Oscar के लिए ब्रिटेन की ऑफिशियल एंट्री होगी एक हिंदी फिल्म; जानिए कौन हैं डायरेक्टर, इनकी 4 फिल्मों में से तीन का है Indian Connection...

ब्रिटिश-इंडियन फिल्ममेकर, संध्या सूरी की फिल्म, 'संतोष' को Oscar की 'Best International Feature Film' केटेगरी में UK की ऑफिशियल एंट्री के लिए चुना गया है. संतोष फिल्म का प्रीमियर Cannes Film Festival में किया गया था.

Sandhya Suri directed Santosh Film (Photo: Instagram)
निशा डागर तंवर
  • नई दिल्ली ,
  • 26 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 11:21 AM IST
  • ब्रिटिश-इंडियन फिल्ममेकर हैं संध्या सूरी
  • अब तक बनाई हैं चार अलग-अलग तरह की फिल्में
  • संध्या के काम को दुनियाभर में मिली सराहना

लापाता लेडीज को ऑस्कर के लिए भारत की ऑफिशियल एंट्री के रूप में चुने जाने के दो दिन बाद, एक और हिंदी फिल्म को ऑस्कर के लिए एंट्री मिली है. 'संतोष' फिल्म को 'Best International Feature Film' कैटेगरी में ऑफिशियल एंट्री के लिए चुना गया है. लेकिन मजेदार बात यह है कि संतोष फिल्म भारत की नहीं बल्कि यूनाइटेड किंगडम यानी UK की ऑफिशियल एंट्री होगी. 

यह फिल्म ब्रिटिश प्रोडक्शन कंपनी ने बनाई है और इसके एग्जीक्यूटिव प्रोडस्यूजर्स भी ब्रिटिश मूल के हैं. अकादमी के निमयों के मुताबिक, बेस्ट इंटरनेशनल फीचर कैटेगरी में भेजी जाने वाली फिल्म गैर अंग्रेजी होनी चाहिए इसलिए यूके ज्यादातर नॉन इंग्लिश फिल्म ही भेजता है. ब्रिटेन में ये फिल्म जबरदस्त सक्सेसफुल रही है. कान्स के अन-सर्टेन रिगार्ड कंप्टीशन में भी इसकी स्क्रीनिंग हुई थी. शायद यही वजह है कि 'संतोष' को ऑस्कर के लिए चुना गया है.

फिल्म का निर्माण माइक गुड्रिज, जेम्स बॉशर,बल्थाजार डी गने और एलन मैकएलेक्स द्वारा किया गया है. वहीं अमा अमपाडु, ईवा येट्स, डायर्मिड स्क्रिमशॉ, लूसिया हस्लौएर और मार्टिन गेरहार्ड इसके एक्सीक्यूटिव प्रोड्यूसर हैं.

इस फिल्म का चयन BAFTA ने किया है. अमेरिकन एकेडमी की तरफ से बाफ्टा यूके के सबमिशन को चुनने के लिए नियुक्त संगठन है. संतोष फिल्म को संध्या सूरी ने डायरेक्ट किया है. फिल्म में शहाना गोस्वामी और सुनीता राजवर मुख्य भूमिका में हैं और इसका प्रीमियर इस साल के कान्स फिल्म फेस्टिवल में अन सर्टेन रिगार्ड में हुआ था. फिल्म की काफी सराहना भी हुई. 

कौन हैं संध्या सूरी 
संध्या सूरी एक ब्रिटिश-इंडियन फिल्म और डॉक्यूमेंट्री मेकर हैं. संध्या के पिता यशपाल सूरी 1966 में भारत से इंग्लैंड आए थे. संध्या यहीं पर जन्मी और पली-बढ़ीं. संध्या ने मैथ्स में अपनी ग्रेजुएशन की है. लेकिन उनकी जिंदगी में बदलाव आया जब उन्हें The National Film and Television School में डॉक्यूमेंट्री पर कोर्स करने के लिए स्कॉलरशिप मिली. यहां से संध्या की जिंदगी बदल गई. अब तक संध्या ने सिर्फ चार प्रोजेक्ट्स किए हैं जिनमें दो डॉक्यूमेंट्री फिल्म, एक शॉर्ट फिल्म और एक फीचर फिल्म शामिल है. 

