 'अर्थ', 'बाज़ार' जैसी एक्सपेरिमेंटल फिल्मों के लिए जाना जाता है. वो आर्ट फिल्मों के लिए ज्यादा फेमस थीं. उन्होंने तीन बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्मफेयर पुरस्कार भी जाता था. जबकि, दो बार उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार भी दिया गया. 

साल 1985 में स्मिता को भारत सरकार ने नागरिक पुरस्कार पद्मश्री से सम्मानित किया. लेकिन ऐसा नहीं है कि वो सिर्फ एक्सपेरिमेंटल फिल्में ही करती थीं.स्मिता ने कमर्शियल सिनेमा का भी रुख किया था. उन्हें 1982 में प्रकाश मेहरा अपनी फिल्म 'नमक हलाल' में लेकर आए थे जिसमें उनके को-स्टार अमिताभ बच्चन थे. इस फिल्म के गाने 'आज रपट जाएं' की काफी चर्चा हुई. इस गाने में स्मिता को सफ़ेद साड़ी में बारिश में भीगकर अमिताभ के साथ रोमांस करना था. स्मिता इसको लेकर असहज महसूस कर रही थीं लेकिन अमिताभ से बातचीत के बाद वो इसके लिए राजी हो गईं. 

निधन के बाद रिलीज हुई थी 14 फिल्में
स्मिता पाटिल ने महज 12 साल की उम्र में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की थी. उन्होंने हिंदी, मराठी, गुजराती, मलयालम सहित करीब 80 से ज्यादा फिल्मों में काम किया. उनकी करीब 14 फिल्में ('मिर्च मसाला', 'डांस-डांस', 'ठिकाना', 'सूत्रधार', 'इंसानियत के दुश्मन', 'अहसान', 'राही', नजराना', 'आवाम', 'शेर शिवाजी', 'वारिस', 'हम फरिश्ते नहीं', 'आकर्षण' और 'गलियों के बादशाह') मौत के बाद रिलीज हुई थीं.

राज बब्बर से हुआ प्यार
स्मिता फिल्मी दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बना चुकी थीं. दूसरी तरफ फिल्मो में साथ काम करते हुए उनको राज बब्बर से प्यार हो गया. स्मिता ने राज बब्बर के साथ कई फिल्में कीं लेकिन दोनों की नजदीकी फिल्म 'भीगी पलकें' के सेट से शुरू हुई. राज और स्मिता सेट पर काफी समय बिताने लगे इसके अलावा भी वह एक दूसरे के साथ समय बिताने के लिए अलग से वक्त निकालते थे. इन दोनों के मेल मिलाप की चर्चाएं अब मैगजीन्स की सुर्खियां बनने लगी थीं. चर्चा इसलिए भी ज्यादा थी क्योंकि राज बब्बर पहले से शादीशुदा थे. राज ने नादिरा जहीर से 1975 में शादी की थी. इसके बावजूद उन्होंने नादिरा को छोड़कर स्मिता से शादी कर ली थी. नादिरा से राज बब्बर के दो बच्चे हैं आर्य बब्बर और जूही बब्बर जबकि प्रतीक बब्बर स्मिता पाटिल और राज बब्बर के बेटे हैं. प्रतीक का जन्म 28 नवंबर, 1986 को हुआ था. इसी दौरान स्मिता को किसी तरह का इन्फेक्शन हो गया था और इसी के बाद से ही वो काफी बीमार रहने लगी थीं.  प्रतीक के जन्म के मात्र 15 दिन बाद स्मिता पाटिल ने दम तोड़ दिया. उस समय उनकी उम्र  मात्र 31 साल थी.


 

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