क्या होता है किसी फिल्म को टैक्स फ्री करने का मतलब? इसमें किसका फायदा, किसका नुकसान?

'द कश्मीर फाइल्स' उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक, गोवा और त्रिपुरा राज्यों में टैक्स फ्री कर दी गई है. ऐसे में सवाल उठता है कि किसी फिल्म को टैक्स फ्री करने का क्या मतलब होता है और इससे किसका फायदा-नुकसान होता है?

'द कश्मीर फाइल्स' कई राज्यों में टैक्स फ्री
श्रुति श्रीवास्तव
  • नई दिल्ली ,
  • 15 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 12:07 AM IST
  • 'द कश्मीर फाइल्स' कई राज्यों में टैक्स फ्री.
  • फिल्मों को टैक्स से छूट उनके विषय के आधार पर दी जाती है.

फिल्में देखना ज्यादातर लोगों को पसंद होता है और हो भी क्यों ना, थिएटर में फिल्म देखने का अपना ही मजा होता है. पर फिल्में सिर्फ मनोरंजन का जरिया नहीं होती हैं. कई बार कुछ फिल्में किसी विषय पर अच्छी जानकारी दे जाती हैं तो कई फिल्में समाज से जुड़े किसी मुद्दे को लोगों के सामने लाने का काम करती हैं. ऐसी ही एक फिल्म है 'द कश्मीर फाइल्स' (The Kashmir Files).ये फिल्म कश्मीर से कश्मीरी पंडितों के पलायन पर आधारित है. सोशल मीडिया पर इस फिल्म की जमकर तारीफ हो रही है. इस दिल छू देने वाली फिल्म को अब कई राज्यों में टैक्स फ्री कर दिया है. 

कश्मीर से कश्मीरी पंडितों के पलायन और नरसंहार के मुद्दे पर बनी फिल्म द कश्मीर फाइल्स को लोग काफी पसंद कर रहे हैं. इस फिल्म को निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री (Vivek Ranjan Agnihotri) ने बनाया है. ट्रेड एनलिस्ट तरण आदर्श के मुताबिक 11 मार्च को रिलीज हुई द कश्मीर फाइल्स ने शुरुआती तीन दिनों में 27.15 करोड़ रुपए की कमाई कर ली है. फिल्म में अनुपम खेर, मिथुन चक्रवर्ती, दर्शन कुमार, भाषा सुम्बली, पल्लवी जोशी जैसे दिग्गज कलाकार हैं. 'द कश्मीर फाइल्स' उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक, गोवा और त्रिपुरा राज्यों में टैक्स फ्री कर दी गई है. ऐसे में सवाल उठता है कि किसी फिल्म को टैक्स फ्री करने का क्या मतलब होता है और इससे क्या फायदा-नुकसान होता है?

कैसे चार्ज होता है टिकट प्राइस?

थिएटर से किसी फिल्म का टिकट खरीदते पर उसके दो हिस्से होते हैं. सबसे पहला हिस्सा बेस प्राइज का होता है और दूसरा हिस्सा टैक्स होता है जो टिकट पर लगता है. हर फिल्म का बेस प्राइज फिल्म के बजट पर निर्भर करता है. इस टिकट पर जो भी टैक्स लगता है उस टैक्स को राज्य सरकार और केंद्र सरकार के बीच जीएसटी और सेंट्रल जीएसटी के रूप में बांटा जाता है. 2017-18 में GST के आने से पहले फिल्म टिकट पर एंटरटेनमेंट टैक्स लगता था. फिल्म की टिकट पर कितना एंटरटेनमेंट टैक्स लगेगा, इसका फैसला राज्य सरकारें करती थीं. ये टैक्स लगता है एडमिशन रेट पर, यानि किसी थिएटर में जो रकम थिएटर वाले चार्ज करते हैं. 

राज्यों के हाथ से मनमाना एंटरटेनमेंट टैक्स वसूलने का अधिकार गया 

2017 में GST के आने के बाद राज्यों के हाथ से मनमाना एंटरटेनमेंट टैक्स वसूलने का अधिकार छीन लिया गया. केंद्र सरकार ने तय किया कि देश के हर हिस्से में फिल्मों की टिकट पर 28 परसेंट GST लगेगा. ये GST राज्य और केंद्र सरकार के बीच बराबर बंटेगा. 2018 में फिल्म टिकटों पर लगने वाले GST को दो स्लैब में तोड़ा गया. अगर किसी थिएटर के टिकट की कीमत/एडमिशन रेट 100 रुपए से कम है, तो उसकी टिकट पर 12 परसेंट GST लगेगा. जिन थिएटरों का एडमिशन रेट 100 रुपए से ज़्यादा है, उनकी टिकट पर 18 परसेंट GST चार्ज किया जाएगा. 

कैसे होती है कोई फिल्म टैक्स फ्री?

ऐसे में जब कोई फिल्म किसी राज्य में टैक्स फ्री कर दी जाती है तो उसका मतलब होता है कि संबंधित राज्य उस फिल्म की टिकट की बिक्री पर अपने हिस्से का जीएसटी नहीं वसूलेगा, यानि कि वह फिल्म टिकट पर अपने हिस्से का स्टेट जीएसटी माफ करता है. राज्य सरकार की इस छूट से फिल्म का टिकट सस्ता हो जाता है. आमतौर पर फिल्मों को टैक्स से छूट उनके विषय के आधार पर दी जाती है. जैसे मोटिवेशनल फिल्में, नेशनल हीरोज के ऊपर बनी फिल्में, सांप्रदायिक सौहार्द्र को बढ़ावा देने वाली फिल्में. 

 

 

Read more!

RECOMMENDED