Superfetation: क्या होता है सुपरफेटेशन? यह कितना आम होता है और इसमें किस तरह के कॉम्प्लिकेशन हो सकते हैं?

विक्की कौशल और तृप्ति डिमरी की फिल्म ‘बैड न्यूज’ (Bad Newz) इस शुक्रवार सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है. फिल्म का डायरेक्शन आनंद तिवारी ने किया है. फिल्म की कहानी हेटेरोपैटरनल सुपरफेकंडेशन के एक दुर्लभ मामले पर केंद्रित है.

Bad Newz/Screengrab From Trailer
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 16 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 3:57 PM IST
  • इंसानों में ऐसी स्थिति है दुर्लभ
  • ऐसे हालात को कहते हैं सुपरफेटेशन
  • जुड़वां बच्चे लेकिन पिता अलग-अलग

विक्की कौशल और तृप्ति डिमरी की फिल्म ‘बैड न्यूज’ (Bad Newz) इस शुक्रवार सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है. फिल्म का डायरेक्शन आनंद तिवारी ने किया है. फिल्म की कहानी हेटेरोपैटरनल सुपरफेकंडेशन के एक दुर्लभ मामले पर केंद्रित है.

फिल्म में तृप्ति डिमरी को प्रेग्नेंट दिखाया गया है. होने वाले बच्चे के पिता का नाम जानने के लिए वह अपने दोनों सेक्स पार्टनर्स का पेटरनिटी टेस्ट करवाती हैं. टेस्ट में पता चलता है कि वो दो बच्चों को जन्म देने वाली है और दोनों बच्चों के पिता अलग-अलग हैं. दुनिया में हेटेरोपैटरनल सुपरफेकंडेशन के कुछ ही उदाहरण हैं.

क्या होता है Superfetation
'हेटेरोपैटरनल' शब्द का मतलब है अलग-अलग पिता और 'सुपरफेकंडेशन' का मतलब है एक ही चक्र के दौरान कई अंडों का निषेचन यानी फर्टिलाइजेशन. आनुवंशिक रूप से ये दोनों जुड़वां सौतेले भाई-बहन हैं, इनकी मां एक ही होती है लेकिन पिता अलग-अलग हो सकते हैं. सुपरफेटेशन एक दुर्लभ घटना है जहां मौजूदा गर्भावस्था के साथ दूसरी गर्भावस्था हो जाती है.

इंसानों में गर्भावस्था तब होती है जब एक अंडा, शुक्राणु द्वारा फर्टिलाइज होता है. इसके बाद फर्टिलाइज एग महिला के गर्भाशय में प्रत्यारोपित हो जाता है. सुपरफेटेशन के मामले में दो भ्रूण एक ही गर्भ में पल रहे होते हैं.

एक महिला एक ही समय में दो अंडे रिलीज कर सकती है क्योंकि शुक्राणु गर्भाशय और फैलोपियन ट्यूब में कुछ दिनों तक जीवित रह सकते हैं. एग रिलीज होने से पहले अगर महिला किसी दूसरे पुरुष के साथ इंटरकोर्स कर ले तो इस तरह की स्थिति बन सकती है. सुपरफेटेशन में दोनों भ्रूण एक ही मेंस्ट्रुअल साइकल के दौरान नहीं बनते हैं. दोनों का साइकल अलग होता है. ट्विन्स के मामले में दोनों भ्रूण एक साथ परिपक्व होते हैं लेकिन सुपरफेटेशन में जो भ्रूण पहले कंसीव हुआ था, वह पहले परिपक्व होता है.
 

इंसानों में ऐसी स्थिति दुर्लभ
एनिमल जेनेटिक्स के एक पेपर के अनुसार, यह घटना भेड़, मछलियों और गायों में आम है क्योंकि मादाएं कई नरों के साथ संभोग करती हैं और इससे उनके अलग-अलग संतान पैदा करने की संभावना बढ़ जाती है. लेकिन इंसानों में ऐसी स्थिति दुर्लभ ही देखने को मिलती है, दुनिया भर में इसके कुछ ही मामले सामने आए हैं.

सुपरफेटेशन से पैदा हुए बच्चों को अक्सर जुड़वां माना जाता है क्योंकि वे एक ही दिन, एक ही जन्म के दौरान पैदा हो सकते हैं लेकिन ये जुड़वा नहीं होते हैं. आंकड़े बताते हैं कि जुड़वा बच्चों के 400 जोड़ों में से एक का जन्म हेटेरोपैटरनल सुपरफेकुंडेशन के जरिए हो सकता है. 2020 में हेटेरोपैटरनल सुपरफेकंडेशन के केवल 19 मामले सामने आए थे. अधिकांश मामले इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) जैसे फर्टिलिटी ट्रीटमेंट से गुजरने वाली महिलाओं में हुए हैं.

क्या सुपरफेटेशन के कोई कॉम्प्लिकेशन हो सकते हैं?
सुपरफेटेशन का सबसे बड़ा कॉम्प्लिकेशन यह है कि गर्भावस्था के दौरान बच्चे अलग-अलग चरणों में बढ़ रहे होंगे. जब एक बच्चा जन्म लेने के लिए तैयार होता है, तो हो सकता है कि दूसरा भ्रूण अभी तैयार न हो. छोटे बच्चे की प्री मेच्योर डिलीवरी के कई रिस्क हो सकते हैं.

सुपरफेटेशन बहुत दुर्लभ है, इस स्थिति से जुड़े कोई खास लक्षण नहीं हैं. सुपरफेटेशन का पता तब चलता है जब गर्भ में जुड़वां भ्रूण अलग-अलग दर से बढ़ रहे हों.

 

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