बॉलीवुड की कई फिल्मों में अपने अभिनय से सभी को प्रभावित करने वाले दिग्गज अभिनेता अरुण बाली का आज मुंबई में निधन हो गया. वह 79 वर्ष के थे और कुछ समय से अरुण की तबीयत ठीक नहीं चल रही थी. अरुण एक दुर्लभ न्यूरोमस्कुलर बीमारी मायस्थेनिया ग्रेविस (myasthenia gravis)से पीड़ित थे. अभिनेता को इस साल की शुरुआत में मुंबई के हिरानंदानी अस्पताल में भी भर्ती कराया गया था.
अरुण बाली की दो बेटियां हैं जो अमेरिका में रहती हैं. दोनों कल यानी 8 अक्टूबर को भारत आएंगी जिसके बाद उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
क्या है Myasthenia gravis?
मायस्थेनिया ग्रेविस एक प्रकार का ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है, जो तब होता है जब आपका इम्यून सिस्टम गलती से हेल्दी टिसूज पर हमला कर देता है. मायस्थेनिया ग्रेविस से पीड़ित लोगों में शरीर एंटीबॉडी का उत्पादन करता है जो मांसपेशियों की कोशिकाओं को नर्व सेल्स से मैसेज (न्यूरोट्रांसमीटर) प्राप्त करने से रोकता है.यह एक तरीके की न्यूरोमस्कुलर बीमारी है जिसमें कंकाल की मांसपेशियों कमजोर हो जाती हैं और बॉडी मूवमेंट नहीं हो पाता. यह तब होता है जब रसायनों में कुछ कमियों के कारण मांसपेशियों और तंत्रिका कोशिकाओं के बीच संचार खराब हो जाता है. यह बचपन से लेकर जवानी तक कभी भी हो सकता है. शैशवावस्था (बचपन) में इसे जन्मजात मायस्थेनिया ग्रेविस कहा जाता है और अगर ये किसी को बाद में या फिर युवावस्था में होता है तो इसे अधिग्रहित मायस्थेनिया ग्रेविस कहा जाता है.
यह स्थिति न्यूरोमस्कुलर जंक्शन पर एसिटाइलकोलाइन, एक न्यूरोट्रांसमीटर की क्रिया में दोष के कारण होती है. यह तंत्रिका और एक मांसपेशी के बीच, एक जंक्शन होता है जिसे न्यूरोमस्कुलर जंक्शन कहा जाता है जहां रासायनिक एसिटाइलकोलाइन हरकत और मांसपेशियों की ताकत बढ़ाने के लिए एक सूत्रधार अणु के रूप में कार्य करता है. यह तंत्रिका से इलेक्टिक इम्पल्स लेता है और मांसपेशी को देता है.
क्या हैं इस बीमारी के लक्षण?
कैसे करें बचाव?
कई फिल्मों में किया काम
अरुण बाली को 3 इडियट्स, केदारनाथ, पानीपत, हे राम, दंड नायक, रेडी, ज़मीन, पुलिसवाला गुंडा, फूल और अंगार और राम जाने जैसी कई अन्य फिल्मों में उनकी भूमिकाओं के लिए जाना जाता है. उन्होंने कई फिल्मों और टेलीविजन सीरीज में काम किया. उन्होंने 1991 की अवधि के नाटक चाणक्य में राजा पोरस, दूरदर्शन के धारावाहिक स्वाभिमान में कुंवर सिंह और अविभाजित बंगाल के मुख्यमंत्री हुसैन शहीद सुहरावर्दी की विवादास्पद और समीक्षकों द्वारा प्रशंसित 2000 की फिल्म हे राम में भूमिका निभाई. अरुण बाली एक राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता निर्माता भी हैं.