उन्होंने साल 2005 में अपने पिता की जर्नी पर डॉक्यूमेट्री फिल्म, 'I for India' का डायरेक्शन किया. इसके बाद, साल 2018 में उनकी शॉर्ट फिल्म 'The Field' और उनकी दूसरी डॉक्यूमेंट्री, 'Around India with a Movie Camera' रिलीज हुई. साल 2024 में उनकी पहली फीचर फिल्म, 'Santosh' का प्रीमियर हुआ. संतोष फिल्म को अब ऑस्कर में UK की ऑफिशियल एंट्री के लिए चुना गया है. 

संध्या की फिल्में कहती हैं भारत की कहानी 
संध्या की पहली डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'I for India' में उन्होंने अपने पिता के सफर को दिखाया है. यह यश पाल सूरी की कहानी है जो 1966 में डॉक्टर की डिग्री लेकर इंग्लैंड आते हैं. यहां आकर उन्होंने सबसे पहले दो प्रोजेक्टर, दो टेप रिकॉर्डर और दो मूवी कैमरा खरीदा और एक सेट को उन्होंने भारत में अपने परिवार के पास भेजा और दूसरे को अपने पास मैनचेस्टर में रखा. डॉक्यूमेंट्री में दिखाया गया है कि इन चीजों के माध्यम से वह और उनका परिवार 40 साल तक टेप्स और फिल्म एक-दूसरे को भेजते रहे.

इसमें उनकी तीनों बेटियों को बड़े होते हुए दिखाया है. यश के माता-पिता और बहन उनसे बार-बार घर लौटने की बात करते दिखाए गए हैं. 1982 में भारत वापस आना जहां उन्होंने अपनी प्रैक्टिस शुरू की. फिर इंग्लैंड वापसी, एक बेटी की शादी, दूसरी बेटी का ऑस्ट्रेलिया जाना और तीसरी बेटी (संध्या) का फिल्म प्रोजेक्ट इस 40 साल की कहानी को पूरा करता है. 

I for India (2005) (Photo: IMDb)

वहीं, उनकी दूसरी डॉक्यूमेंट्री फिल्म, 'Around India with a Movie Camera' साल 1947 में स्वतंत्रता से पहले के 50 वर्षों में भारत में ब्रिटिश और भारतीय, दोनों के जीवन की पड़ताल करती है. 'संतोष' फिल्म भारत से जुड़ा संध्या का तीसरा प्रोजेक्ट है. इस फिल्म में एक विधवा महिला, संतोष (शहाना गोस्वामी) की कहानी जिसे अपने पति की जगह पुलिस फोर्स में नौकरी मिली है. फिल्म की कहानी में मोड़ तब आता है जब संतोष एक लड़की के मर्डर केस में शामिल होती है. इस फिल्म को कान फिल्म फेस्टिवल में प्रीमियर किया गया था. 

पिता से विरासत में मिला भारत से रिश्ता 
संध्या का पढ़ाई-लिखाई यूके में हुई है और फिल्ममेकिंग की ट्रेनिंग भी उन्होंने यहां पर की लेकिन फिर भी उनके काम में भारत का कनेक्शन सबसे ज्यादा है. उनके चार प्रोजेक्ट्स में से तीन सीधे तौर पर भारत स जुड़े हैं. इस पर उन्होंने डीडी इंडिया को एक इंटरव्यू में बताया कि वह यूके में जन्मी भारतीय हैं. उनका भारत से गहरा रिश्ता है और इसकी वजह उनके पिता रहे क्योंकि उनके पिता यूके में रहते हुए भी अपनी मातृभूमि को याद करते थे. उनका कहना है कि उन्हें अपने पिता से यह कनेक्शन विरासत में मिला और उन्हें अपनी कहानियां भारत में मिलती हैं. यह उनका तरीका है अपने देश और संस्कृति से जुड़े रहने का. 

