Maharashtra Assembly Election 2024: हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में चुनाव खत्म होने के बाद अब सियासत का पहिया महाराष्ट्र की ओर घूम गया है. महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव )Maharashtra Assembly Election) होने हैं. इसको लेकर सभी पार्टियां जोर लगा रही हैं. अजीत पवार की एनसीपी (Ajit Pawar NCP) में एक नया चेहरा शामिल हुआ है.
शूल फिल्म में मनोज वाजपेयी को रूला देने वाले बच्चू यादव ने राजनीति में कदम रख दिया है. शूल के बच्चू यादव यानी सयाजी शिंदे ने अजीत पवार की एनसीपी (Sayaji Shinde NCP) का दामन थाम लिया है. कभी पैसों के लिए सयाजी शिंदे को चौकीदारी करनी पड़ी थी.
फिल्मों में रोल पाने के लिए सयाजी शिंदे को लंबी लाइन में लगना पड़ता था. कई बार उनको मूवी से रिजेक्शन भी झेलना पड़ा. बाद में अपनी एक्टिंग के बलबूते सिर्फ हिन्दी ही नहीं मराठी और साउथ सिनेमा में अपना नाम कमाया. अब सयाजी शिंदे ने पॉलिटिक्स में कदम रखा है. आइए सयाजी शिंदे की अब तक की जिंदगी पर नजर डालते हैं.
वॉचमैन की नौकरी
सयाजी शिंदे महाराष्ट्र के वेलेकाम्ठी में एक किसान के घर पैदा हुए. सभी लोगों की तरह सयाजी शिंदे को सुबह से लेकर शाम तक काम करना पड़ता था. सयाजी शिंदे के माता-पिता उनको पढ़ाना चाहते थे.
सयाजी शिंदे पढ़ाई में अच्छे थे. पढ़ाई से साथ पैसे कमाने के लिए सयाजी शिंदे चौकीदार की नौकरी करने लगे. वॉचमैन की नौकरी से सयाजी शिंदे को महीने के सिर्फ 165 रुपए मिलते. बाद में सयाजी शिंदे को क्लर्क की नौकरी मिल गई.
नौकरी-एक्टिंग का तालमेल
सयाजी शिंदे को बाद में एक बैंक में नौकरी मिल गई. सयाजी शिंदे को एक्टिंग करने का शौक था. इसी दौरान उनकी मुलाकात सुनील कुलकर्णी से हुई जो थिएटर करते थे. यहीं से सयाजी शिंदे की किस्मत पलट गई. सयाजी शिंदे नौकरी के साथ-साथ नाटक में काम करने लगे.
सयाजी कई मराठी नाटकों में काम कर रहे थे लेकिन 1987 में आए झुलवा नाटक में उनकी परफॉरमेंस लोगों को काफी पसंद आई. इसके बाद सयाजी लगातार नाटकों में काम करते रहे. सयाजी ने बैंक में लगभग 17 साल तक काम किया. साथ में नाटक में करते रहे.
मुंबई में स्ट्रगल
अपनी एक्टिंग के सपने को पूरा करने के लिए सयाजी शिंदे मुंबई चले आए. सयाजी शिंदे किसी मूवी का हीरो बनने का सपने लेकर नहीं आए थे. वो तो बस एक्टिंग करना चाहते थे. सयाजी शिंदे ने एक इंटरव्यू में बताया- अगर किसी फिल्म में विलेन बनता हूं तो मैं चाहता हूं के लोग विलेन ही मानें.
मुंबई में सयाजी शिंदे ने एक्टिंग की पढ़ाई की. इसके बाद फिल्मों में रोल करने का स्ट्रगल शुरू हुआ. उनको शुरू में कुछ नाटक और एक फिल्म से निकाल दिया गया था. सयाजी ने कई मराठी फिल्मों में काम करना शुरू किया.
शूल से बॉलीवुड में
सयाजी शिंदे मराठी फिल्मों में तो काम कर रहे थे लेकिन हिन्दी सिनेमा में उनका सफर शुरू नहीं हुआ था. फिर उनको शूल मूवी मिली. इस फिल्म में उन्होंने बच्चू यादव का किरदार किया था. इस मूवी के बाद उन्होंने हिन्दी सिनेमा पर अपनी छाप छोड़ी. कई फिल्मों में सयाजी शिंदे विलेन के रोल में दिखाई दे चुके हैं.
सयाजी शिंदे बॉलीवुड के साथ साउथ फिल्मों में भी काम कर चुके हैं. सयाजी शिंदे साउथ मूवीज के जाने-माने विलेन है. हाल ही में वो चिरंजीवी की गॉडफादर में दिखाई दिए थे. सयाजी शिंदे अब तक 300 से ज्यादा फिल्मों में काम कर चुके हैं.
सयाजी शिंदे एक सोशल वर्कर भी हैं. वो लोगों को पेड़ लगाने पर जोर देते हैं. सयाजी किसा्न परिवार से आते हैं तो वे पेड़ों की अहमियत जानते हैं. सयाजी शिंदे खुद 25 हजार से ज्यादा पेड़ लगा चुके हैं. कई फिल्मों में नेताओं का रोल कर चुके सयाजी शिंदे अब असल जिंदगी में राजनेता बन चुके हैं. वो अजीत पवार की एनसीपी से महाराष्ट्र की राजनीति में दिखाई देंगे.