फिल्म की ज्यादा से ज्यादा स्क्रीनिंग, कैंपेनिंग, जूरी का इंप्रेशन और पीआर का खर्च! ऑस्कर के पोडियम तक फिल्म के पहुंचने की राह नहीं है आसान

फिल्म लापता लेडीज को ऑस्कर्स 2025 के लिए भारत की ऑफिशियल एंट्री के तौर पर चुना गया है. फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया ने इसकी घोषणा की है. किरण राव के निर्देशन में बनी इस फिल्म ने रणबीर कपूर की एनिमल, विक्की कौशल की सैम बहादुर, कार्तिक आर्यन की 'चंदू चैम्पियन', आट्टम, आर्टिकल 370, और अमिताभ बच्चन की कल्कि 2989 एडी जैसी बड़ी फिल्मों को पछाड़कर ऑस्कर की ऑफिशियल एंट्री में भारत की तरफ से जगह बना ली है.

Laapataa Ladies
अपूर्वा राय
  • नई दिल्ली,
  • 24 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 2:15 PM IST
  • 'लापता लेडीज' सुपरस्टार आमिर खान के प्रोडक्शन में बनी फिल्म है
  • लगान क्यों नहीं जीत सकी थी ऑस्कर...

लापता लेडीज (laapataa ladies)को भारत की तरफ से ऑस्कर 2025 (Oscars) के लिए ऑफिशियल एंट्री के तौर पर चुना गया है. 'लापता लेडीज' सुपरस्टार आमिर खान के प्रोडक्शन में बनी फिल्म है. उनकी सेकेंड एक्स वाइफ, फिल्ममेकर किरण राव इस फिल्म की को-प्रोड्यूसर और डायरेक्टर हैं. 97वें ऑस्कर के नामांकन 17 जनवरी 2025 को घोषित किए जाएंगे. 2 मार्च 2025 को ऑस्कर अवॉर्ड सेरेमनी होगी.

महबूब खान की फिल्म मदर इंडिया को 1957 में ऑस्कर के लिए नामांकित किया गया था. यह भारत की पहली फिल्म थी जिसे ऑस्कर के लिए भेजा गया था. अभी तक मदर इंडिया, सलाम बॉम्बे और लगान ही ऐसी फिल्में हैं जो ऑस्कर के फाइनल नॉमिनेशन तक पहुंच पाई हैं. 2001 में रिलीज हुई 'लगान' आमिर के प्रोडक्शन में बनी पहली फिल्म थी, जिसे भारत की तरफ से ऑस्कर में भेजा गया था.

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प्रमोशन होता है जरूरी
फिल्म निर्माता के लिए सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक एकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर्स आर्ट्स एंड साइंसेज के सदस्यों को थिएटर में फिल्म देखने के लिए राजी करना है क्योंकि ये बेहद लंबी और थका देने वाली प्रक्रिया होती है. मेंबर्स को वोट देने के पात्र होने के लिए नामांकित फिल्मों में से 80 प्रतिशत फिल्में देखनी होती हैं. इसके लिए फिल्म के मेकर्स को ऑस्कर के जूरी मेंबर्स के लिए अपनी फिल्मों के शो रखने होते हैं. लोगों में अपनी फिल्म का बज क्रिएट करना होता है. ऑस्कर में जिस फिल्म की ज़्यादा स्क्रीनिंग होती है मतदाता उससे ज्यादा प्रभावित होता है और संभव है कि उस फिल्म को ऑस्कर के जूरी मेंबर भी देखें. स्क्रीनिंग पर वोटर्स को बुलाने की जद्दोजहद के साथ स्क्रीनिंग, प्रमोशन कई तरह के खर्च भी होते हैं, जिससे फिल्म वोटर्स की नजरों में आ सके.

