दुनिया में फिल्म जगह के सबसे बड़े अवॉर्ड सेरेमनी ऑस्कर्स 2023 में भारत को दो अवॉर्ड मिला है. RRR फिल्म के नाटू नाटू सॉन्ग को बेस्ट ऑरिजिनल सॉन्ग का अवॉर्ड मिला. तो द एलिफेंट व्हिस्परर्स बेस्ट शॉर्ट डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनी. इससे पहले भी कई बार भारत को ऑस्कर्स अवॉर्ड मिल चुका है. इस अवॉर्ड को अमेरिकी की एकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेस की तरफ से हर साल दिया जाता है. एनिमेटेड फीचर, डायरेक्टर, एक्टर, राइटर, डॉक्यूमेंट्री फिल्म, ऑरिजिनल फिल्म के लिए इस अवॉर्ड को दिया जाता है. चलिए आपको बताते हैं कि इस अवॉर्ड सेरेमनी की शुरुआत कैसे हुई थी.
ऑस्कर का इतिहास-
साल 1927 में ऑस्कर अवॉर्ड्स की शुरुआत की गई थी. उस समय मोशन पिक्चर्स इंडस्ट्री के 36 लोगों ने मिलकर इसकी शुरुआत की थी. एमजीएम स्टूडियो के हेड लुइस बी मेयर, कॉनरेड नागेल, फ्रेड निबलो और फीड बीटसोन ने मिलकर एक संगठन बनाने का प्लान बनाया. इसको अमलीजामा पहनाने के लिए 11 जनवरी 1927 को लॉस एंजिल्स के एंबेसेडर होटल में एक डिनर पार्टी आयोजित की गई. इस पार्टी में 36 लोगों ने हिस्सा लिया. इसमें संगठन बनाने के प्रस्ताव पर बातचीत हुई.
उस डिनर पार्टी में कई हस्तियों ने शिरकत की थी. जिसमें जॉर्ज कोहेन, डॉग्लकस फेयरबैंक्सर, मेरी पिकफोर्ड, सेसिल, केडरिक गिब्बांस, जेस्सेह लस्कीय और इरविंग थालबर्ग बी जैसे लोग शामिल हुए. इसके बाद मार्च 1927 में डॉग्लास फेयरबैंक्स की अगुवाई में संगठन का चुनाव हुआ. एकेडमी पहले एक एनजीओ के तौर पर अनुमति मिली.
सबसे पहले 230 लोगों ने ली थी सदस्यता-
इजाजत मिलने की खुशी में 11 मई 1927 को बिल्ट मोर होटल में एक पार्टी हुई. जिसमें 300 मेहमान शामिल हुए थे. जिसमें से 230 मेहमानों ने 100 डॉलर की फीस देकर संगठन की सदस्यता ग्रहण की थी. इस पार्टी में ही थॉमस एडीसन को पहली मानद सदस्यता दी गई थी.
पहली बार कब दिया गया अवॉर्ड-
पहली बार एकेडमी अवॉर्ड समारोह साल 1929 में हुआ था. उसी साल 16 मई को हॉलीवुड रूजवेल्टू होटल के ब्लॉसम रूम में डिनर का आयोजन किया गया. इसमें 270 लोगों ने शिरकत की थी. इस आयोजन के लिए टिकट भी लगाया गया था. इसमें शामिल होने के लिए 5 डॉलर का टिकट लगाया गाय था. इस समारोह में 1927-28 में बनी फिल्मों के लिए अवॉर्ड दिया गया. पहली बार 15 लोगों को अवॉर्ड से नवाजा गया था.
किन फिल्मों को ऑस्कर में मिलती है जगह-
दुनियाभर की फिल्मों को ऑस्कर अवॉर्ड में जगह मिलती है. लेकिन इसके लिए कुछ नियम है. ऑस्कर में उन फिल्मों को ही जगह मिलती है, जो इसके लिए बनाए गए कायदे-कानून पर खरा उतरते हैं. चलिए आपको बताते हैं कि ऑस्कर अवॉर्ड्स में जाने के लिए क्या-क्या होना जरूरी है.
कैसे होती है वोटिंग-
एकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर्स ऑर्ट्स एंड साइंसेज की एक रिसर्च टीम होती है. जिसमें 6000 प्रोफेशनल मेंबर्स शामिल हैं. इसमें डायरेक्टर्स, म्यूजिशियन, प्रोड्यूसर, राइटर्स, डॉक्यूमेंट्री, एक्टर, डिजाइनर, एक्जीक्यूटिव्स, फिल्म एडिटर, हेयर स्टाइलिस्ट, साउंड, मेकअप आर्टिस्ट, विजुअल इफेक्ट और पब्लिक रिलेशन शामिल होते हैं.
ये मेंबर्स ही फिल्मों के लिए वोट करते हैं. ज्यादा से ज्यादा वोट हासिल करने के लिए फिल्म मेकर्स को रिसर्च टीम मेंबर्स को अपनी फिल्म दिखानी होती है. इसके लिए फिल्मों को स्क्रीनिंग की जाती है.
कितने में बिकती है ऑस्कर ट्रॉफी-
ऑस्कर्स अवॉर्ड विजेता को एक ट्रॉफी मिलती है, जो तांबे की बनी होती है और इसपर सोने की परत चढ़ी होती है. ऑस्कर ट्रॉफी 13.5 इंच लंबी और 3.85 किलो वजनी होती है. ट्रॉफी की आकृति एक योद्धा की होती है, जो एक तलवार लेकर 5 तिल्लियों वाली एक फिल्म रील पर खड़ा होता है. ऑस्कर विजेता को ये अवॉर्ड दिया जाता है. हालांकि विजेता को कोई कैश प्राइज नहीं मिलता है. इतना ही नहीं, विजेता को ट्रॉफी का मालिकाना हक नहीं मिलता है. वो उसे कहीं और बेच नहीं सकता है. अगर कोई विजेता ऑस्कर ट्रॉफी को बेचना चाहता है तो वो इसे एकेडमी को बेच सकता है. एकेडमी इस ट्रॉफी को एक डॉलर में खरीद सकती है.
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