Laal Singh Chaddha Trailer: फिल्म नहीं इमोशन है फॉरेस्ट गंप, क्या टॉम हैंक्स का जादू बरकरार रख पाएंगे आमिर खान?

लाल सिंह चड्ढा (laal singh chaddha) क्लासिक हॉलीवुड फिल्म फॉरेस्ट गंप का हिंदी रीमेक है. ये वही फिल्म है जिसके राइट्स हासिल करने में आमिर को 7 साल लग गए. हिंदी सिनेमा के कई निर्माताओं ने इस फिल्म के राइट्स लेने की कोशिश की थी.

Forrest Gump
अपूर्वा राय
  • नई दिल्ली,
  • 30 मई 2022,
  • अपडेटेड 12:29 PM IST
  • फॉरेस्ट गंप फिल्म नहीं इमोशन है
  • आमिर खान अलग तरह का सिनेमा बनाते हैं
  • लाल सिंह चड्ढा का ट्रेलर आ गया है.

आमिर खान की मोस्ट अवेटेड फिल्म लाल सिंह चड्ढा (laal singh chaddha) का ट्रेलर रिलीज हो गया है. आमिर खान अलग तरह का सिनेमा बनाते हैं इसलिए उन्हें परफेक्शनिस्ट कहा जाता है. फिल्म के ट्रेलर में सब कुछ टॉप लेवल का है. इस फिल्म में आपको वो सभी चीजें देखने को मिलेंगी जो इन दिनों बॉलीवुड से गायब हैं. यह फिल्म रील के साथ रियल लाइफ में भी आप पर असर छोड़ देगी. फिल्म का एक डायलॉग लोगों पर असर छोड़ता है.. जिंदगी गोलगप्पे जैसी होती है, पेट भले ही भर जाए, मन नहीं भरता. फिल्म 11 अगस्त को सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है. इसका निर्देशन अद्वैत चंदन ने किया है. लाल के किरदार में आमिर खान हैं, रूपा के किरदार में करीना कपूर खान और फिल्म में आमिर की मां का रोल किया है मोना सिंह ने.

लाल सिंह चड्ढा क्लासिक हॉलीवुड फिल्म फॉरेस्ट गंप का हिंदी रीमेक है. चलिए आपको बताते हैं क्या है फॉरेस्ट गंप की कहानी और क्यों आमिर खान को इसके राइट्स हासिल करने में सालों लग गए.


फॉरेस्ट गंप जिंदगी जीने की वजह और जिंदगी को नए सिरे से शुरू करने की प्रेरणा देती है. यह फिल्म 1994 में रिलीज हुई थी. इसका निर्देशन Robert Zemeckis ने किया था. फॉरेस्ट गंप ने 6 ऑस्कर अपने नाम किए थे. फिल्म को रिलीज हुए 28 साल गुजर चुके हैं, लेकिन आज भी इसका फैन बेस उतना ही बड़ा है. फिल्म में फॉरेस्ट गंप का किरदार टॉम हैंक्स ने निभाया है.

क्या है फॉरेस्ट गंप की कहानी
कहानी फॉरस्ट गंप नाम के एक लड़के की है, जिसे बचपन में काल्फ स्पाइन था और इसलिए वह ठीक से चल भी नहीं पाता था. लोग उसका मजाक उड़ाते लेकिन गंप की मां उसे कहती कि वह दूसरे बच्चों की तरह ही है. आईक्यू कम होने की वजह से उसे स्कूल में एडमिशन नहीं मिलता है लेकिन एक दूसरे स्कूल में फॉरेस्ट का एडमिशन होता है जहां उसे जैनी मिलती है. स्कूल के बच्चे उसे बुली करते हैं और उनसे भागते हुए एक दिन फॉरेस्ट दौड़ना सीख जाता है. वो इतना तेज दौड़ता है कि कोई उसे पकड़ ही नहीं पाता. भागते-भागते एक दिन वह कॉलेज की शॉकर टीम का हिस्सा बन जाता है. फॉरेस्ट कॉलेज के बाद आर्मी ज्वाइन करता है, जहां उसकी बब्बा से दोस्ती होती है. आगे चलकर दोनों वियतनाम युद्ध में शामिल होते हैं. फॉरेस्ट गंप अपनी जिंदगी में वो सबकुछ करता है, जो वह करना चाहता है. फिल्म इतनी इमोशनल है कि आप इसे देखते हुए रो पड़ेंगे. फॉरेस्ट हमेशा कहता है...जिंदगी चॉकलेट के डिब्बे की तरह होती है. आप कभी नहीं जान पाते आपको क्या मिलने वाला है.

 

लाल सिंह चड्ढा

लाइब्रेरी ऑफ कांग्रेस ने इसे 2011 में संरक्षित करने का फैसला लिया था. आमिर ने पैरामाउंट से इसके राइट्स खरीदे हैं. उन्हें इसके राइट्स हासिल करने में करीब 7 साल तक गए थे. आमिर के अलावा कई निर्माताओं ने इसके राइट्स के लिए पैरामाउंट पिक्चर्स से संपर्क किया था. 

 

Read more!

RECOMMENDED