वो कहते हैं ना कि मायानगरी में आपका कोई न हो तो फिर आपका कुछ नहीं हो सकता. लेकिन हैं कुछ लोग जिन्होंने अपनी मेहनत से न सिर्फ सफलता के झंडे गाड़े बल्कि बड़ा मुकाम हासिल किया. शख्सियत ऐसी कि लोग बार-बार स्क्रीन पर देखना चाहें और किरदार ऐसा कि बस याद करने भर से ही हंसी फूट पड़े. ऐसे ही एक कलाकार हैं विजय राज जिनका आज जन्मदिन है. विजय राज अपना 58वां जन्मदिन मना रहे है. देश-दुनिया से फैंस उन्हें खूब बधाई दे रहे हैं.
नसीर साहब ने पहचाना टैलेंट
विजय राज जब फिल्मों में काम करने का सपना लेकर मुंबई पहुंचे तो इनका कोई अपना नहीं था. बस थी तो आंखों में तैरते सपने और सफलता की बुलंदियों को छूने का ख्वाब. मुंबई आने से कुछ दिनों पहले नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में एक प्ले के दौरान नसीरूद्दीन शाह की नजर विजय राज पर पड़ी थी. नसीर साहब ने विजय को मुंबई आने को कहा.
भोपाल एक्सप्रेस थी पहली फिल्म
विजय मुंबई पहुंचकर सबसे पहले नसीर साहब से मिले. उन दिनों नसीरूद्दीन शाह भोपाल एक्सप्रेस की शूटिंग कर रहे थे. उन्होंने डायरेक्टर से विजय के लिए काम की सिफारिश की उन्हें एक छोटा सा रोल मिल गया. नसीर साहब ने ही विजय को डायरेक्टर मीरा नायर से मिलवाया जो उन दिनों मानसून वेडिंग की स्क्रिप्ट पर काम कर रही थीं. हालांकि, फिल्म में थोड़ा वक्त था. इस बीच विजय अपने दम पर भी कुछ रोल पाने की कोशिश करते रहे. इस दौरान उन्हें रामगोपाल वर्मा की फिल्म जंगल में भी काम करने का मौका मिला. वे दिल पर मत ले यार और अक्स जैसी फिल्मों में भी नजर आए.
मानसून वेडिंग से चमकी किस्मत
हर एक्टर को एक बड़ी हिट का इंतजार होता है और विजय भी इसकी तलाश कर रहे थे. 2001 में रिलीज हुई फिल्म मानसून वेडिंग से विजय की किस्मत चमकी. इस फिल्म में अभिनय की वजह से उन्हें बेस्ट कॉमेडियन का नॉमिनेशन मिला. इसके बाद उनकी बेस्ट कॉमेडियन में गिनती होने लगी.
रन...जिसने विजय को दिलाई अलग पहचान
साल 2004 में आई अभिषेक बच्चन की फिल्म रन विजय की जिंदगी का टर्निंग प्वाइंट साबित हुई. इस फिल्म में गणेश यानि की विजय राज दिल्ली जाते हैं और अपनी उल्टी-सीधी हरकतों से दर्शकों को हंसने पर मजबूर कर देते हैं. इसमें एक ऐसा दृश्य भी है जिसमें विजय कौए जैसी आवाज निकालते हैं जिसे दर्शकों ने खूब पसंद किया. इस फिल्म में हीरो तो अभिषेक बच्चन थे लेकिन चर्चे विजय के होते थे. इसके बाद फिल्म दर फिल्म विजय की डिमांड बढ़ती चली गई और देखते ही देखते बॉलीवुड इंडस्ट्री में विजय ने एक बड़ा मुकाम हासिल कर लिया. विजय धमाल, वेलकम, देल्ही बेली, डेढ़ इश्किया जैसी कई हिट फिल्मों में काम कर चुके हैं.
एक्टिंग से लेकर वीओ आर्टिस्ट और डायरेक्शन तक में आजमाई किस्मत
5 जून 1963 को जन्मे विजय राज की पढ़ाई लिखाई दिल्ली से हुई. बचपन से ही एक्टिंग का शौक था. दिल्ली यूनिवर्सिटी के करोड़ीमल कॉलेज में कई नाटकों में भाग लिया. एनएसडी में भी अपनी एक्टिंग से लोगों को चकित कर दिया. एक्टिंग में लोहा मनवाने वाले विजय राज ने कई ऐड में भी अपनी आवाज दी. उनकी आवाज को भी खूब सहारा गया. इसके बाद विजय ने डायरेक्शन में भी कदम रख दिया. हालांकि, उनकी फिल्म क्या दिल्ली क्या लाहौर ज्यादा कमाल नहीं दिखा सकी. खैर विजय ने पिछले दो दशक में बॉलीवुड इंडस्ट्री में जो मुकाम हासिल किया है और कइयों को पूरी जिंदगी नसीब नहीं हो पाती. विजय ने एक के बाद एक सफलता की बुलंदियों को छूते चले गए.