भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के शासनकाल पर बनी फिल्म 'इमरजेंसी' जल्द ही बड़े पर्दे पर रिलीज होने वाली है. चार बार की नेशनल अवॉर्ड विजेता कंगना रनौत इस फिल्म में न सिर्फ मुख्य भूमिका में नजर आएंगी, बल्कि फिल्म का निर्देशन और लेखन भी उन्होंने ही किया है. आइए जानते हैं कि 'इमरजेंसी' के विचार से लेकर फिल्मिंग तक इस प्रोजेक्ट को कैसे अंजाम दिया गया.
कैसे आया फिल्म का विचार?
डिजिटल मीडिया पोर्टल लल्लनटॉप को दिए गए इंटरव्यू में कंगना ने फिल्म के आइडिया और मेकिंग पर खुलकर बात की है. जब कंगना से पूछा गया कि उन्हें इस फिल्म का आइडिया कैसे आया, तो उन्होंने कहा, "मेरे विचारों का झुकाव राष्ट्रवाद की तरफ रहा है. मैं हमेशा एक अलग स्टोरी और भावना ढूंढती रहती हूं."
वह कहती हैं, "जैसे मैं मणिकर्णिका में राष्ट्र से प्रेम करने वाला एक किरदार निभाना चाहती थी. जब आप इंदिरा गांधी की बात करते हैं तो उन्हें जितना प्यार मिला, उतनी ही नफरत भी मिली. हमने देखा है कि लोग उन्हें चंडी और दुर्गा का अवतार मानते थे. हमने यह भी देखा है कि (रैली में) उनके ऊपर जूते-चप्पल उछाले गए. यह जनता का जुनून है, जहां वह एक लीडर से बेहद प्यार भी करते हैं और बेहद नफरत भी. मुझे लगा कि इसपर एक फिल्म बननी चाहिए."
इंदिरा 1966 में तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के निधन के बाद पहली बार पीएम बनी थीं. इसके बाद 1967 में हुए लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने इंदिरा की अगुवाई में 283 सीटों के साथ बहुमत हासिल की थी.
किस टाइम पीरियड पर बनी है फिल्म?
कंगना बताती हैं कि यह फिल्म 1966 में इंदिरा के पहले कार्यकाल से शुरू होकर उनकी हत्या तक की कहानी बयान करती है. वह कहती हैं कि फिल्म में सत्ता के संघर्ष को एक मानवीय दृष्टिकोण के साथ पेश किया गया है.
कंगना कहती हैं, "स्टोरी मेरी है. मैंने (इंदिरा गांधी के जीवन का) एक भाग उठाया है. मैंने दिखाना चाहा है कि वह एक लीडर बनने के लिए कैसे संघर्ष कर रही हैं. फिल्म उनके पहले कार्यकाल से शुरू होती है. और उनके आखिरी दिन पर खत्म होती है."
जैसा कि नाम से जाहिर होता है, यह फिल्म इमरजेंसी पर आधारित है. कंगना बताती हैं कि फिल्म उन घटनाओं पर भी रोशनी डालती है जिनके नतीजे में देश में आपातकाल लगा. कंगना ने कहा, "मैंने दिखाना चाहा है कि इमरजेंसी की जड़ें कहां से निकलती हैं. ऐसा नहीं है कि सिर्फ उस दौर की घटनाओं को दिखाने वाली कहानी है, बल्कि उसके पीछे के मानवीय दृष्टिकोण को भी दिखाने की कोशिश की गई है."
कंगना के अनुसार यह फिल्म 1966 से शुरू होकर अक्तूबर 1984 तक के घटनाक्रम दिखाती है. इस दौरान इंदिरा गांधी करीब 15 साल प्रधानमंत्री पद पर रहीं. भारत में 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक भारत में इमरजेंसी का भी दौर रहा. इस समयकाल पर कंगना की फिल्म 'इमरजेंसी' छह सितंबर को रिलीज होनी है. हालांकि सेंसर बोर्ड ने फिलहाल इस फिल्म को हरी झंडी नहीं दिखाई है.