इंडियन फिल्म एक्ट्रेस फरीदा जलाल बॉलीवुड इंडस्ट्री की वर्सेटाइल एक्ट्रेसेस में से एक हैं. फरीदा जलाल ने हर तरह के किरदार निभाकर भारतीय सिनेमा में अपनी पहचान बनाई है लेकिन उनके मां के किरदार स्क्रीन पर बहुत प्यार मिला और वो काफी सजीव लगते थे. बॉलीवुड में उन्हें फेवरेट मदर के किरदार से जाना जाता है.
बॉलीवुड में कैसे आईं?
फरीदा जलाल का जन्म 14 मार्च 1949 को दिल्ली में हुआ था. उन्होंने सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल, पंचगनी से अपनी स्कूलिंग की. फरीदा जलाल अब तक 200 से ज्यादा फिल्में कर चुकी हैं. फरीदा जलाल ने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत एक रियलिटी शो से की थी. इस प्रतियोगिता में उन्होंने राजेश खन्ना के साथ पार्ट लिया था. साल 1956 में एक टैलेंट हंट शो के जरिए उनका सेलेक्शन हुआ था. इसे यूनाइटेड फिल्म प्रोड्यूसर्स और फिल्मफेयर ने करवाया था. इस टैलेंट हंट शो में देशभर के हजारों लोग शामिल हुए थे. बिमल रॉय, बी.आर. चोपड़ा, नासिर हुसैन, जी.पी. सिप्पी, ओम प्रकाश मेहरा और शक्ति सामंत जैसे बड़ी हस्तियां इसके जज थे. बताया जाता है कि 10 हजार में से सिर्फ 8 लोग सेलेक्ट हुए थे और इसमें से एक फरीदा जलाल भी थीं और वो फाइनलिस्ट भी बनी थीं. फरीदा जलाल ने इस टैलेंट हंट में हिस्सा सिर्फ इसीलिए लिया था क्योंकि वो फिल्मों में काम करना चाहती थीं. जब उन्हें तकदीर ऑफर हुई तब उनकी उम्र मात्र 16 साल थी.
चाइल्ड एक्ट्रेस के तौर पर की थी शुरुआत
उन्होंने साल 1960 के दशक में चाइल्ट आर्टिस्ट के तौर पर फिल्म चौदहवीं का चांद (1963) से अपना फिल्मी सफर शुरू किया था. हिंदी के अलावा उन्होंने तेलुगू और तमिल सिनेमा में भी हाथ आजमाया. फरीदा जलाल ने फिल्म 'तकदीर' (1967) से बॉलीवुड में कदम रखा था. इस फिल्म में वो लीड एक्ट्रेस थीं. यह फिल्म साल 1967 में रिलीज हुई थी. इसके बाद उन्होंने पारस, बॉबी और हिना आदि फिल्मों में भी काम किया. आराधना (1969) के साथ,फरीदा ने अपने करियर की सबसे बड़ी हिट फिल्मों में से एक दी, जिसमें उन्होंने राजेश खन्ना और शर्मिला टैगोर के साथ अभिनय किया. उन्होंने 1973 की फिल्म बॉबी में ऋषि कपूर की मानसिक रूप से विकलांग प्रेमिका की भूमिका निभाई. इसे अभिनेत्री के करियर की सबसे सम्मोहक प्रस्तुतियों में से एक माना गया. उन्होंने शाहरुख खान और काजोल स्टारर फिल्म दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे (1995) में अपने प्रदर्शन के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का फिल्मफेयर पुरस्कार जीता.
उन्होंने ये जो है जिंदगी (1984), देख भाई देख (1993),और जीनी एंड जूजू (2013) जैसे लोकप्रिय दैनिक धारावाहिकों में भी अभिनय किया. साल 1990 और 2000 के दशक की शुरुआत में फरीदा मजबूत महिला किरदार और कई मां के किरदार निभाकर एक घरेलू मां के तौर पर पहचानी जाने लगीं.
फेमस हुए मां के ये किरदार
वैसे तो फरीदा जलाल ने बहन, मां जैसे कई सारे किरदार निभाए लेकिन मां के किरदार के लिए वो सबसे ज्यादा चर्चा में रहीं. साल 1992 में आई फिल्म गर्दिश में उन्होंने पहली बार मां का किरदार निभाया. इस फिल्म में वो जैकी श्रॉफ की मां बनी थीं. इसके बाद उन्होंने साल 1994 में गोविंदा की फिल्म 'दुलारा' में गोविंदा की मां का किरदार निभाया था. साल 1994 में आई फिल्म 'लाडला' में उन्होंने अनिल कपूर की मां का किरदार निभाया. साल 1994 में क्रांतिवीर में उन्होंने नाना पाटेकर की मां का किरदार निभाया. इसके बाद दिल वाले दुल्हनिया में वो काजोल, दिलजले में अजय देवगन और वीरगति में वो सलमान खान की मां के किरदार में नजर आईं.
फरीदा जलाल ने एक्टर तबरेज बरमावार (Tabrez Barmavar) से शादी की थी. तबरेज से उनकी मुलाकात फिल्म के सेट पर ही हुई थी. फिल्म का नाम था जीवन. इसके बाद दोनों ने शादी करने का फैसला किया. शादी के बाद उन्हें फिल्मों के ऑफर मिलना बंद हो गए और वो पति के साथ बेंगलुरु शिफ्ट हो गईं. तबरेज की मौत साल 2003 में हो गई. फरीदा जलाल और तबरेज का एक बेटा यासीन है.