'दिल ढूंढ़ता है फिर वहीं फुर्सत के रात-दिन' और 'हुजूर इस कदर भी न इतरा के चलिए' जैसे बेहतरीन गाने देने वाले भूपिंदर सिंह का मुंबई में निधन हो गया. उनकी उम्र 82 साल थी और वो काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे. उनकी पत्नी मिताली सिंह ने उनकी मृत्यु की खबर की पुष्टि की. उन्होंने कहा कि "वह कुछ समय से मूत्र संबंधी समस्याओं सहित कई स्वास्थ्य जटिलताओं से पीड़ित थे."
मिला मुंबई आने का न्योता
भूपिंदर सिंह का जन्म 6 फरवरी 1940 को अमृतसर के पंजाब में हुआ था. उनके पिता थे प्रोफेसर नत्था सिंह, जोकि एक पंजाबी सिख थे. भूपिंदर सिंह को सबसे पहले संगीत की शिक्षा उनके पिता नत्था सिंह ने ही दी थी. नत्था सिंह बहुत बेहतरीन संगीतकार थे लेकिन संगीत सिखाने में बहुत सख्ती बरतते थे, इसलिए उन्हें शुरुआत में संगीत से नफरत हो गई. लेकिन धीरे-धीरे उनके मन में संगीत के प्रति प्रेम पनपने लगा. अपने करियर के शुरुआत दिनों में भूपिंदर सिंह ऑल इंडिया रेडियो पर अपनी प्रस्तुति देते थे. साल 1962 की बात है आकाशवाणी दिल्ली के एक अधिकारी के सम्मान में एक समारोह का आयोजन किया गया था. इस सम्मान समारोह में भूपिंदर सिंह ने कुछ गाने गाए, उनकी आवाज में एक अलग ही तरह का नशा था. इस समारोह में जाने माने संगीतकार मदन मोहन भी मौजूद थे. उन्हें भूपिंदर की आवाज इतनी पसंद आई कि उन्होंने उन्हें उसी समय मुंबई आने का न्योता दे डाला.
1964 में एक फिल्म आई हकीकत, इसमें भारत-चीन की 1962 की लड़ाई दिखाई गई थी. इस फिल्म के गीत लिखे थे कैफी आजमी ने और संगीत दिया था मदन मोहन ने. इस फिल्म में एक गाना था 'होके मजबूर उसने तुझे बुलाया होगा', जो बेहद लोकप्रिय हुआ. इस गाने को गाने वाले गायको में मोहम्मद रफी, मन्ना डे, और तलत महमूद जैसे दिग्गज गायक थे. भूपिंदर ने भी इनके साथ ये गाना गाया. हालांकि इससे भूपिंदर को कोई पहचान नहीं मिली.
गिटारिस्ट के तौर पर किया काम
भूपिंदर इसके बाद एक गिटारिस्ट के तौर पर इंडस्ट्री में काम करते रहे. उन्होंने किशोर कुमार और मोहम्मद रफ़ी के साथ कुछ लोकप्रिय duet सॉन्ग गाए. भूपिंदर सिंह को मौसम, सत्ते पे सत्ता, अहिस्ता अहिस्ता, दूरियां, हकीकत और कई अन्य फिल्मों में उनके यादगार गीतों के लिए याद किया जाता है. 'चुरा लिया है तुमने' और 'चिंगारी कोई भड़के' के लाजवाब गिटार को याद करिए. इन सब में गिटार बजाने वाले कोई और नहीं बल्कि भूपिंदर ही हैं. इस बीच उन्होंने अपने कई प्राइवेट एल्बम भी निकाले.
कैसी थी लव-लाइफ?
वहीं बात अगर उनकी लव लाइफ की करें तो भूपिंदर की लव लाइफ भी काफी कमाल की रही. उनकी पत्नी बंगाली थी जबकि वो पंजाबी थे. उनकी पत्नी का नाम मिताली मुखर्जी है. भूपिंदर ने पहली बार मिताली की आवाज दूरदर्शन पर आरोही नाम के एक कार्यक्रम में सुनी और वो उनकी आवाज के दीवाने हो गए. मिताली ने भूपिंदर का गाया एक बंगाली गीत सुना था जोकि उन्हें बहुत पसंद आया. जब दोनों की पहली मुलाकात हुई तो मिताली ने अपना परिचय देना चाहा. उन्हें रोकते हुए भूपिंदर ने कहा- 'हां मैं आपको जानता हूं, मैंने आपके गीत दूरदर्शन पर सुने हैं. मुझे आपकी आवाज़ बहुत पसंद है.' चूंकि दोनों का संगीत से बेहद लगाव था इसलिए ये अक्सर मिला करते थे. 1983 में दोनों शादी कर ली.