अभी कुछ दिनों पहले तक बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान खूब सुर्खियों में थे, वजह सबको पता है, उनके बेटे आर्यन खान की ड्रग केस में हुई गिरफ्तारी. लेकिन अब आर्यन जेल से रिहा हो कर घर वापस आ गए हैं, और शाहरुख खान के चेहरे पर खुशी लौट आई है, और उनके फैंस की भी खुशियां वापस आ गई हैं. वैसे शाहरुख के फैंस के लिए आज एक और खुशी का मौका है, क्योंकि आज शाहरुख का बर्थडे है. शाहरुख खान आज अपना 56 वां बर्थडे मना रहे हैं.
अपनी चादर से ज्यादा पैर फैलाने वाले शाहरुख
यूं तो शाहरुख खान को फिल्मी दुनिया में आए तीन दशक होने को है. इन तमाम सालों में आप चाहें तो शाहरुख का कोई भी इंटरव्यू इंटरनेट पर खंगाल कर देख लें, आप शाहरुख को ये कहते सुन ही लेंगे कि वो आज जो कुछ भी हैं अपनी मां के बदौलत हैं. सचमुच ये सुनना कितना अच्छा लगता है जब शाहरुख कहते हैं कि "सब कहते हैं कि जितनी तुम्हारी चादर हो, उतने ही पैर फैलाने चाहिए लेकिन उनकी मां कुछ और ही कहा करती थीं' वो कहतीं थी पैर हमेशा चादर से ज्यादा फैलाओ.
शाहरुख ने जो कहा वही कर दिखाया
शाहरुख खान ने आज जो भी मुकाम हासिल किया है उसके पीछे एक लंबे संघर्ष की कहानी है, एक वो दिन भी था जब शाहरुख वीटी स्टेशन पर सोते थे, और शाहरुख उस दिन भी उसी स्टेशन पर सोए थे, सुबह उठ कर ताज होटल के बाथरूम में गए जहां पर कुछ निर्माण काम चल रहा था, होटल की छत का बालकनी पर जा कर शाहरुख ने अपने दोस्त से कहा कि- "एक दिन मैं शहर पर राज करुंगा" और आज ये कहना गलत नहीं होगा कि शाहरुख ने ये सचमुच कर दिखाया है.
होठों पर अनुठे भाव लिए दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे वाले शाहरुख
बॉलीवुड की सबसे रोमांटिक फिल्म याद करने पर जो नाम जहन में आता है वो कोई और नहीं शाहरुख खान की दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे ही है. ये कहना गलत नहीं होगा कि शाहरुख़ के अभिनय में कुछ ऐसी खूबियां थीं जो पहले कभी देखी नहीं गई थी. एक किस्म की दिलेरी थी, संवेदनशीलता भी थी. जहाँ होठों पर अनूठे भाव थे, वहीं, डायलॉग डिलीवरी में एक एक्सपेरिमेंट था. एक नौजवान और शरारती लड़के का आचरण भी था. 'दिलवाले दुलहनिया ले जाएंगे' ने एक नए किस्म के सिनेमा को जन्म दिया. बात अगर होठों के भाव की हो रही है तो शाहरुख की फिल्म डर का जिक्र करना भी लाजिमी है, इसी फिल्म के डायलॉग क.क.क. किरण आई लव यू के तो क्या ही कहने, शाहरूख जिस मासूमियत और होठों पर गजब के भाव लिए ये डायलॉग बोलते हैं, बस कत्ल ही करते हैं.
शाहरुख यानी एक नए सिनेमा जगत का जन्म
दिलवाले दुलहनिया ले जाएंगे' की कामयाबी के बाद शाहरुख़ कुछ ऐसी रोमांटिक फ़िल्मों का हिस्सा बने जिससे वो 'किंग ऑफ़ रोमांस' माने गए. इन फ़िल्मों में शामिल है यश चोपड़ा की 'दिल तो पागल है', सुभाष घई की फ़िल्म 'परदेस' और करण जौहर की फ़िल्म 'कुछ कुछ होता है' जिसमें एक बार फिर 'दिलवाले दुलहनिया ले जाएंगे' की जोड़ी शाहरुख़ ख़ान और काजोल साथ नज़र आए जिसे दर्शकों ने बहुत प्यार दिया. शाहरुख की ऐसी कई फिल्में हैं जो एक मिडिल क्लास के लड़के को जीता आया है, अगर हम शाहरुख की पुरानी फिल्मों को याद करें तो दो पीढ़ियों की तस्वीर एक साथ दिमाग में उकरनी शुरू हो जाती है. जहाँ नई पीढ़ी पश्चिमी संस्कृति अपना रही थी तो वहीं पुरानी पीढ़ी परंपरा की ललक में थी, एक लाइन में कहे तो शाहरुख़ खान इन सब बदलावों का एक सिम्बॉलिक चेहरा बनकर उभरे."
सहनशीलता और एकता का संदेश फैलाना हो तो माई नेम इज खान याद कर लीजिए
शाहरुख़ खान और काजोल की जोड़ी खूब पंसद की जाती थी, इस जोड़ी की सबसे बेहतरीन फिल्म का नाम लेना हो तो माई नेम इज खान का नाम ना लेना एक गलतू ही होगी, 'माई नेम इज़ ख़ान' में शाहरुख़ ख़ान एस्पर्गर्स सिंड्रोम से जूझ रहे रिज़वान खान के किरदार में नज़र आए. 2010 में बनी यह फ़िल्म आज बी यादगार है, शाहरुख ने इस फिल्म में एक मुस्लिम किरदार रिजवान खान का किरदार अदा किया था, यह एक मेलोड्रामा थी ये फिल्म अलग अलग देशों महाद्वीप और धर्म को दर्शाते हुए मानवतावादी संदेश के साथ-साथ सहनशीलता और एकता का संदेश देती है.
"विवादों के बादशाह " भी रहे " बॉलीवुड के बादशाह''
आर्यन खान वाला मामला अभी ताजा है और सबको इस बारे में पता ही है, बात शाहरुख के पुराने विवादों की कर लेते हैं.साल 2015 का वक्त था, जब शाहरुख खान ने देश में बढ़ती असहिष्णुता पर बयान दिया जिसे लेकर पूरे देश में बवाल खड़ा हो गया था, शाहरुख को बड़ी आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा, शाहरुख को इसके लिए माफी भी मांगनी पड़ी थी,
फ़िल्म इंडस्ट्री में एक दौर में सलमान खान और शाहरुख़ खान के बीच झगड़े की बात भी कही-सुनी जाती रही. हालांकि अभी आर्यन खान वाले मामले में सलमान ने शाहरुख को खूब सपोर्ट किया जिससे जनता भड़ भी गई थी, कईयों ने तो हिंदु-मुस्लिम का ताना बानी भी बुनना शुरू कर दिया था.
आज शाहरुख खान किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं, आज वो किंग खान के नाम से मशहूर हैं, लेकिन शाहरुख खान के अंदर आज भी वो ''दिल्ली का लड़का '' का लड़का बसता है, जो बेबाकी और अलहड़पन में ढेरों बातें करता है, और बात बात पर अपनी मां को याद किया करता है.