चांदनी चौक में पला-बढ़ा एक मिडिल-क्लास परिवार का लड़का पूरे देश के दिलों की धड़कन बन जाए, ऐसा तो सिर्फ फिल्मों में ही होता है. लेकिन फिल्में भी तो हकीकत से ही प्रेरित होती हैं. और यह कहानी एक फिल्म स्टार की ही है. लेकिन रील नहीं रियल.
जी हां, लोगों के दिलों पर राज करने वाले खिलाड़ी कुमार अका अक्षय कुमार का फर्श से अर्श तक का सफर आसान नहीं था. लेकिन अपनी मेहनत और समर्पण से आज वह भारतीय सिनेमा इंडस्ट्री के टॉप एक्टर्स में शामिल होते हैं.
पैसे कमाने के लिए किए छोटे-बड़े काम
अक्षय कुमार एक पंजाबी परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उनका जन्म अमृतसर, पंजाब में हुआ था. बताया जाता है कि उनके पिता भारतीय सेना में थे. मुंबई जाने से पहले तक वह चांदनी चौक में रहते थे. लेकिन फिर उनके पिता यूनिसेफ के साथ काम करने लगे और वे मुंबई में बस गए.
अक्षय की पढ़ाई से ज्यादा दिलचस्पी खेलों में रही. अक्षय ने गुरु नानक खालसा कॉलेज में दाखिला लिया. लेकिन वह हमेशा से कराटे सीखना चाहते थे. बड़ी मुश्किल से उनके पिता ने पैसे इकट्ठा करके उन्हें थाईलैंड भेजा. वह ताइक्वांडो में ब्लैक बेल्ट भी हैं.
विदेश में अक्षय ने वेटर से लेकर कुक तक का काम किया ताकि वह अपने खर्च निकाल सकें और घर से पैसे न मांगने पड़ें. भारत वापस आकर भी वह बच्चों को कराटे सिखाने लगे. उनकी जिंदगी आसान नहीं था लेकिन अक्षय सिर्फ मेहनत में विश्वास करते हैं.
मॉडलिंग से बना फिल्मों तक का रास्ता
अक्षय हमेशा से फिटनेस फ्रीक रहे हैं. उनके फिट और आकर्षक शरीर के कारण, एक बार उनके एक स्टुडेंट के पिता ने उन्हें मॉडलिंग के लिए बुलाया. उन्हें मात्र दो दिन में उनकी महीनेभर की सैलरी से ज्यादा पैसे मिले. इसके बाद उन्होंने मॉडलिंग करने की ठानी. अक्षय ने अपने पोर्टफोलियो को पूरा करने के लिए जयेश सेठ के साथ एक सहायक फोटोग्राफर के रूप में काम किया.
मॉडलिंग के साथ-साथ वह अपना पोर्टफोलियो स्टूडियोज में ले जाकर दिखाते थे. हालांकि, उन्हें कोई सफलता नहीं मिल रही थी. एक बार उन्हें मॉडलिंग के लिए शहर से बाहर जाना था पर फ्लाइट छूट गई. इस बात से वह दुखी थे तो सोचा कि क्यों न एक बार और किसी स्टूडियो का चक्कर लगाया जाए और इस बार उनकी मेहनत असफल नहीं रही.
कॉमेडी से लेकर एक्शन तक, पूरा पैकेज हैं अक्षय
अक्षय की पहली फिल्म सौगंध थी, जिसमें उन्होंने राखी गुलजार के साथ काम किया. इसके बाद, उन्होंने कई फिल्मों में काम किया पर ज्यादा सफलता नहीं मिली. और फिल उनकी "मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी" फिल्म आई. इस फिल्म ने उन्हें रातोंरात स्टार बना दिया. यह 1994 में सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्मों में से एक बन गई.
इसके बाद उन्होंने कई फिल्में की और सब हिट रहीं. खासकर कि उनकी खिलाड़ी सीरीज, जिसमें सबसे बड़ा खिलाड़ी, खिलाड़ियों का खिलाड़ी, इंटरनेशनल खिलाड़ी, खिलाड़ी 420 आदि. इन फिल्मों की सफलता के बाद अक्षय को "खिलाड़ी कुमार" की उपाधि मिली. एक्शन के बाद, अक्षय की कॉमेडी फिल्में जैसे हेरा फेरी, गरम मसाला, फिर हेरा फेरी और भागम भाग आदि भी हिट रहीं.
मिले हैं कई सम्मान
अक्षय कुमार को सिनेमा में उनके योगदान के लिए भारत में चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म श्री मिला है. इसके अलावा, उन्होंने अपनी फिल्मों एयरलिफ्ट और रुस्तम के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता की श्रेणी में 2 राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीते.
उन्हें फिल्मफेयर पुरस्कारों के लिए 13 बार नामांकित किया गया और 2 बार वह जीते. उन्हें अजनबी के लिए सर्वश्रेष्ठ खलनायक का पुरस्कार मिला और गरम मसाला के लिए हास्य भूमिका में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार मिला. हाल ही में रीलीज हुई उनकी फिल्म कठपुतली को भी खूब पसंद किया जा रहा है.