अपने दमदार अभिनय से लोगों के दिलों में जगह बनाने वाले अभिनेता ओम पुरी का 18 अक्टूबर को जन्मदिन है. साल 1950 को पटियाला में जन्मे ओमपुरी का पूरा नाम ओम राजेश पुरी था. उनकी शुरुआती पढ़ाई अंबाला से ही हुई. ओम पुरी को अपने निजी जीवन में काफी संघर्ष का सामना करना पड़ा. उनके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, जिसके चलते उन्होंने कभी कोयला खदान में काम किया तो कभी टी स्टॉल्स में बर्तन धोए.
‘अर्ध सत्य’ से मिली ओम पुरी को पहचान
इसके बाद उन्होंने FTII से अपना ग्रेजुएशन पूरा किया. ओम पुरी ने मराठी फिल्म ‘घासीराम कोतवाल’ से अपने करियर की शुरुआत की थी. लेकिन, उन्हें पहचान मिली 1983 में आई फिल्म ‘अर्ध सत्य’ से. इसके बाद उन्होंने क्रोश, आरोहण जैसी फिल्मों में अपने दमदार अभिनय का जलवा दिखाया. साल 1988 में ओम पुरी ने दूरदर्शन की मशहूर टीवी सीरीज 'भारत एक खोज' में कई भूमिकाएं निभाई जिसे दर्शकों ने काफी पसंद किया.
हर किरदार में फिट बैठते थे ओम पुरी
लंबे संघर्ष के बाद उन्होंने फिल्मों में सफलता हासिल की. ओम पुरी ने अपने जीवन ने 300 से ज्यादा फिल्मों में काम किया और न सिर्फ देश में बल्कि विदेश में भी नाम कमाया. उन्होंने 'ईस्ट इज ईस्ट', 'माइ सन द फैनेटिक' और हॉलीवुड की 'सिटी ऑफ ज्वाय' और 'वुल्फ' में अभिनय का लोहा मनवाया. कॉमेडी का तड़का हो या फिर मारधाड़ का मसाला ओम पुरी हर किरदार में फिट बैठते थे. ओम पुरी को फिल्मों में काम पाने के लिए कभी ऑडिशन नहीं देना पड़ा. ओम पुरी को फिल्म ‘आरोहण’ और ‘अर्ध सत्य’ के लिए बेस्ट एक्टर का नेशनल अवार्ड भी मिला. उन्होंने कई कमर्शियल फिल्मों जैसे मिर्च मसाला, जाने भी दो यारों, चाची 420, हेराफेरी, मालामाल वीकली में भी काम किया और उनके अभिनय को खूब सराहा गया.
दो बार प्यार में पड़े ओम पुरी
ओम पुरी ने पहली शादी सीमा से की. हालांकि दोनों का रिश्ता ज्यादा लंबा नहीं चला. इसके बाद ओम पुरी ने दूसरी शादी 1983 में नंदिता पुरी से की. नंदिता ने ओम पुरी के जीवन पर किताब लिखी थी जिसके बाद उनके रिश्ते खराब हो गए. ओम पुरी को 1990 में पद्म श्री मिला तो 2004 में उन्हें ब्रिटिश फिल्म उद्योग में योगदान के लिए मानक ओबीई मिला था (ऑर्डर ऑफ़ द ब्रिटिश अंपायर). साल 2016 में दिल का दौरा पड़ने से ओम पुरी का निधन हो गया था.