सब इंस्पेक्टर से एक्टर बनने आए राजकुमार 5 साल तक करते रहे स्ट्रगल, जानिए हिंदी सिनेमा के 'जानी' की कहानी

एक्टर राजकुमार पर्दे पर जितना बेबाक थे, निजी जीवन में भी उतने ही मुंहफट थे. उनका असली नाम कुलभूषण पंडित था और करीबी लोग प्यार से 'जानी' के नाम से पुकारते थे.

Raajkumar
अपूर्वा राय
  • नई दिल्ली,
  • 07 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 11:50 PM IST
  • राजकुमार का असली नाम कुलभूषण पंडित था.
  • करीबी लोग प्यार से 'जानी' के नाम से पुकारते थे.

जानी.. हम तुम्हें मारेंगे, और ज़रूर मारेंगे.. लेकिन वो बंदूक भी हमारी होगी, गोली भी हमारी होगी और वक़्त भी हमारा होगा...इस डायलॉग को पढ़ते ही आप समझ गए होंगे हम एक्टर राजकुमार की बात कर रहे हैं. अपने जमाने के मशहूर एक्टर रहे राजकुमार की 8 अक्टूबर को बर्थ एनिवर्सरी है. 1926 को बलूचिस्तान में जन्मे राजकुमार का असली नाम कुलभूषण पंडित था और करीबी लोग प्यार से 'जानी' के नाम से पुकारते थे. ग्रेजुएशन पूरी करने के बाद राजकुमार मुंबई के महिम पुलिस स्टेशन में सब इंस्पेक्टर की नौकरी करने लगे.

सब इंस्पेक्टर थे राजकुमार

पेट्रोलिंग के समय एक पुलिस वाले ने उनके कहा कि वे एकदम हीरो की तरह लगते हैं, और अगर वह फिल्म इंडस्ट्री में आ गए तो करोड़ों लोगों के दिलों पर छा जाएंगे. एक बार फिल्म प्रोड्यूसर बलदेव दुबे किसी जरूरी काम की वजह से पुलिस स्टेशन आए. वे राजकुमार के बोलने के अंदाज से इतने प्रभावित हुए कि उन्हें अपनी फिल्म शाही बाजार में काम करने का ऑफर दे डाला.

पहली फिल्म हुई बुरी तरह फ्लॉप

राजकुमार पहले से ही पुलिस की नौकरी छोड़ एक्टर बनने का मन बना चुके थे. इसलिए उन्होंने बलदेव दुबे के ऑफर को स्वीकार कर लिया और नौकरी से इस्तीफा दे दिया. हालांकि शाही बाजार फिल्म बनने में काफी दिक्कतें आईं. राजकुमार को जब घर चलाने में दिक्कत आने लगी तो उन्होंने रंगीली फिल्म में छोटा सा रोल किया. ये फिल्म 1952 में रिलीज हुई. इसी साल उनकी पहली फिल्म शाही बाजार भी रिलीज हुई. हालांकि ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह फ्लॉप हो गई. फिल्म के फ्लॉप होते ही लोगों ने उन्हें विलेन बनने की सलाह दी. यहां तक कि राजकुमार के परिवार ने भी उन्हें वापस लौटने को कहा.

मदर इंडिया से चमकी किस्मत

1952 से 1957 तक वह इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाने के लिए संघर्ष करते रहे. उन्हें जो भी रोल मिलते वो एक्सेप्ट कर लेते. 1957 में मदर इंडिया रिलीज हुई. इस फिल्म में उन्होंने छोटे से किसान का रोल किया था. बेशक इस फिल्म में नरगिस थीं लेकिन राजकुमार भी अपनी छाप छोड़ने में कामयाब रहे. इसी फिल्म की सफलता के बाद राजकुमार असल में एक्टर बन पाए. 1959 में पैगाम रिलीज हुई. इस फिल्म में दिलीप कुमार भी थे लेकिन राजकुमार भी अपनी एक्टिंग से लोगों को प्रभावित करने में कामयाब रहे. उन्होंने काजल, हीर रांझा, हमराज, मर्यादा, लाल पत्थर, पाकीजा, सौदागर, तिरंगा जैसी शानदार फिल्में दीं. वह अपने बेबाक अंदाज के लिए इंडस्ट्री में मशहूर थे. राजकुमार की बेबाक जुबान का शिकार उस वक्त के सभी कलाकार रहे थे.

राजकुमार ने जेनिफर नाम की फ्लाइट अटेंडेंट से शादी की थी. जेनिफर ने अपना नाम बदलकर 'गायत्री' रख लिया. दोनों को 3 बच्चे हुए, जिनमें 2 बेटे पुरू राजकुमार, पाणिनी राजकुमार और 1 बेटी वास्तविकता राजकुमार थी. 1996 में कैंसर की वजह से उनका निधन हो गया. 

 

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