Jagjit Singh Birth Anniversary: जानिए वो किस्सा जब जगजीत सिंह की गजल सुनने के लिए पायलट ने रोक दी थी लैंडिंग

गजल सम्राट जगजीत सिंह की आज 83वीं बर्थ एनिवर्सरी है. जगजीत सिंह ने गजल की दुनिया में जो मुकाम हासिल किया वो हर किसी के लिए मुमकिन नहीं है. जगजीत सिंह का जन्म राजस्थान के श्री गंगानगर में हुआ था.

Jagjit Singh Birth Anniversary
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 08 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 1:46 PM IST
  • जगजीत सिंह का जन्म राजस्थान के श्री गंगानगर में हुआ था.
  • शुरुआत के दिनों में जगजीत सिंह को काफी स्ट्रगल करना पड़ा.

गजल के सरताज कहे जाने वाले जगजीत सिंह (Jagjit Singh Birth Anniversary) की आज बर्थ एनिवर्सरी है. जगजीत सिंह ने गजल की दुनिया में जो मुकाम हासिल किया वो हर किसी के लिए मुमकिन नहीं है. संगीत में अपने उल्लेखनीय योगदान के लिए जाने जाने वाले जगजीत सिंह का जन्म 8 फरवरी, 1941 को हुआ था.

पिता चाहते थे बेटा प्रशासनिक सेवा में जाए
जगजीत सिंह (Jagjit Singh) के पिता सरदार अमर सिंह धीमान एक सरकारी अधिकारी थे और उनकी मां सरदारनी बच्चन कौर धार्मिक पृष्ठभूमि से आती थी. जगजीत का परिवार उन्हें प्यार से "जीत" नाम से बुलाता था. जगजीत सिंह ने गंगानजर के खालसा हाई स्कूल से पढ़ाई की. मैट्रिक करने के बाद उन्होंने जालंधर के डीएवी कॉलेज से ग्रेजुएशन और कुरूक्षेत्र यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएशन किया. उनके पिता चाहते थे कि वो आईएस बनें लेकिन जगजीत का दिल तो संगीत की दुनिया में लगता था. जगजीत ने पंडित छगनलाल शर्मा से शास्त्रीय संगीत सीखा. म्यूजिक में करियर बनाने के लिए वो 1965 में बॉम्बे आ गए. 

शुरुआती दिनों में करना पड़ा स्ट्रगल
शुरुआत के दिनों में उन्हें काफी स्ट्रगल करना पड़ा. कभी शादी समारोह तो कभी जागरण में गाकर जगजीत सिंह अपना खर्च चलाते रहे. ये वो वक्त था जब गजल की दुनिया में नूरजहां, मलिका पुखराज, बेगम अख्तर, तलत महमूद और मेहदी हसन का खूब नाम था. ऐसे में एक छोटे शहर से आकर म्यूजिक में अपनी पहचान बनाना जगजीत के लिए काफी बड़ी बात थी. धीरे-धीरे उन्हें ऐडवर्टाइजमेंट में छोटे-मोटे जिंगल का काम मिलने लगा.

द अनफॉरगेटेबल्स था पहला एल्बम
जगजीत सिंह ने अपना पहला एल्बम "द अनफॉरगेटेबल्स" लॉन्च किया. इस एलपी की पहली नज्म थी, 'बात निकलेगी तो दूर तलक जाएगी.' जगजीत की आवाज और उनके गाने का अंदाज सभी को पसंद आया और इंडस्ट्री ने उन्हें हाथों हाथ लिया. जगजीत सिंह ने अपनी गजलों में पहली बार वेस्टर्न इंस्ट्रूमेंट्स का इस्तेमाल किया. धीरे-धीरे उन्होंने फिल्मों में गाना शुरू कर दिया. 1981 में आई फिल्म 'प्रेम गीत' के गाने 'होठों से छू लो तुम मेरा गीत अमर कर दो' ने जगजीत को खूब लोकप्रियता दिलाई. 

जब फ्लाइट की लैंडिंग आधे घंटे लेट हुई
जगजीत सिंह के जन्मदिन पर जानेंगे उनका वो किस्सा जो सबसे ज्यादा मशहूर है. एक बार जगजीत सिंह पाकिस्तान इंटरनेशनल की एक फ्लाइट में सवार थे. फ्लाइट कराची से दिल्ली आ रही थी. तभी फ्लाइट में मौजूद लोगों और क्रू मेंबर्स को पता चला कि उनके बीच जगजीत सिंह मौजूद हैं उन्होंने उनके सामने गजल की फरमाइश रख दी. जगजीत सिंह अब अपने फैंस को कैसे मना कर सकते थे. जब उन्होंने गाना शुरू किया तो ऐसा समां बंधा कि पायलट ने कंट्रोल रूम से संपर्क कर कह दिया कि वह आधे घंटे की देरी से लैंड करेंगे. करीब आधे घंटे तक जगजीत गाते रहे और फ्लाइट की लैंडिंग देरी से की गई.

 

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