बदलते वक्त के साथ सिनेमा बदला और आजकल के बदलते सिनमा में कहानियों को पेश करने का अन्दाज़ भी बदला है. इस हफ़्ते रीलीज हुई “ब्रह्मास्त्र पार्ट-1 शिवा" ऐसी ही एक फ़िल्म है. अगर आपको फ़ैंटसी कॉमिक्स, अमीश त्रिपाठी के शिवा सीरीज़ नॉवल्स और हॉलीवुड की साइंस फ़िक्शन फ़िल्में पसंद है तो यह फ़िल्म भी पसंद आएगी.
हिंदू लोक कथाओं से प्रेरित है कहानी
बात फिल्म की कहानी की करें तो यह हमारी भारतीय कथाओं से प्रेरित है. जिनमें देवता, असुर और शिव रहस्यों का जिक्र होता है. अभिनेता रणबीर कपूर ने डीजे शिवा का किरदार निभाया है तो वहीं आलिया के किरदार का नाम है ईशा.
दशहरे के मेले में दोनों मिलते हैं और शिवा को ईशा के पहली नज़र वाला प्यार हो जाता है. और इसके साथ ही, शिवा को अहसास होने लगता है कि वह कुछ अलग है. कहानी आगे बढ़ती है तो शिवा के इस सुपर नेचुरल अहसास की परतें खुलती हैं और कुछ नए किरदार सामने आते हैं. फिल्म में शाहरुख खान और नागार्जुन के किरदार भी काफी अहम हैं.
अब कहानी में आते हैं विलेन यानी कि असुर और इन सबकी संचालिका है एक यक्षिणी, जुनून यानी कि मौनी रॉय. जुनून अस्त्रों के देवता यानी कि ब्रह्मास्त्र को पाना चाहती है. कहानी इसी के इर्द-गिर्द बुनी गई है कि कैसे शिवा ब्रह्मास्त्र की रक्षा करता है.
अभिनय और स्पेशल इफेक्ट्स है दमदार
फिल्म में सबसे ज्यादा दमदार है सभी किरदारों का अभिनय. रणबीर, आलिया, अमिताभ, मौनी, शाहरुख और नागार्जुन, सभी मंझे हुए कलाकार हैं और सबने बेहतरीन परफॉर्मेंस दी है. रणबीर-आलिया की परदे पर भी अच्छी केमिस्ट्री नजर आ रही है. इनके साथ-साथ, निर्देशक अयान मुखर्जी की पूरी मेहनत परदे पर नजर आती है.
फ़िल्म क़ा मुख्य आकर्षण हैं फ़िल्म के स्पेशल इफ़ेक्ट्स, जो बहुत है अच्छे हैं. इन्हें देखकर आप कह सकते हैं कि स्पेशल इफेक्ट्स के मामले में बॉलीवुड इंटरनेशनल कंटेंट को टक्कर दे रहा है. फ़िल्म की सिनेमेटोग्राफ़ी काफ़ी अच्छी है. और बनारस और हिमाचल के दृश्यों को काफ़ी ख़ूबसूरती से फ़िल्माया गया है. पर ये फ़िल्म 3D में है तो ऐक्शन सीन्स, आपको चश्मा लगाकर या आईमैक्स के बड़े पर्दे पर देखने चाहिए.
उलझी हुई लग सकती है कहानी
अब बात फिल्म के कुछ कमजोर पॉइंट्स की. दरअसल, बहुत कुछ दिखाने के चक्कर में फिल्म की कहानी कहीं-कहीं उलझी हुई लग सकती है. बीच-बीच में यह बोझिल लग सकती है. खासकर, जो लोग कॉमडी और सीटीमार मनोरंजन पसंद करते है उनके लिए शायद यह फिल्म उतनी मजेदार न हो.
एक बार तो देखना चाहिए 'अस्त्रावर्स'
फिल्म में कुछ कमियां हैं लेकिन यह आपको फिल्म खुद देखकर जज करना चाहिए. क्योंकि, हर किसी को फिल्म के अलग-अलग एसपेक्ट्स अच्छे लग सकते हैं. इस बात में कोई दो राय नहीं है कि इस फिल्म को लक से हटकर बनाया गया है.
यह सीरीज का पहला पार्ट है तो कहानी का बिल्ड-अप अच्छा है और आने वाले पार्ट्स के लिए एक जिज्ञासा जरूर बनती है. फिल्म का म्यूजिक बहुत अच्छा है. ऐसे में, कुल मिलाकर फिल्म आपका मनोरंजन करती है. इसलिए, एक बार खुद यह फिल्म देखने जरूर जाएं.