Ratan Tata birthday: इसे कहते हैं टाइम मैनेजमेंट...जब टाइम बचाने के लिए रतन टाटा ने बनाया था पंचर, जानें उनके जीवन से जुड़ें दिलचस्प किस्से

Happy Birthday Ratan Tata: रतन टाटा का पूरा जीवन दूसरों की मदद में करने में ही बीता. वो लोगों की व्यक्तिगत मदद से ज्यादा पूरे देश की मदद करने में विश्वास रखते हैं. यहां तक की कोरोना महामारी के वक्त 2020 में भी उन्होंने प्रधानमंत्री राहत कोष में एक हजार करोड़ रुपए दान किए थे. रतन टाटा के बारे में जानकर आप भी बहुत कुछ सीख सकते हैं.

Ratan Tata B'day
शताक्षी सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 28 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 8:21 AM IST
  • इंडो-चीन युद्ध के कारण नहीं हुआ रतन टाटा की शादी
  • समय को बेहद महत्वपूर्ण मानते हैं रतन टाटा
  • टाटा ग्रुप की संपत्ति के 60% पर जनसेवा का हक

बिजनेस टायकून रतन टाटा अपने बिजनेस स्ट्रेटेजी के अलावा अपने स्वभाव के कारण भी जाने जाते हैं. रतन नवल टाटा की उदारता के कई किस्से है. रतन टाटा लोगों को वापस देने में विश्वास रखते हैं. रतन टाटा का दावा है कि उन्होंने अपनी कंपनियों से जो संपत्ति बनाई है, उसका लगभग 60-65% हिस्सा शिक्षा, चिकित्सा और ग्रामीण विकास के रूप में लोगों के पास वापस चला जाता है. आज रतन टाटा का 84वां जन्मदिन है, और इस मौके पर चलिए हम आपको उनके जीवन से जुड़े कुछ किस्सों के बारे में बताते हैं, जिससे आप काफी कुछ सीख सकते हैं.

आखिर रतन टाटा ने क्यों नहीं कि शादी
रतन टाटा अपनी जुबान के बहुत पक्के थे, वो एक बार अगर किसी से कोई वादा कर लेते तो कभी भी उससे मुकरते नहीं थे. रतन टाटा के शादी ना करने की भी यही वजह थी. एक बार रतन टाटा को लॉस एंजेलिस में एक अमेरिकी लड़की से प्यार हो गया, वो लड़की भी टाटा से काफी प्रेम करने लगी. इतने में रतन टाटा की दादी, जिन्होंने बचपन से उनकी देखभाल की थी, वो अचानक बीमार पड़ गईं. उन्होंने टाटा को फोन कर वापस बुला लिया. टाटा ने उस अमेरिकी लड़की से भी साथ चलने को कहा, पर उसके माता-पिता ने उस समय चल रहे इंडो-चीन युद्ध के कारण भारत जाने से मना कर दिया. उसके बाद उस लड़की के माता-पिता ने लॉस एंजेलिस में ही लड़की की शादी करवा दी. जब टाटा को ये बात पता चली तो उन्हें काफी धक्का लगा, क्योंकि वो उसे वचन दे चुके थे. लेकिन वो अपने वादे पर अड़े रहे, और उन्होंने अपने किए वादे के मुताबिक कभी शादी नहीं की.

