Ramanand Sagar Birth Anniversary: भारत के आधुनिक तुलसीदास, जिन्होंने घर-घर तक पहुंचाया रामायण को, नहीं सुने होंगे आपने ये किस्से

रामानंद सागर, एक भारतीय फिल्म निर्माता, संपादक, नाटककार, कवि और लेखक थे। उन्हें टेलीविजन शो रामायण (1987-1988) बनाने के लिए जाना जाता है

Ramanand Sagar Birth Anniversary (Photo: Twitter/@maankitarang01)
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 29 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 11:22 AM IST
  • बतौर क्लैपर बॉय की फिल्मों में शुरुआत 
  • रामायण ने तोड़े थे कई सारे रिकॉर्ड्स 

कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन में जब टीवी पर रामायण का प्रसारण किया गया तो रामानंद सागर एक बार फिर घर-घर में मशहूर हो गए. आज की पीढ़ी के लोग भी रामानंद सागर और उनके काम के बारे में जानने लगे. श्रीराम के जीवन को घर-घर तक पहुंचाने के कारण ही आज उन्हें 'आधुनिक तुलसीदास' कहा जाता है. 

आज रामानंद सागर की 104वीं जयंती है. उनका जन्म 29 दिसंबर, 1917 को हुआ था और उन्होंने 2005 में अंतिम सांस ली. आज इस खास मौके पर हम आपको बता रहे हैं उनसे और रामायण से जुड़े कुछ दिलचस्प किस्सों के बारे में. 

नानी ने ले लिया था गोद 
रामानंद सागर का जन्म लाहौर में हुआ था. आपको जानकर हैरानी होगी कि उनका असली नाम रामानंद नहीं था. उनका बचपन का नाम चंद्रमौली चोपड़ा था. हालांकि, 5 साल की उम्र में उन्होंने अपनी मां को खो दिया. जिसके बाद उनकी नानी ने उन्हें गोद ले लिया और उनके पिता ने दूसरी शादी कर ली. बहुत ही कम लोग जानते होंगे लेकिन विधु विनोद चोपड़ा उनके सौतेले भाई हैं. 

रामानंद का जीवन बिल्कुल भी आसान नहीं रहा. कहते हैं सितारे रातों-रात नहीं बनते हैं. रामानंद सागर इसका जीता जागता उदाहरण हैं. उन्हें पढ़ने का बहुत शौक था. लेकिन पैसे की तंगी थी और इसलिए बहुत कम उम्र में, उन्हें कभी चपरासी का तो कभी साबुन बेचने का काम करना पड़ा. रामानंद ने हेल्पर और ट्रक क्लीनर के तौर पर भी काम किया. इससे जो भी पैसा इकट्ठा होता था, वह उनकी पढ़ाई पर खर्च हो जाता था. 

बतौर क्लैपर बॉय की फिल्मों में शुरुआत 
साल 1932 में रामानंद सागर मे अपने फिल्म करियर की शुरुआत क्लैपर बॉय के तौर पर की. बाद में वह पृथ्वी थिएटर्स में काम करने लगे. धीरे-धीरे उन्होंने न सिर्फ फिल्मों की कहानी, स्क्रीनप्ले लिखे बल्कि बतौर डायरेक्टर वह काम करने लगे. उन्होंने अपनी प्रॉडक्शन कंपनी, सागर फिल्म्स शुरू की. 

रामानंद सागर ने बरसात, जिंदगी, आरजू, आंखे, गीत, जलते बदन, प्रेम बंधन, और सलमा जैसी बहुत सी फिल्में बनाईं. एक बार एक विदेशी दौरे पर उन्होंने पहली बार कलर टीवी देखा. इसके बाद उन्हें पता था कि आने वाले समय में टीवी को महत्व दिया जाएगा और उनका फोकस फिल्मों से हटकर टीवी पर आ गया. रामायण बनाने से पहले उन्होंने विक्रम और बेताल, दादा-दादी की कहानियां जैसे शो बनाए. 

रामायण ने तोड़े थे कई सारे रिकॉर्ड्स 
रामानंद सागर की रामायण आज भी देश का सबसे प्रतिष्ठित शो है. इस शो से जुड़े कई दिलचस्प किस्से हैं जो सबके जानने चाहिएं. जैसे कि जब रामायण पहली बार प्रसारित हुई, तो दूरदर्शन ने कथित तौर पर प्रत्येक एपिसोड के लिए ₹40 लाख कमाए. जबकि एक एपिसोड के प्रॉडक्शन का खर्च 9 लाख रुपए था. 

दशरथ और कौशल्या का किरदार निभाने वाले एक्टर, बाल धुरी और जयश्री गडकर असल जिंदगी में शादीशुदा थे. रामायण का टेलीकास्ट 55 देशों में किया गया था. साथ ही, इस शो ने दुनिया की सबसे ज्यादा देखी जाने वाली पौराणिक सीरिज के लिए लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में जगह बनाई.

 

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