5जी नेटवर्किंग मामले में कोर्ट ने जूही चावला पर घटाया जुर्माना...लेकिन रखी शर्त

5जी मामले में जूही चावला को राहत मिलती दिखाई दे रही है. दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज 5जी रोल-आउट के खिलाफ उनकी याचिका को खारिज करते हुए जुर्माने को 20 लाख रुपये से घटाकर 2 लाख रुपये करने का प्रस्ताव दिया है. हालांकि अदालत ने इसके लिए कुछ शर्त रखी है.

Juhi Chawla
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 27 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 1:49 PM IST
  • अदालत ने रखी शर्त
  • जुर्माना घटाकर 20 लाख से किया 2 लाख

5जी मामले में जूही चावला को राहत मिलती दिखाई दे रही है. दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज 5जी रोल-आउट के खिलाफ उनकी याचिका को खारिज करते हुए जुर्माने को 20 लाख रुपये से घटाकर 2 लाख रुपये करने का प्रस्ताव दिया है. हालांकि अदालत ने इसके लिए कुछ शर्त रखी है. अदालत ने कहा कि सेलेब्रिटी होने के नाते उनको कुछ सामाजिक कार्य करना होगा.

कोर्ट ने क्या कहा?
यह मानते हुए कि आपकी मुवक्किल एक सेलेब्रिटी हैं और सार्वजनिक रूप से उनकी उपस्थिति है इसलिए उन्हें कुछ सामाजिक कार्य भी करना चाहिए. उनकी छवि और पद का उपयोग समाज द्वारा किसी सार्वजनिक कार्य किसी अच्छे अभियान और अच्छे उद्देश्य के लिए भी किया जा सकता है. 'पीठ ने कहा, 'क्या वह करेंगी? वह यहां डीएसएलएसए के लिए एक कार्यक्रम कर सकती हैं. डीएसएलएसए के लोग उनसे संपर्क करेंगे और वे कुछ काम कर सकते हैं और वह इसमें शामिल हो सकती हैं और प्रचार कर सकती हैं.

जूही चावला के वकील की दलील
खुर्शीद ने कहा कि यह उनकी मुवक्किल के लिए सम्मान की बात होगी और यह जीवनभर का मौका होगा. उन्होंने कहा कि वह इस पर अभिनेत्री से राय लेंगे. कुछ समय बाद, उन्होंने पीठ को सूचित किया कि अभिनेत्री यह सुझाव देने के लिए अदालत की आभारी हैं और वह इस पर सहमत हैं. चावला ने अपील में यह भी कहा कि दिल्ली पुलिस ने जून में उन्हें 2 जून को वर्चुअल कोर्ट रूम में हुई गड़बड़ी के संबंध में अदालत के निर्देश पर जांच में शामिल होने के लिए कहा था. अदालत के समक्ष दायर की गई अपील के अनुसार पुलिस को विस्तृत जवाब दिया गया.

क्या है पूरा मामला?
जूही चावला ने 5जी तकनीक को लेकर यह कहते हुए कोर्ट में याचिका दायर की थी कि 5जी तकनीक आने से इंसान से लेकर पशु और पक्षियों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा. इस मामले में सिंगल बेंच ने अभिनेत्री की याचिका को खारिज करते हुए उन पर 20 लाख का जुर्माना लगाया था. टिप्पणी में कहा गया कि मुकदमा पब्लिसिटी के लिए प्रतीत होता है.

 

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