लगान क्यों नहीं जीत सकी थी ऑस्कर...
आशुतोष गोवारिकर और आमिर खान की फिल्म लगान उस समय नामांकित हुई पांच फिल्मों में से इकलौती ऐसी फिल्म थी जो अमेरिका में रिलीज नहीं हुई थी. जून 2001 में भारत में रिलीज़ हुई लगान जबरदस्त हिट रही और इसने लगभग 14 मिलियन डॉलर की कमाई की लेकिन, आमिर खान को यह जानकर हैरानी हुई कि हॉलीवुड में बहुत से लोगों ने उनकी फिल्म के बारे में नहीं सुना था, इसे देखना तो दूर की बात है. ऐसे में नॉमिनेशन के बाद आमिर और आशुतोष गोवारिकर अपनी फिल्म प्रमोट करने वहां गए. पब्लिसिस्ट रखे गए, थियेटर में फ्री शोज किए गए लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी आमिर की फिल्म नो मैन्स लैंड से हार गई थी. हार की वजह ये रही कि फिल्म 224 मिनट की थी. तब करीब छह हजार वोटिंग मेंबर थे. समय कम होने के कारण जूरी पूरी फिल्म नहीं देख सकी थी. 

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कैसे ऑस्कर तक पहुंचती हैं फिल्में
हर देश अलग-अलग कैटेगरी में अपनी बेहतरीन फिल्में अकादमी को भेजता है. साल की सबसे चर्चित फिल्मों में से सिर्फ नौ फिल्में फाइनल सिलेक्शन तक पहुंचती हैं और उनमें से टॉप पांच फिल्में ही फाइनल में जाती हैं और उनमें से एक को ऑस्कर मिलता है. भारतीय फिल्मों को ऑस्कर में भेजने की जिम्मेदारी फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया समिति की होती है. पिछले 10 सालों में भारत की तरफ से 2018 एवरीवन इज ए हीरो, छेल्लो सो, जल्ली कट्टू, गली बॉय, विलेज रॉकस्टार, न्यूटन, विसारनाई, कोर्ट और लायर्स डाइस ऑस्कर एंट्री में भेजी गई हैं.

30 फिल्मों में से चुनी गई लापता लेडीज
लापता लेडीज का चयन 29 फिल्मों के बीच से किया गया. इसमें अमिताभ बच्चन, रणबीर कपूर, विक्की कौशल जैसे बड़े स्टार्स की फिल्में भी शामिल थीं. इस साल जूरी का नेतृत्व 13 सदस्यों ने किया है. लापता लेडीज का निर्देशन किरण राव ने किया है. फिल्म आमिर खान, ज्योति देशपांडे द्वारा निर्मित है. फिल्म में नितांशी गोयल, प्रतिभा रांटा, स्पर्श श्रीवास्तव, छाया कदम, रवि किशन जैसे सितारे नजर आए थे.

टोरंटो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में हुई थी स्क्रीनिंग
लापता लेडीज बिप्लब गोस्वामी की अवॉर्ड विनिंग स्टोरी पर आधारित है. फिल्म की स्क्रिप्ट और डायलॉग्स स्नेहा देसाई ने लिखे हैं. लापता लेडीज की पिछले साल टोरंटो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (टीआईएफएफ) में स्क्रीनिंग हुई थी. यह फिल्म 1 मार्च को भारत के सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी. बॉक्स ऑफिस पर खास कामयाबी हासिल न करने के बावजूद फिल्म ने ओटीटी रिलीज में अच्छा खासा फैनबेस तैयार किया. फिल्म क्रिटिक्स ने भी लापता लेडीज की काफी सराहना की थी. अब नजरें इस बात कर रहेंगी कि 'लापता लेडीज' का ऑस्कर में सफर कहां तक पहुंचता है.

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'लापता लेडीज' की क्या है कहानी
फिल्म शादी समारोह से शुरू होती है, दीपक की शादी फूल नाम की लड़की से होती है, वो फूल को लेकर ट्रेन में चढ़ता है, फूल का चेहरा घूंघट से ढका हुआ रहता है, भीड़ होने की वजह से दीपक किसी और की दुल्हन ‘पुष्पा’ को अपने घर ले आता है. घर आने पर उसे अपनी भूल का पता चलता है, फिर वो अपनी पूल को ढूढने निकल पड़ता है. वहीं उसकी असली पत्नी ‘फूल’ स्टेशन पर रहकर ही अपने पति के आने का इंतजार करती है और साथ ही एक बूढ़ी औरत की मदद से आत्मनिर्भर भी बनती है. फिल्म में रवि किशन पुलिस इंस्पेक्टर के रोल में हैं. वहीं दीपक का किरदार स्पर्श श्रीवास्तव ने निभाया है. फूल के किरदार में नितांशी गोयल हैं और पुष्पा के रोल में प्रतिभा रांटा.

 

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