बॉलीवुड की जानी-मानी कोरियोग्राफर, डायरेक्टर, प्रोड्यूसर और एक्ट्रेस फराह खान का जन्म 9 जनवरी 1965 को मुंबई में हुआ था. फराह को बॉलीवुड की दबंग लेडी के नाम से जाना जाता है. फराह को बचपन से ही डांस का शौक था और वह माइकल जैक्सन की बड़ी फैन थीं. उनसे प्रभावित होकर उन्होंने अपने डांस के हुनर को निखारा और बतौर बैकग्राउंड डांसर कम उम्र में ही अपने करियर की शुरुआत की. उन्होंने बॉलीवुड की महान कोरियोग्राफर सरोज खान के साथ काम करना शुरू किया.
बचपन बेहद गरीबी में गुजरी
फराह खान का बचपन बेहद गरीबी में गुजरी.फराह खान के पिता कामरान खान हिंदी फिल्मों बतौर निर्देशक और एक्टर काम किया करते थे. कामरान ने अपने खर्चे पर ऐसा भी होता है फिल्म बनाई थी. ये फिल्म फ्लॉप हो गई और कामरान कर्जे में आ गए. मुश्किल हालातों में उन्होंने घर के गहने और सभी कीमती सामान बेच दिया लेकिन फिर भी मुश्किलें कम नहीं हुईं. कुछ दिनों बाद फराह के पिता गुजर गए और घरवालों की पूरी जिम्मेदारी फराह खान पर आ गई. डांस सिखने के लिए फराह खान के घर में सुविधाएं नहीं थी इसलिए वे पड़ोसियों के घर जाकर टीवी पर डांस देखती थी और सिखती थी. उन्होंने खूब मेहनत की और उनकी किस्मत चमक गई.
ऐसे चमकी किस्मत
फिल्मों में बतौर बैकग्राउंड डांसर काम करते-करते फराह स्टार्स को नए डांस स्टेप्स भी सिखाने लगीं. फराह जो जीता वही सिकंदर फिल्म में डांस कोरियोग्राफर सरोज खान की असिस्टेंट थीं. अचानक ही सरोज के बैक आउट कर लेने से फराह को पहला नशा गाना कोरियोग्राफ करने का मौका मिला और यहीं से उनकी किस्मत चमक गई.कहते हैं फराह खान किसी गाने की कोरियोग्राफी कर लें तो उस फिल्म का गाना अपने आप हिट साबित हो जाता है. उनकी कोरियोग्राफी का आज हर कोई दीवाना है.
फिल्मी सफर
फराह ने जो जीता वही सिकंदर, अंगार, वक्त हमारा है, दिलवाले दुल्हनियां ले जायेंगे जैसी कई फिल्मों में कोरियोग्राफी का काम किया. फिल्म कभी हां कभी ना के दौरान ही फराह की मुलाकात उस वक्त के उभरते कलाकार शाहरुख खान से हुई और तब से लेकर आज तक दोनों अच्छे दोस्त हैं. इंडस्ट्री में शाहरुख के अलावा फराह की दोस्ती काजोल, रानी मुखर्जी, करण जौहर के साथ भी काफी अच्छी है. मॉनसून वेडिंग, बॉम्बे ड्रीम्स, वैनिटी फेयर में उनके काम को देखते हुए उन्हें बेस्ट कोरियोग्राफर के तौर पर 2004 के टोनी अवार्ड के लिए नामांकित किया गया. उन्हें 5 बार फिल्मफेयर का सर्वश्रेष्ठ कोरियोग्राफी पुरस्कार भी मिल चुका है. निर्देशक के तौर पर उनकी पहली फिल्म मैं हूं ना थी. उनकी दूसरी फिल्म ओम शांति ओम ने अपने रिलीज के दौरान सबसे ज्यादा कमाई की. उनके द्वारा निर्देशित फिल्म तीस मार खां फ्लॉप हो गई.
अपने से काफी छोटे शिरीष कुंदर से की शादी
फराह के पति शिरीष कुंदर बॉलीवुड में आने से पहले एक इलेक्ट्रॉनिकल इंजीनियर थे और मोटोरोला कंपनी में काम करते थे। कंपनी में चार साल तक काम करने के बाद शिरीष ने इंडस्ट्री बदली ओर बॉलीवुड में किस्मत आजमाने आ गए. शिरीष ने फिल्म इंडस्ट्री में एडिटर के तौर पर काम किया. फराह से शिरीष की पहली मुलाकात फिल्म मैं हूं ना के सेट पर हुई थी. किसी ने नहीं सोचा था कि दोनों कभी शादी करेंगे, लेकिन अचानक एक दिन शिरीष ने फराह को प्रपोज कर दिया. उस वक्त फराह 32 की और शिरीष 25 के थे. फराह ने शिरीष को हां कहने में काफी समय लिया, लेकिन आखिरकार दोनों ने 9 दिसम्बर, 2004 को शादी कर ली. शादी के चार साल बाद फराह खान ने ट्रिपलेट्स बच्चों को जन्म दिया.