Scam 2003: मिलिए गगन देव रियार से, जिन्होंने परदे पर तेलगी बनने के लिए बढ़ाया था 18 किलो वजन

Scam 2003: जब से स्कैम 2003 की घोषणा हुई थी तब से ही लोग न सिर्फ वेब सीरिज बल्कि उस एक्टर के बारे में भी जानना चाहते हैं जिसने तेलगी का किरदार निभाया है. जानिए गगन देव रियार के बारे में जो बने हैं ऑनस्क्रीन अब्दुल करीम तेलगी.

Gagan Dev Riar
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 01 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 3:26 PM IST
  • परिवार ने दी अभिनय की राह
  • तेलगी का किरदार करने के लिए की तैयारी

स्कैम 1992 के बाद लोगों को SonyLIV की सीरिज स्कैम 2003 का बेसब्री से इंतजार था. यह सीरिज अब्दूल करीम तेलगी और स्टैंप पेपर स्कैम पर आधारित है. इस सीरिज में तेलगी के किरदार को निभाने के लिए हंसल मेहता ने एक बार फिर थिएटर के मंझे हुए कलाकार पर दाव लगाया है. तेलगी का किरदार थिएटर कलाकार गगन देव रियार ने निभाया है. 

गगन फिल्मों में नजर आ चुके हैं लेकिन वह अपने थिएटर के लिए ज्यादा जाने जाते हैं. और अब स्कैम 2003 के लिए उनकी चर्चा हो रही है. गगन पृथ्वी थिएटर से जुड़े हुए हैं और देखा जाए तो इस थिएटर का मंच एक अच्छे ऑडिशन रील की तरह है. एक समझदार दर्शक हमेशा एक भविष्य के सितारे या एक महान चरित्र अभिनेता को देख सकता है. 

मीरा नायर ने पहचाना उनका क्राफ्ट 
गगन देव रियार ने सुनील शानबाग के 'स्टोरीज़ इन ए सॉन्ग' (2010) और अतुल कुमार की 'पिया बहरूपिया' (2012) जैसे सफल नाटकों में छोटी भूमिकाएं निभाईं. मीरा नायर ने उन्हें 'स्टोरीज़ इन ए सॉन्ग' में देखा था और फिर उन्हें 'मॉनसून वेडिंग' के अपने ऑफ-ब्रॉडवे म्यूजिकल वर्जन में कास्ट किया. 'मॉनसून वेडिंग' में 21 कलाकार थे, लेकिन फिर भी वाशिंगटन पोस्ट के थिएटर समीक्षक ने गगन के काम का तारीफ की. 

इसके बाद, नायर ने उन्हें 'ए सूटेबल बॉय' के टीवी रूपांतरण में फिर से कास्ट किया, जहां फिल्म निर्माता हंसल मेहता ('स्कैम 1992: द हर्षद मेहता स्टोरी') ने उन पर ध्यान दिया. और अब गगन सोनीलिव पर सीक्वल 'स्कैम 2003' में अब्दुल करीम तेलगी के रूप में अपने लीड रोल की शुरुआत कर रहे हैं. 

परिवार ने दी अभिनय की राह
अक्सर मिडिल क्लास घरों के बच्चे बगावत करके अभिनय की दुनिया में पहुंचके हैं. लेकिन गगन को यह राह खुद उनके परिवार से मिली. मुंबई में गगन का जन्म एक सपने देखने वालों के परिवार में हुआ.  उन्होंने बताया कि उनके पिता अभिनेता बनना चाहते थे, जो कई कारणों से वह हासिल नहीं कर सके. इसलिए जब वह 16 साल के हुए, तो पिता ने उनसे पूछा कि क्या मैं अभिनय करना चाहता हूँ.  

गगन की दिलचस्पी देखकर उन्होंने दो महीने के समर प्रोग्राम के लिए चेंबूर में अशोक कुमार अकादमी में दाखिला लिया और बाद में माटुंगा के रूपारेल कॉलेज में सभी थिएटर कार्यक्रमों में भाग लिया. उन्होंने बताया कि एक बार उन्हें 'दामिनी' का 'तारीख पे तारीख' मोनोलॉग दिया गया था, और इसके बाद स्टेज पर एक जज ने उन्हें कहा कि आपने जो किया है वह एक फिल्मी स्पीच है. थिएटर में स्पीच अलग होती है. यह जज मराठी नाटक निर्देशक दीपक राजाध्यक्ष थे. तब गगन को समझ आया कि वह फिल्मों से ज्यादा थिएटर का मजा लेते हैं. 

तेलगी का किरदार करने के लिए की तैयारी
हंसल मेहता ने स्कैम 1992 में साबित किया कि नये चेहरे का असर ज्यादा होता है. इसलिए टीम ने जब गगन का ऑडिशन लिया तो उन्हें लगा कि उनका चेहरा तेलगी से थोड़ा मेल खाता है. लेकिन तेलगी के किरदार में फिट बैठने के लिए गगन ने बहुत मेहनत की. एक साल उन्होंने अपना वजन बढ़ाया, ताकि उनका लुक रोल के लिए परफेक्ट बन सके. 

गगन का वजन 78 किलो से 96 किलो हो गया था. इसके लिए उन्होंने खूब खाया. उनका दिन सुबह पांच अंडों से शुरू होता था और रात में चार गुलाब जामुन के साथ समाप्त होता था. उनका कहना है कि वह किरदारों को आत्मसात नहीं करते, चाहे वह मंच के लिए हो या स्क्रीन के लिए. वह बॉडी लैंग्वेज और बोलने के तरीके को समझकर किरदार में घुस जाते हैं.  

तेलगी के हाव-भाव को समझा 
गगन ने तेलगी का केवल एक टेलीविजन साक्षात्कार 'मनी माफिया' देखा है. इसलिए, उन्होंने उनके स्पीच का पैटर्न लिया और अपने किरदार को उसके इर्द-गिर्द बुना. तस्वीरों से उन्हें उसके हाथ के इशारे समझ में आ गए. उन्होंने कर्नाटक में खानापुर का भी दौरा किया और अपने उच्चारण पर काम करने के लिए स्थानीय लोगों और विक्रेताओं की भाषा को रिकॉर्ड किया. गगन ने खुद को पूरी तरह से तेलगी बनाने की कोशिश की है. और शायद वह कोशिश रंग भी ला रही है. 

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