इसके अलावा, उनकी फिल्म ट्रेनिंग के शुरुआती दिनों में मशहूर भारतीय फिल्ममेकर, श्याम बेनेगल से उनकी मुलाकात हुई और उन्होंने बेनेगल से बहुत कुछ सीखा. संध्या ने डीडी को बताया कि जिस तरह से बेनेगल अपने प्रोजेक्ट्स में महिला किरदारों को दिखाते थे, बहुत ही संवेदनशीलता के साथ, यह उनके लिए उनके काम में रेफ्रेंस की तरह है. संतोष फिल्म में इस बात की झलक भी दिखती है. जिस तरह से उन्होंने शहाना गोस्वामी और सुनीता राजवर के किरदार को परदे पर उतारा है वह काबिल-ए-तारीफ है. संतोष फिल्म को नियो-नोआर (Neo-Noir) से प्रेरित बताया गया, जो समकालीन भारत को आइना दिखाती है. 

दिल्ली के निर्भया केस से मिली प्रेरणा 
अपने एक इंटरव्यू में संध्या ने बताया कि उन्हें संतोष फिल्म की प्रेरणा साल 2012 के निर्भया केस के दैरान मिली. दरअसल, वह भारत में महिलाओं से जुड़ मुद्दों पर डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाना चाहती थीं और साल 2012 से पहले ही भारत में कुछ NGOs के साथ काम कर रही थी. इस बीच निर्भया केस हुआ और देशभर से महिलाएं इसके विरोध में सड़कों पर प्रदर्शन के लिए उतर आईं. इन प्रदर्शनों को दिल्ली पुलिस की महिला टीमें संभाल रही थीं. 

Sandhya Suri with Shahana and Sunita (Photo: Instagram/@Sunita Rajwar)

संध्या बताती हैं कि उन्होंने उन प्रदर्शन की एक फोटो देखी जिसमें विरोध कर रही महिलाएं और दिल्ली पुलिस की महिला अफसर दिख रही थीं. इस फोटो में एक महिला पुलिस के चेहरे के भावों ने उन्हें बहुत प्रेरित किया. उन्होंने सोचा कि महिला पुलिस की स्थिति में होना कैसा है? वह महिलाओं के विरोध के बारे में क्या सोच रही है? वह खुद को कैसे देखती है? भारत में एक महिला के लिए वर्दी के अंदर और वर्दी के बाहर होना कैसा है? तब उन्होंने तय किया कि वह एक महिला पुलिस अफसर के नजरिए से कहानी बताएंगी. 

सिर्फ 4 प्रोजेक्ट्स से कमाया नाम 
संध्या ने भले ही सिर्फ 4 प्रोजेक्ट्स किए हैं लेकिन उन्हें उनके काम के लिए दुनियाभर में पहचान मिली है. संतोष फिल्म की ऑस्कर के लिए UK की ऑफिशियल एंट्री के तौर पर चुना जाना अपने आप में एक उपलब्धि है. इससे पहले फिल्म को 'Cannes Film Festival' में 'Un Certain Regard Award' के लिए नॉमिनेशन मिल चुका है. Jerusalem Film Festival में संतोष फिल्म को 'Award for International Cinema' केटेगरी में Best International Debut अवॉर्ड मिला. लंदन फिल्म फेस्टिवल में भी दो बार यह फिल्म नॉमिनेट हो चुकी है. 

Asian First Film Festival में उनकी I for India को बेस्ट डॉक्यूमेंट्री अवॉर्ड मिल चुका है. वहीं, द फील्ड शॉर्ट फिल्म BAFTA Awards 2019, British Independent Film Award, Seattle International Film Festival, Sundance Film Festival में नॉमिनेट हो चुकी है. जबकि Los Angeles Indian Film Festival, Toronto International Film Festival और Melbourne International Film Festival में द फील्ड को अवॉर्ड मिल चुका है. 

 

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