समय को महत्वपूर्ण मानते हैं रतन टाटा
एक बार रतन टाटा कई सीनियर अधिकारियों के साथ गाड़ी में नासिक की तरफ किसी मीटिंग में जा रहे थे, कि तभी रास्ते में अचानक उनकी कार का टायर पंचर हो गया. टायर पंचर होने पर कार में बैठे दूसरे लोग उतर कर चाय वगैरह पीने लगे. सब लोग गाड़ी से बाहर आकर इधर-उधर घूमने लगे, कि तभी लोगों ने देखा की रतन टाटा कहीं नहीं दिख रहे. जब सबकी नजर रतन टाटा पर गई तो वो अपनी शर्ट की आस्तीन मोड़कर दूसरे टायर का पंचर चेक कर रहे थे, और ड्राइवर की मदद कर रहे थे. उनको देख कर लोग हैरान हो गए और उनसे आकर पूछने लगे, कि आखिर आप ये क्यों कर रहे हैं. उस पर उन्होंने कहा कि ये काम अगर 15 मिनट में होना होगा, तो मेरी मदद से आधे समय में हो जाएगा. वो समय मैं मीटिंग में देकर लोगों से अच्छे से मिल सकता हूं. रतन टाटा समय के नुकसान को पैसों का नुकसान मानते थे. 

जब छोटू कहे जाने पर लड़की के साथ खड़े हुए थे
एक बार की बात है जब रतन टाटा के इंस्टाग्राम पर एक मिलीयन फॉलवर हो गए थे. इस खुशी को जब उन्होंने शेयर किया तो एक लड़की उनके पोस्ट पर लिखा, "बधाई हो छोटू". लड़की के उस कमेंट पर रतन टाटा के फैंस उस लड़की को काफी भला-बुरा बोलने लगे. इस पर रतन टाटा ने खुद उस बच्ची का बचाव करते हुए लिखा, "प्लीज ट्रीट दिस यंग लेडी विद रिस्पेक्ट" (कृपया इस लड़की की इज्जत करें). उनकी इस उदारता पर उनकी प्रशंसा चारों और होने लगे, और आखिरकार उस लड़की ने अपना कमेंट हटा लिया.

जब बच्चों से मिलने के लिए कैंसिल करा दी थी फ्लाइट
एक बार रतन टाटा किसी यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में पहुंचे, जहां उन्हें देखकर बच्चों में भगदड़ मच गई. तब रतन टाटा ने बच्चों से वादा किया कि वो उनसे बिना मिले वापस नहीं जाएंगे. लेकिन कार्यक्रम खत्म होते-होते काफी वक्त बीत गया. तभी उनके साथ के लोगों ने उनको बताया की फ्लाइट का समय हो गया है. रतन टाटा ने तुरंत फ्लाइट कैंसिल करने को कहा, इस पर विश्वविद्यालय के कुलपति ने उनसे आग्रह किया कि वो जाएं वरना उनके काम नुकसान होगा, इस पर रतन टाटा ने कहा कि बच्चों को वादा कर चुका हूं. 

हार से सीखने की सलाह देते हैं रतन टाटा
रतन टाटा का ऐसा मानना है कि आदमी को अपनी हार से बहुत कुछ सीखना चाहिए. 100 कंपनियां का टाटा ग्रुप आए दिन नई नई तकनीक लॉन्च करता है. उन्में से कुछ काफी सफल होती हैं, तो कुछ नहीं सफल हो पाती है. टाटा कंपनी की नैनो गाड़ी भी एक ऐसा ही प्रयोग था. लेकिन रतन टाटा कभी इन चीजों से हताश नहीं होते, यहां तक कि वो अपनी सालाना फंक्शन में सबसे फ्लॉप आइडिया को अवार्ड देते हैं. उनका मानना है कि छोटी-छोटी हार का सामना करने से ही इंसान आगे बढ़ता है. जब तक इंसान प्रयोग नहीं करेगा वो अपने दिमाग को कैसे चलाएगा.

तो ये थे रतन टाटा के जीवन के जुड़े हुए कुछ दिलचस्प किस्से. रतन टाटा का पूरा जीवन दूसरों की मदद में करने में ही बीता. वो लोगों की व्यक्तिगत मदद से ज्यादा पूरे देश की मदद करने में विश्वास रखते हैं. यहां तक की कोरोना महामारी के वक्त 2020 में भी उन्होंने प्रधानमंत्री राहत कोष में एक हजार करोड़ रुपए दान किए थे. रतन टाटा के बारे में जानकर आप भी बहुत कुछ सीख सकते हैं.
 

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