Heeramandi Social Media Review: हीरामंडी देखें या नहीं? जानिए, फिल्म देख चुके यूजर्स ने क्या-कुछ कहा!

हीरामंडी: डायमंड बाजार की कहानी 1940 के दशक के लाहौर (पाकिस्तान) और उसके रेड-लाइट एरिया पर आधारित है. 8 एपिसोड की इस सीरीज में मनीषा कोइराला, अदिति राव हैदरी, सोनाक्षी सिन्हा, संजीदा शेख, शर्मिन सहगल, ऋचा चड्ढा, ताहा शाह, जैसन शाह, फरदीन खान, अध्ययन सुमन और शेखर सुमन जैसे सितारों ने काम किया है.

heeramandi/Instagram
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 01 मई 2024,
  • अपडेटेड 7:07 PM IST

संजय लीला भंसाली (Sanjay Leela Bhansali) की पहली वेब सीरीज हीरामंडी (Heeramandi) रिलीज हो गई है. आप इसे Netflix पर स्ट्रीम कर सकते हैं. इस पीरियड ड्रामा सीरीज में आपको वो सभी चीजें देखने को मिलेंगी जिसके लिए भंसाली जाने जाते हैं.

8 एपिसोड की इस सीरीज में मनीषा कोइराला, अदिति राव हैदरी, सोनाक्षी सिन्हा, संजीदा शेख, शर्मिन सहगल, ऋचा चड्ढा, ताहा शाह, जैसन शाह, फरदीन खान, अध्ययन सुमन और शेखर सुमन जैसे सितारों ने काम किया है.

प्रेम, ताकत, विश्वासघात, संघर्ष पर आधारित हीरामंडी यूजर्स को कैसी लगी...आइए जानते हैं.

एक यूजर ने लिखा- ''क्या कोई हीरामंडी के पहले 15 मिनट देख सका? मेरा मतलब है शानदार सेट, लेकिन 15 मिनट अंदर 2 गाने और कोई कहानी नजर नहीं आती और कहानी बहुत ही खराब है.''

एक यूजर ने लिखा- "संजय लीला भंसाली की 'हीरामंडी' कैमरा मूवमेंट और मिस-एन-सीन पर एक मास्टरक्लास है.''

मनीषा कोइराला ने कमाल काम किया है

एक अन्य यूजर ने लिखा- हीरामंडी एक मंत्रमुग्ध कर देने वाली कहानी है जो इतिहास के गुमनाम नायकों को श्रद्धांजलि देती है. मनीषा कोइराला और अदिति राव हैदरी ने महफिल लूट ली है.

वहीं एक ने लिखा- मनीषा कोइराला को इतने लंबे समय के बाद देखकर खुशी हुई. अभिनय का एक बेहतरीन नमूना. देखकर हैरान हूं फरदीन भी एक्टिंग कर सकते हैं!

अगर आप संजय लीला भंसाली की फिल्मों को पसंद करते हैं तो इस सीरीज को नेटफ्लिक्स पर देखा जा सकता है. इसके अलावा हीरामंडी में सोनाक्षी सिन्हा ने अपने करियर की बेस्ट परफॉर्मेंस दी है. वहीं मनीषा कोइराला इस सीरीज की जान हैं.

हीरामंडी की कहानी

हीरामंडी यानि डायमंड बाजार की कहानी 1940 के दशक के लाहौर (पाकिस्तान) और उसके रेड-लाइट एरिया पर आधारित है. पाकिस्तान की सबसे लोकप्रिय जगहों में से एक हीरामंडी का नाम हीरा सिंह के बेटे ध्यान सिंह डोगरा के नाम पर रखा गया था. इस मंडी में कभी हीरे, जेवरात बिकते थे, बाद में इसे अनाज मंडी में तब्दील कर दिया गया और कुछ हिस्से में तवायफों को बसेरा दिया.

15वीं और 16वीं शताब्दी में मुगल काल के दौरान हीरामंडी काफी मशहूर थी. मुगल अपने मनोरंजन के लिए अफगानिस्तान और उज़्बेकिस्तान से महिलाओं को यहां लाते थे. अहमद शाह अब्दाली के आक्रमण के बाद ये जगह वेश्यावृत्ति का केंद्र बन गई. पाकिस्तान में आज भी ये जगह मौजूद है, दिन के समय ये एक सामान्य बाजार की तरह दिखता है और रात में इस जगह पर वेश्यावृत्ति होती है.

 

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