आज हम जिस एक्ट्रेस की बात कर रहे हैं उन्होंने अपने करियर में कभी सौतेली मां तो कभी चाची का रोल निभाया..जब वो जवान थीं तो वो बेहद खूबसूरत थीं लेकिन उम्र और वजन बढ़ने के बाद भी वो लोगों की फेवरेट बनी रहीं. फिल्मी फ्राइडे (Filmy Friday) में आज बात करेंगे कैरेक्टर आर्टिस्ट और एक्ट्रेस मनोरमा (Manorama) की...
मनोरमा अपने फेशियल एक्सप्रेशन से लोगों का दिल जीत लेती थीं...इस वजह से उन्हें कैरेक्टर रोल दिए जाने लगे. 1972 में आई फिल्म 'सीता और गीता' (Seeta Aur Geeta) में उन्होंने हेमा मालिनी की सौतेली चाची बनकर उन्हें खूब परेशान किया. मनोरमा ने अपने फिल्मी करियर में ज्यादातर वैंप और हास्य कलाकार की भूमिका ही निभाई.
लाहौर में जन्मी थीं मनोरमा
16 अगस्त 1926 में मनोरमा का जन्म लाहौर में हुआ. उन्हें पिता प्रोफेसर थे. मनोरमा की मां आयरिश थीं. मनोरमा का असली नाम ऐरविन आइजिक डेनियल था और वो अपने मां बाप की इकलौती औलाद थीं. उनकी पढ़ाई लिखाई लाहौर में हुई. उन्होंने बचपन में ही क्लासिकल डांस और सिगिंग की ट्रेनिंग भी ली थी.
कश्मीरी पंडित से किया निकाह
मनोरमा ने 1941 में अपना फिल्मी करियर शुरू किया था. दलसुख पंचोली ने उन्हें अपनी फिल्म खजांची में कास्ट किया था. इसके बाद उन्होंने कई फिल्में साइन कीं. इसी दौरान उन्होंने राजन हक्सर से निकाह कर लिया. ये लव मैरिज थी. राजा कश्मीरी पंडित थे और फिल्में प्रोड्यूस करते थे. दोनों विभाजन के बाद भारत आ गए थे, और निर्माता बन गए. भारत आने के बाद उन्हें स्ट्रगल को किया लेकिन काम मिलने में कुछ खास परेशानी नहीं हुई.
अत्याचारी चाची या सौतेली मां का रोल किया
मनोरमा इतनी मशहूर हो गईं कि उन्होंने कई बड़े-बड़े विज्ञापन भी किए. उनका गोल-गोल आंखें, मटकाकर बोलना दर्शकों के दिलों में घर कर गया. मनोरमा अक्सर एक अत्याचारी चाची या सौतेली मां की भूमिका निभाती थी, जो पूरे मेकअप में रहती थीं और गुस्से में आंखें और मुंह बनाती थी. मनोरमा ने हिंदी के अलावा कई पंजाबी फिल्मों में भी काम किया. फिल्मों में मनोरमा अपने एक्सप्रेशंस से सबकों मात देती थीं. मेकर्स उन्हें अपनी फिल्मों में कास्ट करना चाहते थे.
2008 में हो गया था निधन
मनोरमा ने अपने फिल्मी करियर में 100 से ज्यादा फिल्में कीं. ज्यादातर फिल्मों में मनोरमा ने नेगेटिव किरदार निभाया. मनोरमा ने 6 दशकों तक ये इंडस्ट्री में एक्टिव रहीं. उन्हें इंडस्ट्री की 'वैम्प' और 'लेडी विलन' भी कहा जाता था. उनकी कुछ चर्चित फिल्मों में 'सीता और गीता', 'एक फूल दो माली', 'दो कलियां', 'कारवां' शामिल हैं. साल 2008 में मनोरमा का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था. आज बेशक मनोरमा इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन उनके निभाए किरदार हमेशा लोगों के जहन में जिंदा रहेंगे.