Cannes Film Festival: Pierre Angénieux Tribute जीतने वाले पहले एशियाई सिनेमाटोग्राफर बने Santosh Sivan, कुछ ऐसा रहा है करियर

सिवान भारतीय सिनेमा को रोजा, दिल से और अशोका जैसी फिल्में दे चुके हैं. उनका करियर कई बेहतरीन फिल्मों से सजा रहा है. इसी वजह से वह अब तक 11 नेशनल अवॉर्ड भी जीत चुके हैं.

संतोष सिवान को प्रीति जिंटा ने पुरस्कार सौंपा
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 25 मई 2024,
  • अपडेटेड 6:45 PM IST
  • सिनेमाटोग्राफर्स को दिया जाता है यह पुरस्कार
  • 2013 में हुई शुरुआत

फ्रांस के शहर कान्स में कान्स फिल्म फेस्टिवल (Cannes Film Festival) जारी है. इस आयोजन में दुनियाभर के सितारे शिरकत कर रहे हैं और कई भाषाओं का सिनेमा दिखाया जा रहा है. इस सब के बीच एक ऐसी खबर सामने आई है जो भारत और भारतीयों के लिए गर्व का विषय है.
भारतीय सिनेमा को अशोका (Asoka) और दिल से (Dil Se) जैसी फिल्में देने वाले संतोष सिवान (Santosh Sivan) को कान्स फिल्म फेस्टिवल में पियरे ऑनजेन्यू पुरस्कार (Pierre Angénieux Tribute) से सम्मानित किया गया है. वह न सिर्फ इस पुरस्कार से सम्मानित होने वाले पहले भारतीय हैं, बल्कि पहले एशियाई सिनेमाटोग्राफर भी हैं.

क्या है पियरे ऑनजेन्यू पुरस्कार
सिवान को यह सम्मान उनके 'करियर और काम की असाधारण क्वालिटी' के लिए दिया गया है. बॉलीवुड अभिनेत्री प्रीति जिंटा उन्हें यह पुरस्कार देने के लिए मंच पर मौजूद रहीं. इस पुरस्कार का नाम जूम लेंस के आविष्कारक पियरे ऑनजेन्यू के नाम पर रखा गया है. यह पुरस्कार हर साल किसी सिनेमाटोग्राफर को सम्मानित करने के लिए दिया जाता है.
कान्स फिल्म फेस्टिवल ने 2013 में ही इस पुरस्कार की शुरुआत की थी. इससे पहले यह पुरस्कार फिलिप रूसेलॉट, विल्मोस ज़िगमंड, रोजर डीकिन्स, पीटर सुशिट्ज़की, क्रिस्टोफर डॉयल, एडवर्ड लैचमैन, ब्रूनो डेलबोनेल, एग्नेस गोडार्ड, डेरियस खोंडजी और बैरी एक्रोयड जैसे दिग्गजों को दिया जा चुका है. 

कौन हैं संतोष सिवान
संतोष सिवान एक सिनेमाटोग्राफर होने के अलावा एक डायरेक्टर, प्रोड्यूसर और एक्टर भी हैं. वह मलयालम, तमिल और हिन्दी सिनेमा में काम कर चुके हैं. वह अब तक अपने करियर में 45 फीचर फिल्म और 41 डॉक्यूमेंट्री बना चुके हैं. 
बतौर डायरेक्टर, सिवान मल्ली, अशोका और आनंदभद्रम जैसी फिल्में बना चुके हैं. उन्होंने शाहरुख खान और मनीषा कोइराला की 'दिल से' में सिनेमाटोग्राफर की भूमिका भी निभाई है. सिवान को उनका पहला नेशनल फिल्म अवॉर्ड 1988 में उनकी फिल्म 'द स्टोरी ऑफ तिब्लू' के लिए मिला था. इसके बाद से सिवान कुल 11 नेशनल फिल्म अवॉर्ड जीत चुके हैं, जिनमें से पांच उन्हें सिनेमाटोग्राफी के लिए मिले हैं. 

संतोष सिवान : करियर अपडेट
सिवान इस समय कलियुगम नाम की एक मलयालम फिल्म डायरेक्ट कर रहे हैं. इसके अलावा वह मोहा नाम की एक अंग्रेजी फिल्म पर भी काम कर रहे हैं. उन्होंने हाल ही में एक मास्टरक्लास में भी हिस्सा लिया जिसमें उन्होंने युवाओं के साथ सिनेमाटोग्राफी में अपना अनुभव साझा किया. 

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